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जालोर: मीट की दुकान बंद कराने को लेकर अब ग्रामीणों का अल्टीमेटम....लम्बे समय से कर रहे है मांग

कई बार चितलवाना कस्बा मीट की दुकान बंद करवाने की मांग को लेकर बंद भी रखा गया था, लेकिन कस्बे के बीच चल रहा पशुओं का कत्ल खाना बंद नहीं हुआ है. जिसके बाद 14 मई तक का ग्रामीणों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया.

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Published : May 12, 2019, 2:33 AM IST

जालोर के चितलवाना का मामला

जालोर. जिले के चितलवाना कस्बे के ग्रामीण और व्यापारी इन दिनों एक मीट की दुकान को लेकर काफी परेशान है. कस्बे के बीचों बीच चल रहे पशुओं के कत्ल खाने को बंद करवाने के लिए ग्रामीण व व्यापारी लम्बे समय से लामबंद हो रहे है. कई बार चितलवाना कस्बा मीट की दुकान बंद करवाने की मांग को लेकर बंद भी रखा गया था, लेकिन कस्बे के बीच चल रहा पशुओं का कत्ल खाना बंद नहीं हुआ है.

स्थानीय व्यापारी बताते है मीट की दुकान कस्बे के बीच में संचालित हो रही है. यहां पर पशुओं को काटने के कारण गंदगी फैली रहती है. आलम यह है कि उस दुकान के आसपास में दुर्गंध इतनी है कि वहां पर कोई खड़ा तक नहीं रह सकता है.

दुकान को हटाने के लिए 7 महीने से प्रयास कर रहे ग्रामीण व व्यापारी
चितलवाना कस्बे में अवैध रूप से चल रही मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण लम्बे समय से प्रयास कर रहे है. पिछले साल जुलाई में भी मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर बड़ी रैली का आयोजन किया गया था. वहीं व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बन्द रख कर इसमें भाग लिया था. तब मामले को बढ़ता देख कर प्रशासन ने जल्द दुकान बंद करवाने का वादा किया था. लेकिन, बाद में इस मामले में कोई कार्रवाही नहीं हुई. जिसके चलते यह मांस की दुकान अभी तक चल रही है.

मीट की दुकान बन्द करने के लिए ग्रामीण एकजुट

ज्ञापन में लगाया आरोप, हिरणों का होता है शिकार
चितलवाना में मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए कुछ दिन पहले ग्रामीण एकत्रित हुए थे. मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया था. जिसमें आरोप लगाया कि इस दुकान पर मांस लाने के लिए आसपास के क्षेत्रों में हिरणों का शिकार किया जाता है.

14 मई तक का है प्रशासन को अल्टीमेटम
ग्रामीणों ने बताया कि 14 मई तक प्रशासन को अल्टीमेटम दिया दिया है. वहीं मीट की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को हटाया नहीं गया तो उपखंड मुख्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

जालोर. जिले के चितलवाना कस्बे के ग्रामीण और व्यापारी इन दिनों एक मीट की दुकान को लेकर काफी परेशान है. कस्बे के बीचों बीच चल रहे पशुओं के कत्ल खाने को बंद करवाने के लिए ग्रामीण व व्यापारी लम्बे समय से लामबंद हो रहे है. कई बार चितलवाना कस्बा मीट की दुकान बंद करवाने की मांग को लेकर बंद भी रखा गया था, लेकिन कस्बे के बीच चल रहा पशुओं का कत्ल खाना बंद नहीं हुआ है.

स्थानीय व्यापारी बताते है मीट की दुकान कस्बे के बीच में संचालित हो रही है. यहां पर पशुओं को काटने के कारण गंदगी फैली रहती है. आलम यह है कि उस दुकान के आसपास में दुर्गंध इतनी है कि वहां पर कोई खड़ा तक नहीं रह सकता है.

दुकान को हटाने के लिए 7 महीने से प्रयास कर रहे ग्रामीण व व्यापारी
चितलवाना कस्बे में अवैध रूप से चल रही मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण लम्बे समय से प्रयास कर रहे है. पिछले साल जुलाई में भी मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर बड़ी रैली का आयोजन किया गया था. वहीं व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बन्द रख कर इसमें भाग लिया था. तब मामले को बढ़ता देख कर प्रशासन ने जल्द दुकान बंद करवाने का वादा किया था. लेकिन, बाद में इस मामले में कोई कार्रवाही नहीं हुई. जिसके चलते यह मांस की दुकान अभी तक चल रही है.

मीट की दुकान बन्द करने के लिए ग्रामीण एकजुट

ज्ञापन में लगाया आरोप, हिरणों का होता है शिकार
चितलवाना में मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए कुछ दिन पहले ग्रामीण एकत्रित हुए थे. मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया था. जिसमें आरोप लगाया कि इस दुकान पर मांस लाने के लिए आसपास के क्षेत्रों में हिरणों का शिकार किया जाता है.

14 मई तक का है प्रशासन को अल्टीमेटम
ग्रामीणों ने बताया कि 14 मई तक प्रशासन को अल्टीमेटम दिया दिया है. वहीं मीट की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को हटाया नहीं गया तो उपखंड मुख्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

Intro:मीट की दुकान को बंद करने की मांग की लेकर कई बार कस्बे को रखा बन्द, लेकिन मीट की दुकान नहीं हुई बन्द
- जालोर के चितलवाना का मामला
- व्यापारियों व ग्रामीणो ने बदबू व गंदगी से हो रही है परेशानी
जालोर
जालोर जिले के चितलवाना कस्बे के ग्रामीण व व्यापारी इन दिनों एक मीट की दुकान को लेकर काफी परेशान है। कस्बे के बीचों बीच चल रहे पशुओं के कत्ल खाने को बंद करवाने के लिए ग्रामीण व व्यापारी लम्बे समय से लामबंद हो रहे है। कई बार चितलवाना कस्बा दुकान बंद करवाने की मांग को लेकर बंद भी रखा गया था, लेकिन कस्बे के बीच चल रहा पशुओं का कत्ल खाना बंद नहीं हुआ है। ऐसे में परेशान ग्रामीण किसके आगे अपना रोना रोये यह समझ नहीं आ रहा है। स्थानीय व्यापारी बताते है मीट की दुकान कस्बे के बीच में संचालित हो रही है। यहां पर पशुओं को काटने के कारण गंदगी फैली रहती है। आलम यह है कि उस दुकान के आसपास में दुर्गंध इतनी है कि वहाँ पर कोई खड़ा तक नहीं रह सकता है।
इस दुकान को हटाने के लिए 7 माह से प्रयास कर रहे है ग्रामीण व व्यापारी
चितलवाना कस्बे में अवैध रूप से चल रही मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण लम्बे समय से प्रयास कर रहे है। पिछले साल जुलाई में भी मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर बड़ी रैली का आयोजन किया गया था, वहीं व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बन्द रख कर इसमें भाग लिया था। तब मामले को बढ़ता देख कर प्रशासन ने जल्द दुकान बंद करवाने का वादा किया था, लेकिन बाद में इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके चलते यह मांस की दुकान अभी तक चल रही है।
जगह जगह बिखरी हड्डियों के कारण परेशान है लोग
ग्रामीणों ने बताया कि चितलवाना गांव में ज्यादातर लोग शाकाहारी है, लेकिन मांस की दुकान के कारण जगह जगह मारे हुए पशुओं की हड्डियां व खाल बिखरी पड़ी होती है। जिसके कारण कभी दोनों समुदाय के बीच विवाद भी उत्पन हो सकता है। वहीं गंदगी सड़कों पर फैलाने के कारण दुर्गंध से लोग परेशान है। ग्रामीणों ने मांग की है कि चितलवाना कस्बे के बीचों बीच चल रही मांस की दुकान को जल्द बन्द करवाया जाए।
ज्ञापन में लगाया आरोप, हिरणों का होता है शिकार
चितलवाना में मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए कुछ दिन पहले ग्रामीण एकत्रित हुए थे और मांस की दुकान को बंद करवाने के लिए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया था। जिसमें आरोप लगाया कि इस दुकान पर मांस लाने के लिए आसपास के क्षेत्रों में हिरणों का शिकार किया जाता है।
14 मई तक का है प्रशासन को अल्टीमेटम
ग्रामीणों ने बताया कि 14 मई तक प्रशासन को अल्टीमेटम दिया हुआ है कि मीट की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को हटाया नहीं गया तो उपखंड मुख्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया जाएगा।


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Conclusion:यह खबर चितलवाना की है जो जालोर जिले से 200 किमी दूर है। ऐसे में इसके विजुअल मेल से भेज रहा हूं। इस खबर में एक बाईट है
जगदीश बिश्नोई, अध्यक्ष चितलवाना विकास सेवा समिति चितलवाना
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