जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (Rural Development and Panchayati Raj Department) के अंतर्गत 'राजीविका' की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) के माध्यम से चलाई जा रही माइक्रो फाइनेंसिंग (Micro Financing) गतिविधियों से महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे पहले से और अधिक सशक्त हुई हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार उत्पादों और सफल स्वयं सहायता समूहों की सक्सेस स्टोरी की डाॅक्यूमेंट्री तैयार कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही अन्य जिलों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को इस बारे में जानकारी दी जाए, ताकि वे भी नवाचारों से लाभान्वित हो सकें.
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) के साथ उन्हें जरूरी प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने और उनके तैयार उत्पादों को मार्केटिंग प्लेटफार्म (Marketing Platform) उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने जिला स्तर पर प्रभावी माॅनिटरिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. इस दौरान मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रभावी प्लेटफार्म उपलब्ध कराने और उनके तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने कस्टमर हायरिंग सेन्टर्स (Customer Hiring Centers) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को 'जीरो वेस्ट' नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग देने का सुझाव दिया.
राजीविका की मिशन निदेशक शुचि त्यागी ने राजीविका की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को डिजिटल फाइनेंस (Digital Finance) के बारे में शिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजीविका के तहत 2 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 23 लाख 50 हजार ग्रामीण परिवारों को लाभांवित किया गया है. एक लाख 48 हजार स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फंड के रूप में 15-15 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही 81 हजार 641 समूहों को आजीविका संवर्धन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपये का भुगतान किया गया है. एक लाख 33 हजार स्वयं सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से 1 हजार 566 करोड़ रुपये का ऋण दिलवाया गया है.
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उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों का फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसे ई-काॅमर्स प्लेटफार्म पर भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. बीसी सखी और डिजी-पे सखी के रूप में भी महिलाएं वित्तीय समावेशन से जुड़ रही हैं. समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, सचिव पंचायती राज मंजू राजपाल, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव केके पाठक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.