धौलपुर. जिले में आखातीज के मौके पर सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मलेन में बाल विवाह का मामला सामने आया. शहर के ओंडेला रोड स्थित रीको क्षेत्र में ये विवाह सम्मलेन आयोजित हुआ था. जिसके बाद छायांकन जनचेतना एनजीओ के बैनर तले हुए सामूहिक विवाह सम्मलेन में महिला कल्याण अधिकारी ने दो बाल विवाह रुकवाने के साथ 23 जोड़ों में से 8 से 10 नाबालिगों के विवाह कराये जाने की आशंका जताई.
जिला प्रशासन की नाक के नीचे हुए बाल विवाह को रोकने के लिए जहां महिला कल्याण अधिकारी ने अकेले पहुंचकर बाल विवाह रुकवाएं. वहीं दूसरी ओर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने बाल विवाहों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई. महिला अधिकारिता विभाग की ओर से एनजीओ को सामूहिक विवाह सम्मलेन के लिए 18 हजार रूपये प्रति जोड़े के लिए अनुदान राशि दी जाती है. जिसके लिए बांके बिहारी एनजीओ ने उन्हें 13 जोड़ों के विवाह के लिए आवेदन किया था. बांकेबिहारी एनजीओ के सामूहिक विवाह सम्मलेन को चेक करने के बाद महिला कल्याण अधिकारी कनुप्रिया कौशिक को रीको के जंगलों में छायांकन जनचेतना एनजीओ द्वारा 25 जोड़ों के सामूहिक विवाह सम्मलेन में ज्यादातर बाल विवाह कराये जाने की सूचना मिली.
जिस सूचना पर मौके पर पहुंची महिला कल्याण अधिकारी के पहुंचने से पहले कई जोड़ों की शादी हो चुकी थी. वहीं शादी के मंडप में बैठे दो जोड़ों के जब आयु सम्बन्धी दस्तावेज देखें गए तो उन्हें दोनों बालिका नाबालिग मिली. बालिकाओं के नाबालिग होने पर एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने महिला कल्याण अधिकारी को आयु प्रमाणित करने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट दिखा दिए.
मेडिकल सर्टिफिकेट के फर्जी दिखने पर महिला कल्याण अधिकारी ने निहालगंज पुलिस को फोन कर दिया. लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही सभी जोड़े और एनजीओ के सदस्य महिला कल्याण अधिकारी को मौके पर छोड़कर भाग गये. इसी दौरान महिला कल्याण अधिकारी और उनके साथ पहुंची कोर्डिनेटर नरगिस बानो और अखिलेश शर्मा ने चाइल्ड केयर को फोन कर मामले की जानकारी देते हुए सभी जोड़ों के मेडिकल सर्टिफिकेट लिए. जिन पर चिकित्सा अधिकारी की मोहर और एक जैसे हस्ताक्षर मिले.
वहीं महिला कल्याण अधिकारी ने मेडिकल दस्तावेजों को फर्जी मानते हुए 8 से 10 जोड़ों के नाबालिग होने की आशंका जताते हुए सभी दस्ताबेज को जब्त कर मौका नक्शा बनाकर एसडीएम कार्यालय में पेश कर दिए. प्रशासन को जानकारी में मामला होने के बाद देर रात तक किसी ना तो पुलिस ने ही मामले में कोई ठोस कदम उठाया है ना ही जिला प्रशासनिक अधिकारी देर रात तक मामले को लेकर गंभीर दिखे.