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बूंदी ट्रक यूनियन अवैध करार , 20 साल बाद नगर परिषद् की जीत - बूंदी

बूंदी नगर परिषद की 20 साल बाद जीत हुई है. जिला जज ने ट्रक यूनियन को अवैध करार देते हुए आदेश दिए है कि जल्द जमीन को सुपुर्द की कार्रवाई कर.

20 साल बाद नगर परिषद की जीत
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Published : May 18, 2019, 7:43 PM IST

बूंदी. शहर के बायपास रोड स्थित ऑल इंडिया ट्रक यूनियन को बूंदी डीजे कोर्ट ने अवैध करार दे दिया है. साथ ही नगर परिषद को कहा है की जल्द ट्रक यूनियन की भूमि को सुपुर्द कर ले, वरना 2 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान सभापति और आयुक्त को अपनी निजी जेब से करना होगा. इस मामले में 20 साल बाद नगर परिषद की जीत हुई है.

जानकारी के अनुसार सन् 1996 में नगर परिषद के अधीन ट्रक यूनियन के लीज की अवधि समाप्त हो गयी थी. जिसका नोटिस नगर परिषद ने ट्रक यूनियन को दिया था. लेकिन नोटिस का कोई फर्क यूनियन को नहीं पड़ा. बूंदी नगर परिषद द्वारा उसी साल 29 लाख 82 हजार की लीज रेट के हिसाब से कुल 1 करोड़ 62 लाख 42 हजार रुपए जमा करवाकर फिर से लीज लेने की बात कही. लेकिन ट्रक यूनियन नहीं माना और नगर परिषद ने बूंदी कोर्ट में दावा पेश कर दिया. जिस पर ट्रक यूनियन की करीब 4945 वर्ग गज भूमि के लिए चले विवाद में शनिवार को 20 साल बाद डीजे कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

20 साल बाद नगर परिषद की जीत

यह फैसला बूंदी नगर परिषद के लिए ऐतिहासिक बताया जा रहा है. जहां इस तरह की भूमि पर नगर परिषद का मालिकाना हक मिला हो. इससे बताया जा रहा है की नगर परिषद आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी. भूमि से अच्छा राजस्व परिषद को मिल जायेगा. अब जल्द नगर परिषद का अतिक्रमण दस्ता कार्रवाई को अंजाम देने वाला है.

बूंदी. शहर के बायपास रोड स्थित ऑल इंडिया ट्रक यूनियन को बूंदी डीजे कोर्ट ने अवैध करार दे दिया है. साथ ही नगर परिषद को कहा है की जल्द ट्रक यूनियन की भूमि को सुपुर्द कर ले, वरना 2 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान सभापति और आयुक्त को अपनी निजी जेब से करना होगा. इस मामले में 20 साल बाद नगर परिषद की जीत हुई है.

जानकारी के अनुसार सन् 1996 में नगर परिषद के अधीन ट्रक यूनियन के लीज की अवधि समाप्त हो गयी थी. जिसका नोटिस नगर परिषद ने ट्रक यूनियन को दिया था. लेकिन नोटिस का कोई फर्क यूनियन को नहीं पड़ा. बूंदी नगर परिषद द्वारा उसी साल 29 लाख 82 हजार की लीज रेट के हिसाब से कुल 1 करोड़ 62 लाख 42 हजार रुपए जमा करवाकर फिर से लीज लेने की बात कही. लेकिन ट्रक यूनियन नहीं माना और नगर परिषद ने बूंदी कोर्ट में दावा पेश कर दिया. जिस पर ट्रक यूनियन की करीब 4945 वर्ग गज भूमि के लिए चले विवाद में शनिवार को 20 साल बाद डीजे कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

20 साल बाद नगर परिषद की जीत

यह फैसला बूंदी नगर परिषद के लिए ऐतिहासिक बताया जा रहा है. जहां इस तरह की भूमि पर नगर परिषद का मालिकाना हक मिला हो. इससे बताया जा रहा है की नगर परिषद आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी. भूमि से अच्छा राजस्व परिषद को मिल जायेगा. अब जल्द नगर परिषद का अतिक्रमण दस्ता कार्रवाई को अंजाम देने वाला है.

Intro:बूंदी शहर के बायपास रोड स्थित ऑल इंडिया ट्रक यूनियन को बूंदी डीजे कोर्ट ने अवैध करार दे दिया है और नगर परिषद् को साफ़ साफ कहा है की जल्द ट्रक यूनियन की भूमि को सुपुर्द कर ले वार्ना 2 लाख रूपये प्रतिमाह का भुगतान सभापति एवं आयुक्त को अपनी निजी जेब से करना होगा। इस मामले में 20 साल बाद नगर परिषद् की जीत हुई है। 





Body:जानकारी के अनुसार सन 1996 में नगर परिषद् के अधीन ट्रक यूनियन के लीज की अवधि समाप्त हो गयी थी जिसका नोटिस नगर परिषद् ने ट्रक यूनियन को दिया था लेकिन नोटिस का कोई फर्क यूनियन को नहीं पड़ा। बूंदी नगर परिषद द्वारा उसी साल 29 लाख 82 हजार की लीज रेट के हिसाब से कुल 1 करोड़ 62 लाख 42 हजार रूपये जमा करवाकर फिर से लीज लेने की बात कही लेकिन ट्रक यूनियन नहीं माना और नगर परिषद् ने बूंदी कोर्ट में धावा टोक दिया यहां ट्रक यूनियन की करीब 4945 वर्ग गज भूमि के लिए चले विवाद में आज 20 साल बाद डीजे कोर्ट ने फैसला सुनाया है। 





Conclusion:यह फैसला बूंदी नगर परिषद् के लिए ऐतिहासिक बताया जा रहा है जहां इस तरह की भूमि पर नगर परिषद् का मालिकाना हक मिला हो। इससे बताया जा रहा है की नगर परिषद् आर्थिक मंदी स्थिति ठीक हो जाएगी। भूमि से अच्छा राजस्व परिषद् को मिल जायेगा। अब जल्द नगर परिषद् का अतिक्रमण दस्ता कार्रवाई को अंजाम देने वाला है। 


बाईट - गीतेश पंचोली , वकील 

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