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झालावाड़: भीम आर्मी ने मिनी सचिवालय में किया प्रदर्शन, की ये मांग...

कृषि संबंधी बिलों और सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक की मांग को लेकर झालावाड़ के मिनी सचिवालय में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.

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Published : Sep 26, 2020, 6:16 PM IST

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भीम आर्मी ने मिनी सचिवालय में किया प्रदर्शन

झालावाड़. जिले के मिनी सचिवालय में भीम आर्मी ने किसान बिलों के विरोध और सरकारी क्षेत्र में निजीकरण पर रोक की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान भीम आर्मी ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

भीम आर्मी का कहना है कि वर्तमान केंद्र सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को छोड़कर जातिवादी एवं पूंजीवादी व्यवस्था को देश पर थोप रही है, जिससे देश के कमजोर, शोषित व वंचित वर्ग के लोग लगभग बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं. भाजपा सरकार ने रेलवे, बैंक, एलआईसी व ओएनजीसी जैसे सभी संस्थानों का निजीकरण करने में व्यस्त है. वहीं दिन प्रतिदिन देश की संवैधानिक व्यवस्था भी खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है.

पढ़ें- जेपी नड्डा की नई टीम में वसुंधरा राजे, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ समेत प्रदेश के चार बड़े नेताओं को मिली जगह

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि निजीकरण का बढ़ता हुआ आलम यह है कि आज शासन प्रशासन के सभी क्षेत्रों में अधिकारियों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग की परीक्षा से नहीं, बल्कि लेटरल एंट्री के जरिए हो रही है. अन्य क्षेत्रों में भी यही हाल है. कहीं आउटसोर्सिंग के जरिए तो कहीं संविदा के आधार पर नियुक्तियां हो रही हैं. वहीं आपदा के दौर में किसानों की मदद करने के बजाय सरकार के द्वारा किसान विरोधी विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के निरंकुशता के साथ पास किया जा रहा है, जिससे किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं.

ऐसे में भीम आर्मी की मांग है कि राष्ट्र हित की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकारी संस्थाओं व उपक्रमों का निजीकरण तत्काल प्रभाव से रोका जाए. निजी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को रोजगार सुनिश्चित किया जाए तथा वर्तमान सत्र में पास किए गए तीनों किसान विरोधी कृषि विधेयकों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए.

झालावाड़. जिले के मिनी सचिवालय में भीम आर्मी ने किसान बिलों के विरोध और सरकारी क्षेत्र में निजीकरण पर रोक की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान भीम आर्मी ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

भीम आर्मी का कहना है कि वर्तमान केंद्र सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को छोड़कर जातिवादी एवं पूंजीवादी व्यवस्था को देश पर थोप रही है, जिससे देश के कमजोर, शोषित व वंचित वर्ग के लोग लगभग बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं. भाजपा सरकार ने रेलवे, बैंक, एलआईसी व ओएनजीसी जैसे सभी संस्थानों का निजीकरण करने में व्यस्त है. वहीं दिन प्रतिदिन देश की संवैधानिक व्यवस्था भी खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है.

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि निजीकरण का बढ़ता हुआ आलम यह है कि आज शासन प्रशासन के सभी क्षेत्रों में अधिकारियों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग की परीक्षा से नहीं, बल्कि लेटरल एंट्री के जरिए हो रही है. अन्य क्षेत्रों में भी यही हाल है. कहीं आउटसोर्सिंग के जरिए तो कहीं संविदा के आधार पर नियुक्तियां हो रही हैं. वहीं आपदा के दौर में किसानों की मदद करने के बजाय सरकार के द्वारा किसान विरोधी विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के निरंकुशता के साथ पास किया जा रहा है, जिससे किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं.

ऐसे में भीम आर्मी की मांग है कि राष्ट्र हित की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकारी संस्थाओं व उपक्रमों का निजीकरण तत्काल प्रभाव से रोका जाए. निजी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को रोजगार सुनिश्चित किया जाए तथा वर्तमान सत्र में पास किए गए तीनों किसान विरोधी कृषि विधेयकों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए.

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