जयपुर. औषधि नियंत्रक विभाग की ओर से जयपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत बड़ी संख्या में दवाओं में हेरफेर के मामले सामने आए हैं. इसके तहत विभाग की ओर से शनिवार को जयपुर के 3 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है, जहां कोरोना संबंधी दवाओं के विक्रय एवं संधारण में अनियमितता पाई गई. इसके बाद विभाग की ओर से तीनों अस्पतालों पर कार्रवाई भी की गई है.
औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के निर्देशन में जयपुर के तीन अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई, प्रताप नगर स्थित उर्मिल चेस्ट एवं टीबी अस्पताल में रेमडेसीविर एवं फेवीपिरवीर को बिना बिल विक्रय करना पाया गया तथा कोरोना से संबंधित एक्सपायरी दवाइयों को भी विक्रय के लिए संधारित स्टाक के साथ रखा जाना पाया गया. फर्म पर न तो शेड्यूल H1 का रिकॉर्ड संधारित पाया गया और न ही विक्रय बिलों की कॉपियां संधारित पाई गई.
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औषधियों के फिजिकल स्टॉक एवं कंप्यूटर स्टॉक में भी गड़बड़ियां पाई गई. वहीं सांगानेर के भानु अस्पताल एवं हरमाड़ा स्थित दीर्घायु अस्पताल में बिना फार्मासिस्ट की उपस्थिति के कोरोना से संबंधित औषधियों का विक्रय किया जाना पाया गया तथा शेड्यूल H1 रिकॉर्ड एवं विक्रय बिल भी संधारित नहीं पाए गए तथा एक्सपायरी दवाइयों के संधारण में भी अनियमितताएं पाई गई. इसके बाद विभाग की ओर से फर्मो के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम में कार्रवाई की जाएगी. सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ वंदना कुमारी, सपना पारीक, संजू सिंह, महेश बयाडवाल एवं नवीन जाजोरिया की टीम द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.