नई दिल्ली : राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. जिसे लेकर गुरुवार को भी उच्च सदन में हंगामा हुआ. इसके बाद निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन भी किया. निलंबित सांसदों का कहना है कि वे सरकार से माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
इस मसले को लेकर विपक्ष हमलावर है और इस बात पर जोर दे रहा है कि निलंबन कानूनी नहीं है, उच्च सदन के सभापति ने कहा है कि अगर वे सांसद माफी मांगेंगे, तो निलंबन रद्द किया जा सकता है.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ( congress mp Naseer Hussain) (निलंबित राज्यसभा सांसदों में से एक) ने कहा कि हम किसी भी चीज पर माफी नहीं मांगने जा रहे हैं, क्योंकि हम अपने देश के लिए कृषि कानून, सीमाओं पर चीनी घुसपैठ, पेगासस, मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दे उठा रहे हैं और यदि आप हमें इन मुद्दों के लिए निलंबित कर रहे हैं तो कोई भी माफी मांगने वाला नहीं है और हम इस विरोध को जारी रखेंगे.
कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि यह निलंबन वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की साजिश है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of Opposition in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge ) ने इस मसले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भले ही वे अपने रुख पर अडिग हों, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है. विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस सरकार ने जानबूझ कर हमारे सांसदों को निलंबित कर दिया है.
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गौरतलब है कि उच्च सदन ने सोमवार को 11 अगस्त को मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान सदन में हंगामा करने पर 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र (Winter Session) के लिए निलंबित कर दिया था. निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना से हैं.