झुंझुनू. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार सुबह जिले के पिलानी स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. यहां उपराष्ट्रपति ने विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत विश्व में एक शक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है और भविष्य में हम तेजी से विकास करने वाले हैं. इस बीच विपक्ष पर भी तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का हाजमा देश का विकास देख कर बिगड़ गया है.
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि अपनी बात कहने के लिए दुनिया का चक्कर लगाते हैं. अब कहीं न कहीं कोई तो सुनने वाला मिलेगा ही, लेकिन इसका जवाब देश की जनता को देना है. पावर ब्रोकर्स को खत्म करना देश के सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है. देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका है. हमने उन अंग्रेजों को भी पछाड़ दिया है, जो कभी हम पर राज किया करते थे. इस दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा.
इसे भी पढ़ें - उपराष्ट्रपति विपक्ष पर तंज कसते हुए बोले, भारत की उपलब्धि पर कुछ लोगों का हाजमा बिगड़ जाता है, भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर
उपराष्ट्रपति ने की पीएम मोदी की तारीफ - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीकन यूनियन को जी 20 में शामिल करना और भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर पर आम सहमति बनने से अब देश की तरक्की तेजी से होगी. वहीं, वर्ल्ड बैंक के चेयरमैन ने जी 20 सम्मेलन में कहा था कि बीते 5 साल में भारत ने जो आर्थिक तरक्की की है, वो 47 साल में भी संभव नहीं था. उन्होंने बताया कि देश का डिजीटल ट्रांजेक्शन यूएसए, यूके, जर्मनी जैसे विकसित देशों से 4 गुना अधिक है. डाटा कंजप्शन चीन और यूएसए से कहीं अधिक है. इसके अलावा स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न के मामले में तो भारत चीन से आगे निकल चुका है.
असफलता के डर से प्रयास करना नहीं छोड़ें - छात्रों को मोटिवेशन देते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि नॉलेज मनुष्य का सबसे बड़ा पावर हाउस है, इसलिए असफलता के डर से प्रयास करना कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने अपनी जन्मभूमि को याद करते हुए कहा कि मेरा जन्म स्थान किठाना है, लेकिन मेरा असली जन्म सैनिक स्कूल में पढ़ने के दौरान हुआ. स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि फेल्योर से मत डरो और प्रयास करने से कभी पीछे मत हटो, क्योंकि आज तक किसी भी तरह की उपलब्धि, अनुसंधान या अविष्कार बिना फेल्योर के पूरा नहीं हुआ है.
उन्होंने बिट्स संस्थान को लेकर कहा कि वो यहां 36 सालों के बाद आए हैं और उन्हें यहां बहुत अच्छा लग रहा है. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने छात्रों से संवाद भी किया, छात्रों ने उनसे अलग-अलग तरह के सवाल पूछे. उन्होंने सभी सवालों का बड़ी ही सहजता से जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल और तत्कालीन राज्यसभा सांसद केके बिड़ला को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि बिट्स से उनका रिश्ता तीन दशक से भी अधिक पुराना है. इस दौरान केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे.
इसे भी पढ़ें - उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों से किया संवाद, कहा- दिल से निकालें फेल होने का डर, SMS अस्पताल जाकर रामेश्वर डूडी का जाना हाल
बिट्स के लिए की ये 3 घोषणाएं
- इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर, जिसके उपराष्ट्रपति खुद अध्यक्ष हैं और बिट्स के बीच एक एमओयू साइन होगा, जिसका मसौदा बाद में तय किया जाएगा.
- बिट्स के 50 से 100 स्टूडेंट्स उपराष्ट्रपति के गेस्ट के रूप में भारत मंडपम, यशोभूमि, नया संसद भवन, प्रधानमंत्री म्यूजियम और वॉर मेमोरियल जाएंगे.
- विंटर सेशन में बिट्स के पांच स्टूडेंट्स राज्यसभा की कार्यवाही में उपराष्ट्रपति को असिस्ट करेंगे.