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हिंदू जुलूसों पर हमला करने वालों के खिलाफ लगाया जाए NSA: विश्व हिंदू परिषद

विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने पिछले सप्ताह रामनवमी समारोह के दौरान धार्मिक जुलूसों पर हमला (attack on religious processions) करने वालों पर एनएसए लगाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन (Dr Surendra Jain Joint General Secretary of VHP) ने अल जवाहिरी द्वारा जारी वीडियो बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश थी और पीएफआई जैसे संगठन भी इस साजिश में शामिल हैं.

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Published : Apr 16, 2022, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन (Dr Surendra Jain Joint General Secretary of VHP) ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि जिहादी तत्वों द्वारा हिंदू धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाया जा रहा है. पिछले हफ्ते जेएनयू सहित 20 से अधिक स्थानों पर हिंदू धार्मिक जुलूसों और कार्यक्रमों पर हमला किया गया है.

सुरेंद्र जैन ने कहा कि धार्मिक जुलूसों पर घरों की छत से पत्थर, पेट्रोल बम और यहां तक ​​कि तेजाब की बोतलें फेंकी गईं. इतना ही नहीं हमलावर हथियार लहरा रहे थे और उन्होंने महिलाओं से छेड़छाड़ की भी कोशिशें की हैं. यहां तक कि पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया. विहिप इन घटनाओं को आतंकवादी हमला मानती है और इसलिए हम मांग करते हैं कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए.

डॉ. सुरेंद्र जैन ने अल जवाहिरी द्वारा जारी वीडियो बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश थी और पीएफआई जैसे संगठन भी इस साजिश में शामिल हैं. हिंदुओं के खिलाफ हमलों में भारत विरोधी तत्वों और टूलकिट की संलिप्तता को उजागर नहीं किया गया है. यह तथ्य सामने आया है कि इन जिहादी तत्वों को 87 प्रतिशत से अधिक मदद भारत के बाहर से आई थी. कई सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है.

राम नवमी समारोह के दौरान मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों से झड़प की घटनाएं सामने आईं. रामनवमी के अवसर पर छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसे जाने के बाद प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से भी छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प की घटना सामने आई. आरएसएस से संबद्ध छात्र समूह एबीवीपी ने आरोप लगाया कि उन्हें रामनवमी में यज्ञ करने से रोक दिया गया. जब उन्होंने छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसने का विरोध किया तो वाम संबद्ध छात्र संघ के छात्रों ने उन पर हमला किया. जेएनयू की घटना के बाद राज्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी में हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.

यह भी पढ़ें- सीएम गहलोत अभी केजरीवाल से सीख रहे रंग बदलना- गिरिराज

रमजान और रामनवमी समारोह के पवित्र महीने के दौरान हुई हिंसा की निंदा करते हुए लेफ्ट पार्टी ने आरोप लगाया था कि घटनाओं के दौरान अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया. विहिप ने इसे हिंदुओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश बताते हुए आरोपों को खारिज किया. सुरेंद्र जैन ने कहा कि सभी जिम्मेदारी स्वीकार करें और देश को विकास की राह पर ले जाएं. विहिप ने हमलावरों के खिलाफ राज्य सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाई की प्रशंसा की और विपक्षी राजनीतिक दलों को चेतावनी भी दी है.

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन (Dr Surendra Jain Joint General Secretary of VHP) ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि जिहादी तत्वों द्वारा हिंदू धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाया जा रहा है. पिछले हफ्ते जेएनयू सहित 20 से अधिक स्थानों पर हिंदू धार्मिक जुलूसों और कार्यक्रमों पर हमला किया गया है.

सुरेंद्र जैन ने कहा कि धार्मिक जुलूसों पर घरों की छत से पत्थर, पेट्रोल बम और यहां तक ​​कि तेजाब की बोतलें फेंकी गईं. इतना ही नहीं हमलावर हथियार लहरा रहे थे और उन्होंने महिलाओं से छेड़छाड़ की भी कोशिशें की हैं. यहां तक कि पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया. विहिप इन घटनाओं को आतंकवादी हमला मानती है और इसलिए हम मांग करते हैं कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए.

डॉ. सुरेंद्र जैन ने अल जवाहिरी द्वारा जारी वीडियो बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश थी और पीएफआई जैसे संगठन भी इस साजिश में शामिल हैं. हिंदुओं के खिलाफ हमलों में भारत विरोधी तत्वों और टूलकिट की संलिप्तता को उजागर नहीं किया गया है. यह तथ्य सामने आया है कि इन जिहादी तत्वों को 87 प्रतिशत से अधिक मदद भारत के बाहर से आई थी. कई सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है.

राम नवमी समारोह के दौरान मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों से झड़प की घटनाएं सामने आईं. रामनवमी के अवसर पर छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसे जाने के बाद प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से भी छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प की घटना सामने आई. आरएसएस से संबद्ध छात्र समूह एबीवीपी ने आरोप लगाया कि उन्हें रामनवमी में यज्ञ करने से रोक दिया गया. जब उन्होंने छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसने का विरोध किया तो वाम संबद्ध छात्र संघ के छात्रों ने उन पर हमला किया. जेएनयू की घटना के बाद राज्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी में हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.

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रमजान और रामनवमी समारोह के पवित्र महीने के दौरान हुई हिंसा की निंदा करते हुए लेफ्ट पार्टी ने आरोप लगाया था कि घटनाओं के दौरान अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया. विहिप ने इसे हिंदुओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश बताते हुए आरोपों को खारिज किया. सुरेंद्र जैन ने कहा कि सभी जिम्मेदारी स्वीकार करें और देश को विकास की राह पर ले जाएं. विहिप ने हमलावरों के खिलाफ राज्य सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाई की प्रशंसा की और विपक्षी राजनीतिक दलों को चेतावनी भी दी है.

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