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ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स: पाकिस्तानी जाय​रीन की ओर से चादर पेश, मांगी भाईचारे की दुआ - पाकिस्तान से आए जायरीन

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स पर पाकिस्तान से आए जायरीन ने चादर पेश की और दोनों देशों के बीच भाईचारे की दुआ मांगी.

Chadar offered by Pakistani jayrin
पाकिस्तानी जाय​रीन की ओर से चादर पेश
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 4:10 PM IST

पाकिस्तान से आए जायरीन ने दरगाह में पेश की चादर

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हुकूमत और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश की गई. चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से पाकिस्तानी जायरीन जुलूस के रूप में दरगाह पंहुचे. यहां रास्ते में पाकिस्तानी जायरीन कलाम पढ़ते हुए दरगाह आए. कड़ी सुरक्षा के बीच पाक जायरीन के जत्थे ने दरगाह में जियारत की.

ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स के पांचवे दिन दरगाह में जायरीन का सैलाब उमड़ पड़ा है. रात से ही जायरीन की संख्या में पहले की तुलना में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है. आशिकाने ख्वाजा अपनी मन्नतें और मुरादे लेकर ख्वाजा की चौखट को चूम रहे हैं और दोनों हाथ उठाकर दुआएं कर रहे हैं. बुधवार को पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे ने दरगाह में उर्स के मौके पर हाजरी लगाई. पाकिस्तानी जायरीन अपने साथ पाकिस्तानी हुकूमत और अवाम की ओर से चादर लेकर भी आए थे. चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से पाकिस्तानी जायरीन को 10-10 के ग्रुप में बाहर निकाला. प्रत्येक 10 लोगों के बीच 20 पुलिसकर्मी और 5 खुफिया पुलिसकर्मी मौजूद रहे. नला बाजार स्थित खजाना गली से सभी पाक जायरीन को एक साथ कर दिया गया. यहां से पाक जायरीन चादर थामे दरगाह की और आगे बढ़ चले. जुलूस में पाक जायरीन कलाम पढ़ते हुए दरगाह पहुंचे.

पढ़ें: उर्स के मौके पर सजी परंपरागत महफिल, तीन तरह से गाई जाती है कव्वाली

भाईचारे की मांगी दुआ: पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे के लीडर परवेज इकबाल इस्लामाबाद से हैं. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी हुकूमत और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश की जा रही है. दोनों मुल्कों के बीच भाईचारा कायम रहे. दरगाह में सभी के लिए दुआएं की जा रही हैं. पाकिस्तानी जायरीन गुलाम शब्बीर ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आने की मुराद पूरी हुई है. पाकिस्तान सरकार की मेहरबानी है कि उन्होंने हमें आने दिया और भारत का तहदिल से शुक्रिया जो यहां हमारा अच्छे से ख्याल रखा. उन्होंने बताया कि हर जायरिन का मकसद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हाजरी देना है.

पढ़ें: 'बीजेपी को अपने विकास कार्यों पर भरोसा नहीं, इसलिए वह धर्म की राजनीति करते हैं'- इमरान प्रतापगढ़ी

दरगाह में हुई दस्तार बंदी: दरगाह में पाकिस्तानी जायरीन के पहुंचने के बाद परिसर में अकबरी मज्जिद के पास दरगाह के खादिम की ओर से उनकी दस्तारबंदी की गई. इस दौरान हाथ उठाकर सभी पाक जायरीन ने दुआए मांगी. इसके बाद पाक जायरीन एक साथ सुरक्षा घेरे में चादर लेकर आस्ताने पहुंचे. जहां उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए और अपनी मुरादे मांग दुआएं की. दरगाह में जियारत के दौरान पाक जायरीन भावुक हो गए.

पाकिस्तान से आए जायरीन ने दरगाह में पेश की चादर

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हुकूमत और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश की गई. चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से पाकिस्तानी जायरीन जुलूस के रूप में दरगाह पंहुचे. यहां रास्ते में पाकिस्तानी जायरीन कलाम पढ़ते हुए दरगाह आए. कड़ी सुरक्षा के बीच पाक जायरीन के जत्थे ने दरगाह में जियारत की.

ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स के पांचवे दिन दरगाह में जायरीन का सैलाब उमड़ पड़ा है. रात से ही जायरीन की संख्या में पहले की तुलना में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है. आशिकाने ख्वाजा अपनी मन्नतें और मुरादे लेकर ख्वाजा की चौखट को चूम रहे हैं और दोनों हाथ उठाकर दुआएं कर रहे हैं. बुधवार को पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे ने दरगाह में उर्स के मौके पर हाजरी लगाई. पाकिस्तानी जायरीन अपने साथ पाकिस्तानी हुकूमत और अवाम की ओर से चादर लेकर भी आए थे. चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से पाकिस्तानी जायरीन को 10-10 के ग्रुप में बाहर निकाला. प्रत्येक 10 लोगों के बीच 20 पुलिसकर्मी और 5 खुफिया पुलिसकर्मी मौजूद रहे. नला बाजार स्थित खजाना गली से सभी पाक जायरीन को एक साथ कर दिया गया. यहां से पाक जायरीन चादर थामे दरगाह की और आगे बढ़ चले. जुलूस में पाक जायरीन कलाम पढ़ते हुए दरगाह पहुंचे.

पढ़ें: उर्स के मौके पर सजी परंपरागत महफिल, तीन तरह से गाई जाती है कव्वाली

भाईचारे की मांगी दुआ: पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे के लीडर परवेज इकबाल इस्लामाबाद से हैं. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी हुकूमत और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश की जा रही है. दोनों मुल्कों के बीच भाईचारा कायम रहे. दरगाह में सभी के लिए दुआएं की जा रही हैं. पाकिस्तानी जायरीन गुलाम शब्बीर ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आने की मुराद पूरी हुई है. पाकिस्तान सरकार की मेहरबानी है कि उन्होंने हमें आने दिया और भारत का तहदिल से शुक्रिया जो यहां हमारा अच्छे से ख्याल रखा. उन्होंने बताया कि हर जायरिन का मकसद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हाजरी देना है.

पढ़ें: 'बीजेपी को अपने विकास कार्यों पर भरोसा नहीं, इसलिए वह धर्म की राजनीति करते हैं'- इमरान प्रतापगढ़ी

दरगाह में हुई दस्तार बंदी: दरगाह में पाकिस्तानी जायरीन के पहुंचने के बाद परिसर में अकबरी मज्जिद के पास दरगाह के खादिम की ओर से उनकी दस्तारबंदी की गई. इस दौरान हाथ उठाकर सभी पाक जायरीन ने दुआए मांगी. इसके बाद पाक जायरीन एक साथ सुरक्षा घेरे में चादर लेकर आस्ताने पहुंचे. जहां उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए और अपनी मुरादे मांग दुआएं की. दरगाह में जियारत के दौरान पाक जायरीन भावुक हो गए.

Last Updated : Jan 17, 2024, 4:10 PM IST
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