जयपुर. उदयपुर जघन्य हत्याकांड (Udaipur Murder Case) की जांच में जुटी राजस्थान पुलिस की एसआईटी (Special Investigation Team of Rajasthan Police) अब दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हुए लोगों को आईडेंटिफाई कर उनसे पूछताछ करने के साथ ही दावत-ए-इस्लामी के फंडिंग पैटर्न की जांच में जुट गई है. अब तक की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हुए पाकिस्तान के लोगों के 18 नंबर पर उनसे लगातार बातचीत किया करते थे. इन नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल के जरिए बातचीत होती थी और साथ ही इन 18 नंबरों से देश के 25 राज्यों के तकरीबन 300 लोग भी संपर्क में हैं. जिसे लेकर एसआईटी की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसियों को पत्र लिखकर 25 राज्यों को अलर्ट करने के लिए कहा गया है.
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के 18 नंबरों के संपर्क में यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, एमपी, बिहार, गुजरात और केरल के लोग हैं. उनमें से एक अजमेर दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती भी है, जिसने 17 जून को भड़काऊ नारे लगाए थे और अभी फिलहाल फरार चल रहा है.
दावत-ए-इस्लामी की फंडिंग पैटर्न की जांच में जुटी एजेंसियां- पाकिस्तान का दावत-ए-इस्लामी संगठन भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी जड़ें फैलाने का काम कर रहा है और अब जांच में जब यह तथ्य सामने आए हैं कि 25 राज्यों में 300 लोग इस संगठन के संपर्क में थे. जांच एजेंसियां अब इस संगठन की फंडिंग पैटर्न को खंगालने में जुट गई है. भारत में संगठन से जुड़ी हुई गतिविधियों का संचालन करने के लिए किस तरह से फंडिंग की जाती है और उसे किस तरह से खर्च किया जाता है, इन तमाम पहलुओं की जांच की जा रही है. इसके साथ ही संगठन से जुड़े हुए लोगों के बैंक खातों में राशि जमा करवाई गई है या उन्हें किसी अन्य तरीके से राशि पहुंचाई गई है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
व्हाट्सएप हेड क्वॉर्टर से मांगी जानकारी- प्रकरण की जांच में जुटी राजस्थान पुलिस की एसआईटी और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों अब दावत-ए-इस्लामी के व्हाट्सएप ग्रुप और उसमें जुड़े हुए लोगों की जांच करने के साथ ही, ग्रुप से जुड़े हुए लोगों की कुंडली को खंगालने के लिए व्हाट्सएप हेड क्वार्टर से जानकारी मांग रही है. दावत-ए-इस्लामी के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े हुए लोग ग्रुप में आने वाली चीजों को आगे और कितने लोगों तक पहुंचाते हैं या उन्होंने भी अपने अलग ग्रुप बना रखे हैं, उन ग्रुप में कितने लोग शामिल हैं, इन तमाम चीजों की पड़ताल के लिए व्हाट्सएप हेड क्वार्टर से जानकारी मांगी गई है.