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जोधपुरः 12 साल की नाबालिग बनी मां, बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

जोधपुर में एक 12 साल की नाबालिग बच्ची ने बच्चे को जन्म दिया है. अस्पताल सूत्रों की मानें तो यह प्रीमेच्योर डिलीवरी है. इस मामले में बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया.

नाबालिग बनी मां
नाबालिग बनी मां
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Published : Aug 23, 2021, 2:25 PM IST

जोधपुर. जिले के शेरगढ़ क्षेत्र की एक नाबालिग बच्ची के मां बनने का मामला सामने आया है. एक अस्पताल में बच्ची ने नवजात को जन्म दिया है. राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के अनुसार शेरगढ़ क्षेत्र की 12 साल की बच्ची के मां बनने की सूचना उन्हें प्राप्त हुई है. प्रारंभिक जानकारी में यह भी सामने आ रहा है कि बच्ची को मां बनाने के लिए जिम्मेदार भी नाबालिग है.

बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान.

आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि वह अस्पताल पहुंच रही है. फिलहाल उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई को बच्ची को उपचार के निर्देश दिए हैंं. इसके अलावा वे पुलिस के भी संपर्क में हैं. बेनीवाल ने बताया कि वह माता-पिता से मिलकर पूरी जानकारी प्राप्त करेंगी. अस्पताल सूत्रों की माने तो यह प्रीमेच्योर डिलीवरी है. नवजात को लेकर अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने पीड़िता से बात की जिसमे सामने आया है कि उसके एक से अधिक सहपाठियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. पीड़िता कक्षा 9 की छात्रा है. अस्पताल के लेबर रूम में जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर ने परिजनों से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की है. उनकी सूचना पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

आरोपियों में 2 नाबालिग और एक बालिग भी शामिल है. पिछले साल जब वह स्कूल से आ रही थी उस समय आरोपी जीप लेकर आया जिसमें एक अन्य व्यक्ति भी बैठा था. जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया. डर के मारे पीड़िता ने परिवार में किसी को इसकी जानकारी नही दी.

घटना बहुत निंदनीय, आयोग ने लिया प्रसंज्ञान

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि घटना बहुत निंदनीय है. आयोग ने कहा कि जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जब वह पीड़िता से मिलीं तो उसने कहा कि उसने डर के मारे उसने परिजनों को कुछ नहीं बताया.

ये भी पढ़ें- पत्नी ने मां-बाप के साथ मिलकर रची थी पति और सास-ससुर के हत्या की साजिश

संगीता बेनीवाल का कहना था कि हमें यह डर बच्चों के मन से निकालना है. जिससे कि वह उनके साथ होने वाली हर घटना अपने अभिभावकों को बता सकें. परिजनों ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्हें लगा कि अभी कोरोना चल रहा है जिस वजह से बच्ची घर पर है तो खाने पीने से शरीर बढ़ रहा है.

2 दिन पहले जब उसकी तबियत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. बेनीवाल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई को बच्ची को उपचार के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा वे पुलिस के भी संपर्क में हैं. कार्रवाई के लिए नवजात का डीएनए करवाने की भी तैयारी की जा रही है.

जोधपुर. जिले के शेरगढ़ क्षेत्र की एक नाबालिग बच्ची के मां बनने का मामला सामने आया है. एक अस्पताल में बच्ची ने नवजात को जन्म दिया है. राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के अनुसार शेरगढ़ क्षेत्र की 12 साल की बच्ची के मां बनने की सूचना उन्हें प्राप्त हुई है. प्रारंभिक जानकारी में यह भी सामने आ रहा है कि बच्ची को मां बनाने के लिए जिम्मेदार भी नाबालिग है.

बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान.

आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि वह अस्पताल पहुंच रही है. फिलहाल उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई को बच्ची को उपचार के निर्देश दिए हैंं. इसके अलावा वे पुलिस के भी संपर्क में हैं. बेनीवाल ने बताया कि वह माता-पिता से मिलकर पूरी जानकारी प्राप्त करेंगी. अस्पताल सूत्रों की माने तो यह प्रीमेच्योर डिलीवरी है. नवजात को लेकर अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने पीड़िता से बात की जिसमे सामने आया है कि उसके एक से अधिक सहपाठियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. पीड़िता कक्षा 9 की छात्रा है. अस्पताल के लेबर रूम में जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर ने परिजनों से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की है. उनकी सूचना पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

आरोपियों में 2 नाबालिग और एक बालिग भी शामिल है. पिछले साल जब वह स्कूल से आ रही थी उस समय आरोपी जीप लेकर आया जिसमें एक अन्य व्यक्ति भी बैठा था. जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया. डर के मारे पीड़िता ने परिवार में किसी को इसकी जानकारी नही दी.

घटना बहुत निंदनीय, आयोग ने लिया प्रसंज्ञान

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि घटना बहुत निंदनीय है. आयोग ने कहा कि जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जब वह पीड़िता से मिलीं तो उसने कहा कि उसने डर के मारे उसने परिजनों को कुछ नहीं बताया.

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संगीता बेनीवाल का कहना था कि हमें यह डर बच्चों के मन से निकालना है. जिससे कि वह उनके साथ होने वाली हर घटना अपने अभिभावकों को बता सकें. परिजनों ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्हें लगा कि अभी कोरोना चल रहा है जिस वजह से बच्ची घर पर है तो खाने पीने से शरीर बढ़ रहा है.

2 दिन पहले जब उसकी तबियत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. बेनीवाल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई को बच्ची को उपचार के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा वे पुलिस के भी संपर्क में हैं. कार्रवाई के लिए नवजात का डीएनए करवाने की भी तैयारी की जा रही है.

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