कैमूर: पंडित दीन दयाल उपाध्याय और गया रेलखंड के बीच पटरी टूटी (Broken Track) हुई थी. वहीं अपने खेत के पास खड़े 2 किसानों ने जब इसे देखा तो स्टेशन मास्टर को सूचना देने के लिए निकल पड़े. कुछ ही दूर चले थे कि तभी रेल टूटी पटरी पर हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस-2496 (Howrah-Bikaner Express) आती दिखाई दी. ग्रीन सिग्नल देखकर दोनों किसानों का माथा घूम गया. इसमें से एक ने बिना देरी किए गले में लटके लाल गमछे को हाथ में लेकर लहराना शुरू कर दिया.
बीकानेर एक्सप्रेस रफ्तार पकड़ रही थी. ट्रेन के ड्राइवर ने किसान के लाल गमछे को लहराते हुए देखा तो उसने पुसौली स्टेशन को वॉकी-टॉकी से सूचना दी. साथ ही ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाने का निश्चय भी कर लिया था. इमरजेंसी ब्रेक लगते ही ट्रेन ग्रामीण के पास आकर रुक गई. ये घटना पुसौली स्टेशन से महज 1 किमी दूर की है.
ट्रेन के ड्राइवर ने इस बारे में जानकारी ली तो किसान प्रेमचंद राम ने पूरी घटना बताई. वह ड्राइवर और गार्ड को मौके पर लेकर पहुंचा. टूटी पटरी देखते ही सब सन्न रह गए. अगर ड्राइवर ने ट्रेन नहीं रोकी होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. मौके पर गार्ड और ड्राइवर ने ग्रामीण को शुक्रिया कहा.
इस बारे में किसान प्रेमचंद राम ने बताया कि मैं रेल की पटरी के किनारे था. तभी मेरी नजर टूटी पटरी पर पड़ी. तुरंत मैने रेलवे को बताना जरूरी समझा और स्टेशन की ओर चल पड़ा. तभी बीकानेर एक्सप्रेस आ गई. मेरे पास लाल गमछा था. मैने लहराना शुरू किया. साथ ही ड्राइवर को ट्रेन रोकने के इशारे भी कर रहा था.
जानकारी मिलते ही रेलवे के गैंगमैन पटरी को दुरुस्त करने मौके पर पहुंचे. इससे पहले बीकानेर एक्सप्रेस को 45 मिनट की देरी से दूसरी पटरी से रवाना किया गया.
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