अजमेर. देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा तेज हो गई है. इस बीच अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि कोई भी कानून देश और देश की जनता के हित में बनता है, तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. चिश्ती ने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट आया नहीं कि उससे पहले ही कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं, यह अनुचित है.
ड्राफ्ट आने तक आपत्ति करना गलतः उन्होंने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट जब तक सामने नहीं आता तब तक इस पर किसी तरह की आपत्ति करना या लोगों को गुमराह करना अनुचित है. इस मामले को लेकर कुछ लोग गलत तरीके से गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. यूसीसी को लेकर लॉ कमीशन ने सुझाव मांगे हैं तो लोगो को सुझाव देना चाहिए. ड्राफ्ट आता है और उसमें किसी तरह की कोई आपत्ति है तो सरकार से बातचीत कर मसला हल किया जा सकता है.
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चिश्ती ने कहा कि टीवी चैनलों पर मुसलमानों के हुक्मरान बनकर जो बयान दे रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं. चिश्ती ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसे लोग इतनी मेहनत सरकार के साथ बैठकर कानून बनाने में करें. उन्होंने कहा कि यदि कोई कानून देश और देश की जनता के हित में बनता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. कोई मामला है तो उसे बैठकर हल किया जा सकता है, इसमें कोई मजहबी क्लेश आते हैं तो सरकार के साथ बैठकर बात की जा सकती है.
अजमेर से मोहब्बत का पैगाम दुनिया में जाता हैः चिश्ती ने ईद के पर्व पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि अजमेर से मोहब्बत का पैगाम पूरी दुनिया में जाता है. हजारों सालों से मिलजुल कर सभी लोग यहां रहते आए हैं और आगे भी सभी लोग मिलजुल कर रहेंगे. अमन के दुश्मनों को जवाब देना चाहिए, यहां विभिन्न धर्मों के लोग मोहब्बत का पैगाम देने के लिए हाजिर हैं. यहां हर मजहब के लोग एक दूसरे के त्यौहार में खुशियां मनाते हैं. यही तरीका दिवाली और दशहरे पर भी नजर आना चाहिए.