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सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट प्रकरण में राज्य सरकार व दोषमुक्त हुए आरोपियों से मांगा जवाब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

जयपुर बम ब्लास्ट प्रकरण में सुनवाई करते (Jaipur bomb blast case) हुए सुप्रीम कोर्ट ने बरी हुए आरोपियों और राज्य सरकार से 17 मई तक जवाब मांगा है.

Supreme Court seeks answers, seeks answers from state government
सुप्रीम कोर्ट .
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Published : May 12, 2023, 8:27 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बरी हुए आरोपियों और राज्य सरकार से 17 मई तक जवाब मांगा है. जस्टिस अभय एस ओका व राजेश बिंदल की खंडपीठ ने यह आदेश बम ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की विधवा राजेश्वरी देवी व अन्य की विशेष अनुमति याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए दिए.

अदालत ने मामले में राज्य सरकार की ओर से पेश एसएलपी की सुनवाई भी 17 मई को रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने बम ब्लास्ट केस की निचली कोर्ट से मामले का रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश देते हुए कहा कि फिलहाल इस स्टेज पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा सकती. निचली कोर्ट से रिकॉर्ड आने के बाद ही इस संबंध में आदेश देने पर विचार किया जाएगा.

पढ़ेंः जयपुर बम ब्लास्ट की 15वीं बरसी कल, सेंटीमेंट के जरिए जयपुर के सियासी गढ़ को मजबूत करने की कोशिश में बीजेपी

एसएलपी में बम ब्लास्ट पीड़ितों ने हाईकोर्ट के गत 29 मार्च के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आरोपी सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन व मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा रद्द कर उन्हें दोषमुक्त कर दिया था. वहीं एक अन्य आरोपी शाहबाज हुसैन को विशेष कोर्ट की ओर से दोषमुक्त करने के फैसले की पुष्टि की थी. दरअसल इस मामले में बम ब्लास्ट पीड़ित व राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई से पहले ही आरोपी मोहम्मद सलमान, सरवर आजमी व शाहबाज हुसैन ने केविएट दायर कर दी थी ताकि अदालत एसएलपी में कोई भी आदेश देने से पहले उनका पक्ष भी सुने और एकतरफा अंतरिम आदेश पारित न करे.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बरी हुए आरोपियों और राज्य सरकार से 17 मई तक जवाब मांगा है. जस्टिस अभय एस ओका व राजेश बिंदल की खंडपीठ ने यह आदेश बम ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की विधवा राजेश्वरी देवी व अन्य की विशेष अनुमति याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए दिए.

अदालत ने मामले में राज्य सरकार की ओर से पेश एसएलपी की सुनवाई भी 17 मई को रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने बम ब्लास्ट केस की निचली कोर्ट से मामले का रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश देते हुए कहा कि फिलहाल इस स्टेज पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा सकती. निचली कोर्ट से रिकॉर्ड आने के बाद ही इस संबंध में आदेश देने पर विचार किया जाएगा.

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एसएलपी में बम ब्लास्ट पीड़ितों ने हाईकोर्ट के गत 29 मार्च के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आरोपी सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन व मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा रद्द कर उन्हें दोषमुक्त कर दिया था. वहीं एक अन्य आरोपी शाहबाज हुसैन को विशेष कोर्ट की ओर से दोषमुक्त करने के फैसले की पुष्टि की थी. दरअसल इस मामले में बम ब्लास्ट पीड़ित व राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई से पहले ही आरोपी मोहम्मद सलमान, सरवर आजमी व शाहबाज हुसैन ने केविएट दायर कर दी थी ताकि अदालत एसएलपी में कोई भी आदेश देने से पहले उनका पक्ष भी सुने और एकतरफा अंतरिम आदेश पारित न करे.

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