नई दिल्ली: शिक्षा जारी रखने के लिए यूक्रेन से लौटे छात्रों (students returned from Ukraine) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. छात्रों का कहना है कि डिग्री हासिल करने के लिए उनके पास अपनी शिक्षा को फिर से शुरू करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है. छात्रों ने तर्क दिया है कि उनके परिवारों ने, उनकी शिक्षा में काफी पैसा लगाया है. उन्हें संपत्तियों को गिरवी रखना पड़ा, ताकि वे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर सकें.
हालांकि वर्तमान युद्ध की स्थिति ने उनकी शिक्षा में व्यवधान पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए गए एजुकेशन लोन पर अभी भी ब्याज का भुगतान किया जा रहा है. अब यूक्रेन से बचाए गए छात्रों का भविष्य संकट में है. ऐसे छात्रों का जीवन तो सुरक्षित हो गया लेकिन भविष्य की उम्मीदें टूट गईं. जिससे कमजोर युवाओं के दिमाग में संकट और घबराहट पैदा हो रही है. यूक्रेन से लौटे छात्रों को निकालने के संबंध में एक याचिका में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि वह उनकी शिक्षा जारी रखने के मुद्दे पर विचार कर रही है.