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Strange Rituals for Rain: इंद्र भगवान को मनाने की अनोखी परंपरा, सीधे गाय से शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक

अच्छी बारिश के लिए इंद्रवेद समेत अन्य देवी देवताओं की लगातार पूजा पाठ लोगों के द्वारा की जाती है. लेकिन दुमका के बाबा बासुकीनाथ धाम की अनोखी परंपरा अनवरत चली आ रही है. आज भी लोग इसका निर्वहन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से इलाके में बारिश जरूर होती है. क्या है वो परंपरा जानिए, इस रिपोर्ट से.

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Published : Jun 26, 2023, 5:39 PM IST

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दुमकाः झारखंड का बाबा बासुकीनाथ धाम आस्था का केंद्र है. यहां हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है, श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर बाबा की पूजा करने के लिए आते हैं. इसके अलावा लोक कल्याण के लिए इस मंदिर में भक्तों द्वारा आदि परंपरा का निर्वहन आज भी किया जाता है. बारिश की मनोकामना के लिए बाबा बासुकीनाथ की विशेष पूजा संपन्न की जाती है.

इसे भी पढ़ें- Strange Rituals For Rain: मानसून के लिए कब्रों को खोदा, लाशों को पिलाया पानी

विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ धाम में बारिश के लिए लोगों ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए परंपरा का निर्वहन करते हुए पूजा संपन्न की. इसके लिए गर्भगृह में गाय और बछड़े को ले जाया गया. इसके बाद शिवलिंग पर गाय के थन से दूध की धारा सीधे शिवलिंग पर बहाकर मंत्रोच्चार के साथ बाबा का दूध से अभिषेक किया गया. इस दुग्धाभिषेक के करीब एक घंटे बाद ही बासुकीनाथ और आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने लगी. ऐसी मान्यता है कि इस परंपरा के निर्वहन से बाबा भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और लोक कल्याण की मनोकामना को जल्द पूरा करते हैं.

बता दें कि दुमका जिला के बासुकीनाथ क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों में काफी दिनों से बारिश नहीं होती. जिससे किसान सहित आम लोग भी परेशान होते हैं. ऐसे में भक्त भगवान भोलेनाथ से अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं. लोग इसे भगवान शिव का ही प्रताप मानते हैं जो हर साल इस परंपरा निर्वहन किया जाता है. श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव की महिमा से क्षेत्र में बारिश होती है. आदिकाल से जब भी इलाके में बारिश नहीं होती है लोग परेशान होते हैं तो बाबा भोलेनाथ की इसी प्रकार आराधना की जाती है. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर जन कल्याण के लिए अपनी कृपा बरसाते हैं और इलाके में अच्छी बारिश देखने को मिलती है.

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दुमकाः झारखंड का बाबा बासुकीनाथ धाम आस्था का केंद्र है. यहां हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है, श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर बाबा की पूजा करने के लिए आते हैं. इसके अलावा लोक कल्याण के लिए इस मंदिर में भक्तों द्वारा आदि परंपरा का निर्वहन आज भी किया जाता है. बारिश की मनोकामना के लिए बाबा बासुकीनाथ की विशेष पूजा संपन्न की जाती है.

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विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ धाम में बारिश के लिए लोगों ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए परंपरा का निर्वहन करते हुए पूजा संपन्न की. इसके लिए गर्भगृह में गाय और बछड़े को ले जाया गया. इसके बाद शिवलिंग पर गाय के थन से दूध की धारा सीधे शिवलिंग पर बहाकर मंत्रोच्चार के साथ बाबा का दूध से अभिषेक किया गया. इस दुग्धाभिषेक के करीब एक घंटे बाद ही बासुकीनाथ और आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने लगी. ऐसी मान्यता है कि इस परंपरा के निर्वहन से बाबा भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और लोक कल्याण की मनोकामना को जल्द पूरा करते हैं.

बता दें कि दुमका जिला के बासुकीनाथ क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों में काफी दिनों से बारिश नहीं होती. जिससे किसान सहित आम लोग भी परेशान होते हैं. ऐसे में भक्त भगवान भोलेनाथ से अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं. लोग इसे भगवान शिव का ही प्रताप मानते हैं जो हर साल इस परंपरा निर्वहन किया जाता है. श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव की महिमा से क्षेत्र में बारिश होती है. आदिकाल से जब भी इलाके में बारिश नहीं होती है लोग परेशान होते हैं तो बाबा भोलेनाथ की इसी प्रकार आराधना की जाती है. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर जन कल्याण के लिए अपनी कृपा बरसाते हैं और इलाके में अच्छी बारिश देखने को मिलती है.

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