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किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा दे सरकार : शबाना आजमी - farmers movement

आजमगढ़ पहुंचीं फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी ने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को सरकार से मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किसानों के लिए बड़ी जीत है. किसान आंदोलन ने साबित कर दिया कि लोकतांत्रिक देश में लोगों की आवाज सरकार को सुननी ही पड़ेगी.

शबाना आजमी
शबाना आजमी
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Published : Nov 20, 2021, 9:33 AM IST

आजमगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद जहां किसान खुश है. वहीं, राजनीतिक दल से लेकर फिल्मी हस्तियां भी पीएम मोदी के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. अपने पैतृक आवास पर पहुंची फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी ने भी कृषि कानूनों के वापसी के फैसले का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की.

जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के मिजवां गांव में अपने पैतृक आवास पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किसानों के लिए बड़ी जीत है. किसानों ने बड़ी शिद्दत से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और उन्होंने साबित कर दिया कि लोकतांत्रिक देश में लोगों की आवाज सरकार को सुननी ही पड़ेगी.

शबाना आजमी का बयान

शबाना आजमी ने कहा कि मुझे यकीन है कि किसान आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है, उनके परिजनों को सरकार मुआवजा देगी. उन्होंने कहा कि जब रेल एक्सिडेंट में मुआवजा दिया जाता है तो किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को भी मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं तो यही चाहूंगी कि सीएए एनआरसी कानून को भी वापस लिया जाए. ये लोगों के हित में नहीं है. अगर हम पूरी तरह से अपनी ताकत बनाए रखे तो फिर जरूर बदलाव आएगा और उन कानूनों को भी वापस लिया जाएगा.

वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर राजनीति को लेकर शबाना ने कहा कि यह बात तो सही है कि अखिलेश ने ही उसे शुरू कराया था. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि पिछली सरकार द्वारा शुरू किया गया कोई काम अगली सरकारें छोड़ देती हैं और वो छूटा रह जाता है. लेकिन यही होना चाहिए कि दोनों सरकारों को इसके लिए क्रेडिट मिले.

यह भी पढ़ें- ETV भारत से बोलीं शबाना आजमी, 'लड़कियों को पोशाक के आधार पर न आंकें, सोच बदलिए'

आजमगढ़ के नाम को बदलने के सवाल पर शबाना आजमी ने कहा, 'मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ, क्योंकि मेरा नाम आजमी है और मेरे पिता कैफी आजमी ने इस जगह का नाम बड़े स्तर पर आगे बढ़ाया है. अगर आप किसी चीज से उसकी पहचान ही दूर कर देंगे तो क्या बचेगा.'

उन्होंने कहा कि मुझे सरकार से उम्मीद है कि यहां विकास पर काम होगा. नाम बदलने से क्या होगा, नौजवानों को काम मिलना चाहिए. सही मुद्दों पर काम किया जाना चाहिए.

आजमगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद जहां किसान खुश है. वहीं, राजनीतिक दल से लेकर फिल्मी हस्तियां भी पीएम मोदी के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. अपने पैतृक आवास पर पहुंची फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी ने भी कृषि कानूनों के वापसी के फैसले का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की.

जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के मिजवां गांव में अपने पैतृक आवास पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किसानों के लिए बड़ी जीत है. किसानों ने बड़ी शिद्दत से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और उन्होंने साबित कर दिया कि लोकतांत्रिक देश में लोगों की आवाज सरकार को सुननी ही पड़ेगी.

शबाना आजमी का बयान

शबाना आजमी ने कहा कि मुझे यकीन है कि किसान आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है, उनके परिजनों को सरकार मुआवजा देगी. उन्होंने कहा कि जब रेल एक्सिडेंट में मुआवजा दिया जाता है तो किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को भी मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं तो यही चाहूंगी कि सीएए एनआरसी कानून को भी वापस लिया जाए. ये लोगों के हित में नहीं है. अगर हम पूरी तरह से अपनी ताकत बनाए रखे तो फिर जरूर बदलाव आएगा और उन कानूनों को भी वापस लिया जाएगा.

वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर राजनीति को लेकर शबाना ने कहा कि यह बात तो सही है कि अखिलेश ने ही उसे शुरू कराया था. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि पिछली सरकार द्वारा शुरू किया गया कोई काम अगली सरकारें छोड़ देती हैं और वो छूटा रह जाता है. लेकिन यही होना चाहिए कि दोनों सरकारों को इसके लिए क्रेडिट मिले.

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आजमगढ़ के नाम को बदलने के सवाल पर शबाना आजमी ने कहा, 'मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ, क्योंकि मेरा नाम आजमी है और मेरे पिता कैफी आजमी ने इस जगह का नाम बड़े स्तर पर आगे बढ़ाया है. अगर आप किसी चीज से उसकी पहचान ही दूर कर देंगे तो क्या बचेगा.'

उन्होंने कहा कि मुझे सरकार से उम्मीद है कि यहां विकास पर काम होगा. नाम बदलने से क्या होगा, नौजवानों को काम मिलना चाहिए. सही मुद्दों पर काम किया जाना चाहिए.

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