ETV Bharat / bharat

यात्री और स्कूल बसों में आग की चेतावनी वाला सिस्टम जरूरी : सड़क मंत्रालय - फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम जरूरी

लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों (inter-city passenger buses and school buses) में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम ( fire alarm and suppression systems) लगाना जरूरी है. बसों में आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है.

install fire alarm
बसों में आग
author img

By

Published : Jan 30, 2022, 3:31 AM IST

नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है.

मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा जहां पर लोग बैठते हैं. इसके लिए 27 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है.

अभी तक वाहनों के इंजन वाले हिस्से से निकलने वाली आग की पहचान करने, अलार्म बजने और सप्रेशन सिस्टम की ही व्यवस्था लागू रही है. वाहन उद्योग मानक 135 के अनुसार इंजन में आग लगने की स्थिति में यह सिस्टम सतर्क कर देता है.

सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा, 'टाइप-3 बसों एवं स्कूल बसों के भीतर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में फायर अलार्म सिस्टम लगाने की व्यवस्था लागू की गई है.' टाइप-3 बसें लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन की जाती हैं.

बसों में आग लगने की घटनाओं के बारे में हुए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसे हादसों के समय बसों के भीतर बैठे यात्री अक्सर अधिक तापमान और धुएं की वजह से हताहत होते हैं.

पढ़ें- The Burning Bus: सूरत में चलती बस में लगी आग, जलकर हुई महिला की मौत

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अगर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में ही आग की चेतावनी देने वाली प्रणाली लगी हो तो इन हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है. चेतावनी मिलने के बाद सवारियों को बस से फौरन निकलने का वक्त मिल जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है.

मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा जहां पर लोग बैठते हैं. इसके लिए 27 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है.

अभी तक वाहनों के इंजन वाले हिस्से से निकलने वाली आग की पहचान करने, अलार्म बजने और सप्रेशन सिस्टम की ही व्यवस्था लागू रही है. वाहन उद्योग मानक 135 के अनुसार इंजन में आग लगने की स्थिति में यह सिस्टम सतर्क कर देता है.

सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा, 'टाइप-3 बसों एवं स्कूल बसों के भीतर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में फायर अलार्म सिस्टम लगाने की व्यवस्था लागू की गई है.' टाइप-3 बसें लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन की जाती हैं.

बसों में आग लगने की घटनाओं के बारे में हुए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसे हादसों के समय बसों के भीतर बैठे यात्री अक्सर अधिक तापमान और धुएं की वजह से हताहत होते हैं.

पढ़ें- The Burning Bus: सूरत में चलती बस में लगी आग, जलकर हुई महिला की मौत

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अगर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में ही आग की चेतावनी देने वाली प्रणाली लगी हो तो इन हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है. चेतावनी मिलने के बाद सवारियों को बस से फौरन निकलने का वक्त मिल जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.