नई दिल्ली: रूस के मेडिकल संस्थान (Medical Institutions in Russia) यूक्रेन से लौटे लगभग 4000 भारतीय मेडिकल छात्रों को समायोजित करने पर विचार कर रहे हैं. रूस के शीर्ष विश्वविद्यालय राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में विशेष परामर्श सत्र आयोजित कर रहे हैं, जहां छात्र सीधे प्रवेश के लिए आ रहे हैं. Rus Education ने छात्रों के लिए नई दिल्ली में रूसी शिक्षा मेले का आयोजन किया है, जहां छात्र न केवल अपनी शंकाओं को दूर कर सकते हैं बल्कि शीर्ष रूसी विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश भी ले सकते हैं.
यहां मेले में युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए अलग डेस्क स्थापित की गई है और छात्रों को सीधे प्रवेश की पेशकश की जा रही है. ऐसे रूसी मेडिकल संस्थानों में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकते हैं, जहां से उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध के बाद यूक्रेन में अपना पाठ्यक्रम छोड़ा था. बता दें, छह महीने के इंतजार के बाद भी यूक्रेन में स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है, जिसके कारण छात्र अब अपना मेडिकल कोर्स पूरा करने के लिए रूस और उज्बेकिस्तान जैसे देशों का चयन कर रहे हैं.
यूक्रेन से लौटे फैज खान द्वितीय वर्ष के मेडिकल छात्र थे, अब उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए रूसी सरकार द्वारा संचालित संस्थान मारी स्टेट यूनिवर्सिटी (Mari State University) में दाखिला लिया है. फैज ने कहा, 'मैं फिर से यूक्रेन वापस नहीं जाना चाहता क्योंकि देश अब सुरक्षित नहीं है. घर लौटने से पहले हमने जो स्थिति का सामना किया वह भयानक था. रूसी विश्वविद्यालय हमें प्रवेश की पेशकश कर रहे हैं और मैं दूसरे वर्ष से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकता हूं. छह साल का कोर्स भी लगभग यूक्रेन जैसा ही है. इसलिए मैं रूस को अब एक सुरक्षित और बेहतर विकल्प के रूप में देखता हूं.'
रूस में मेडिकल डिग्री कोर्स की औसत लागत लगभग 25-30 लाख रुपये है. जब मेडिकल शिक्षा की बात आती है तो रूस भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा देश रहा है. बिहार के अररिया जिले के निवासी वसीम अकरम ने रूसी विश्वविद्यालय में 5वें वर्ष में दाखिला लिया है और जल्द ही अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए रूस के लिए उड़ान भरेंगे. वसीम यूक्रेन में बोगोमोलेट्स विश्वविद्यालय से मेडिकल कोर्स कर रहे थे. उनका चौथा वर्ष पूरा हो गया था. लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद उन्हें पढ़ाई छोड़कर भारत लौटना पड़ा था.
वसीम अकरम ने कहा, पाठ्यक्रम लगभग समान है और अब रूस में मेरी डिग्री पूरी करना सुविधाजनक है क्योंकि यूक्रेन में स्थिति अनिश्चित है. मेरे दोस्त पहले से ही रूस में हैं और उन्होंने मुझे रूस से अपना कोर्स पूरा करने का सुझाव दिया. हम बस यह आशा करते हैं कि यूक्रेन के विश्वविद्यालय जल्द ही हमारे दस्तावेज़ों को स्थानांतरित कर दें ताकि हम आगे की कार्रवाई कर सकें. रूसी संस्थान अभी हमें प्रोविजनल प्रवेश दे रहे हैं और हम बाद में अपने दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं.
हालांकि यूक्रेन से लौटे ऐसे छात्र हैं, जो अभी के लिए यूक्रेनी संस्थानों के साथ ऑनलाइन अध्ययन करना जारी रखे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि स्थिति सामान्य होने के बाद वे अपने विश्वविद्यालयों में लौट आएंगे. गाजियाबाद के मेडिकल छात्र अली अब तक ऑनलाइन मोड से संतुष्ट है, लेकिन उम्मीद है कि शारीरिक कक्षाएं भी जल्द शुरू होंगी. उन्होंने कहा, 'ऑनलाइन मोड की वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और छात्रों को उम्मीद है कि फैसला सकारात्मक होगा. अगर ऑनलाइन मोड को भी मंजूरी दी जाती है, तो इससे हमारे समय और करियर में बाधा नहीं आएगी.'
यह भी पढ़ें- चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को भारत ने आगाह करते हुए जारी किया परामर्श
रूसी विश्वविद्यालयों में मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए भारतीय छात्र के लिए 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और नीट (NEET) उत्तीर्ण होना जरूरी है. Rus Education के निदेशक डॉ दिनेश सिंगला ने कहा, 'हमने अब तक रूस में 18,000 से अधिक छात्रों को अध्ययन के लिए सुविधा प्रदान की है और रूसी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है. अधिकांश छात्र वहां चिकित्सा अध्ययन के लिए जाते हैं और वर्तमान में लगभग 16,000 भारतीय छात्र रूस में अपनी चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. हम रूसी हाउस के सहयोग से इस शिक्षा मेले का आयोजन कर रहे हैं और इस मेले के माध्यम से हम मेडिकल छात्रों को मौके पर प्रवेश की पेशकश कर रहे हैं.