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शिमला के राष्ट्रपति निवास में रामनाथ कोविंद को नहीं मिली थी घूमने की इजाजत, बाद में राष्ट्रपति बनकर हुई एंट्री

दिल्ली की तरह हिमाचल में भी एक राष्ट्रपति निवास है. बहुत कम लोग जानते हैं कि देशभर में 3 राष्ट्रपति निवास है. शिमला स्थित राष्ट्रपति निवास से एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है. शिमला के रिट्रीट यानी राष्ट्रपति निवास में रामनाथ कोविंद को एंट्री नहीं मिली थी, लेकिन तब वो राज्यपाल थे. क्या है ये दिलचस्प किस्सा, जानने के लिए पढ़े

retreat the residence of the President of India
डिजाइन फोटो.
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Published : Apr 17, 2023, 3:16 PM IST

शिमला : हिमाचल की राजधानी शिमला को ये गौरव हासिल है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के संवैधानिक प्रमुख पद यानी राष्ट्रपति का यहां से अटूट नाता है. ये नाता शिमला के समीप मशोबरा स्थित ऐतिहासिक इमारत रिट्रीट के कारण है. रिट्रीट में देश के राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन निवास स्थान है. वैसे बहुत कम लोग जानते हैं कि देश में दिल्ली के अलावा हैदराबाद और शिमला में भी राष्ट्रपति निवास है. खैर शिमला का राष्ट्रपति निवास रिट्रीट के नाम से जाना जाता है, 173 बरस पुरानी इस इमारत के साथ अनेक किस्से जुड़े हैं. यहां हम एक ऐसे ही किस्से को याद कर रहे हैं. ये किस्सा राजनीति और संयोग के संगम का है. इस समय देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं. उनसे पहले रामनाथ कोविंद देश के महामहिम थे. लेकिन ये बात उससे भी पहले की है, जब रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास दि 'रिट्रीट'

रामनाथ कोविंद को नहीं मिली थी घूमने की इजाजत- ये बात वर्ष 2017 की बात है. तब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत थे. रामनाथ कोविंद वर्ष 2017 में आचार्य देवव्रत के निमंत्रण पर शिमला आए थे. उस समय कोविंद ने रिट्रीट स्थित राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन निवास की सैर की इच्छा जताई थी. तब उन्हें दिल्ली की अनुमति न होने के कारण रिट्रीट घूमने के अनुभव से वंचित रहना पड़ा था. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि जिस शख्स को आज रिट्रीट में घूमने का अवसर नहीं मिला, आने वाले समय में यहीं की व्यवस्था उनका स्वागत करने के लिए आतुर होगी. बात मई 2017 की थी, जब रामनाथ कोविंद को रिट्रीट में जाने की अनुमति नहीं मिली थी.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास के बाहर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

राष्ट्रपति के रूप में हुआ स्वागत- मई 2017 के ठीक एक महीने बाद रामनाथ कोविंद एनडीए के राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनाए गए. रामनाथ कोविंद 28 मई को शिमला आए थे और वे हिमाचल राजभवन में ठहरे थे. कोविंद शिमला में हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की शादी की सालगिरह में शामिल होने के लिए आए थे. ये भी अजब संयोग है कि हिमाचल के तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत की शादी की सालगिरह 29 मई को थी और रामनाथ कोविंद की शादी की सालगिरह 30 मई को थी. इस तरह मई 2017 में हिमाचल और बिहार के राज्यपालों की सालगिरह हिमाचल के राजभवन में मनाई गई थी. एक और गजब का संयोग ये रहा कि आचार्य देवव्रत और रामनाथ कोविंद को एक ही दिन राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति मिली थी. खैर, रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति बने और मई 2018 में रिट्रीट शिमला में बतौर देश के संवैधानिक प्रमुख आए थे.

आशियाना में पी चाय, खुद चुकाया बिल- तब राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद ने अपने व्यवहार से शिमला की जनता का दिल जीत लिया था. रामनाथ कोविंद ने अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के आशियाना रेस्टोरेंट में चाय और स्नैक्स का आनंद लिया था. उस समय राष्ट्रपति ने अपने खानपान का 750 रुपए का बिल खुद की पॉकेट से चुकाया था. उन्होंने शिमला के एक बुक स्टोर से दो किताबें भी खरीदी थीं. शिमला के रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष फोटो भी खिंचवाई थी. उस दौरान शिमला में नागरिक अभिनंदन के लिए समारोह का आयोजन किया था. तब राष्ट्रपति ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए अपने काफिले की गाडिय़ों की संख्या 17 से कम कर चार कर दी थी। राष्ट्रपति की इस पहल का शिमला की जनता ने खूब स्वागत किया था.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
आशियाना रेस्टोरेंट में पूर्व राष्ट्रपति ने पी थी चाय, खुद चुकाया था बिल (फाइल फोटो).

प्रणब मुखर्जी को रिट्रीट के लॉन में टहलना पसंद था- रामनाथ कोविंद से पहले राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी भी हिमाचल दौरे पर आ चुके हैं और तब वो भी राष्ट्रपति निवास रिट्रीट में ठहरे थे. प्रणब मुखर्जी को रिट्रीट के लॉन में टहलना काफी पसंद था. उन्होंने खुद अपनी तस्वीरें ट्विटर हैंडल पर ट्वीट की थीं. प्रणब मुखर्जी साल 2015 और 2016 में शिमला आए थे.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास के बाहर टहलते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

अब आम लोगों को भी मिलेगी एंट्री- 23 अप्रैल से इस ऐतिहासिक इमारत में आम लोगों की एंट्री भी होगी. 173 साल पुरानी इस इमारत का रख-रखाव दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन सचिवालय द्वारा किया जाता है. क्योंकि ये राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन निवास है इसलिये यहां के लिए राष्ट्रपति भवन सचिवालय की इजाजत होती है. हिमाचल प्रदेश पुलिस के कंधों पर इस इमारत की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
शिमला के रिज मैदान पर बच्ची से मिलते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

कभी एक राज्य के राज्यपाल को यहां एंट्री नहीं मिल पाई थी. लेकिन अब आम लोग और पर्यटक नाम मात्र की फीस देकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग करके इस ऐतिहासिक इमारत का दीदार करेंगे. आप visit.rashtrapatibhavan.gov.in पर ऑनलाइन बुंकिंग कर सकते हैं. भारतीयों को 50 रुपये जबकि विदेशी नागरिकों को 250 रुपये शुल्क अदा करना होगा. वहीं 8 साल से कम उम्र के बच्चों की एंट्री फ्री होगी और 30 जून 2023 तक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी मुफ्त में एंट्री मिलेगी.

ये भी पढ़ें: President Visit of Himachal: मिट्टी की दीवारें, लकड़ी का काम, ऐसा है शिमला का राष्ट्रपति निवास रिट्रीट, अब तीन दिन यहां से चलेगा प्रेसीडेंट सेक्रेटेरियेट

ये भी पढ़ें: President Shimla Visit: कल से हिमाचल दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, आम लोगों के लिए राष्ट्रपति निवास के खुलेंगे द्वार

शिमला : हिमाचल की राजधानी शिमला को ये गौरव हासिल है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के संवैधानिक प्रमुख पद यानी राष्ट्रपति का यहां से अटूट नाता है. ये नाता शिमला के समीप मशोबरा स्थित ऐतिहासिक इमारत रिट्रीट के कारण है. रिट्रीट में देश के राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन निवास स्थान है. वैसे बहुत कम लोग जानते हैं कि देश में दिल्ली के अलावा हैदराबाद और शिमला में भी राष्ट्रपति निवास है. खैर शिमला का राष्ट्रपति निवास रिट्रीट के नाम से जाना जाता है, 173 बरस पुरानी इस इमारत के साथ अनेक किस्से जुड़े हैं. यहां हम एक ऐसे ही किस्से को याद कर रहे हैं. ये किस्सा राजनीति और संयोग के संगम का है. इस समय देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं. उनसे पहले रामनाथ कोविंद देश के महामहिम थे. लेकिन ये बात उससे भी पहले की है, जब रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास दि 'रिट्रीट'

रामनाथ कोविंद को नहीं मिली थी घूमने की इजाजत- ये बात वर्ष 2017 की बात है. तब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत थे. रामनाथ कोविंद वर्ष 2017 में आचार्य देवव्रत के निमंत्रण पर शिमला आए थे. उस समय कोविंद ने रिट्रीट स्थित राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन निवास की सैर की इच्छा जताई थी. तब उन्हें दिल्ली की अनुमति न होने के कारण रिट्रीट घूमने के अनुभव से वंचित रहना पड़ा था. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि जिस शख्स को आज रिट्रीट में घूमने का अवसर नहीं मिला, आने वाले समय में यहीं की व्यवस्था उनका स्वागत करने के लिए आतुर होगी. बात मई 2017 की थी, जब रामनाथ कोविंद को रिट्रीट में जाने की अनुमति नहीं मिली थी.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास के बाहर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

राष्ट्रपति के रूप में हुआ स्वागत- मई 2017 के ठीक एक महीने बाद रामनाथ कोविंद एनडीए के राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनाए गए. रामनाथ कोविंद 28 मई को शिमला आए थे और वे हिमाचल राजभवन में ठहरे थे. कोविंद शिमला में हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की शादी की सालगिरह में शामिल होने के लिए आए थे. ये भी अजब संयोग है कि हिमाचल के तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत की शादी की सालगिरह 29 मई को थी और रामनाथ कोविंद की शादी की सालगिरह 30 मई को थी. इस तरह मई 2017 में हिमाचल और बिहार के राज्यपालों की सालगिरह हिमाचल के राजभवन में मनाई गई थी. एक और गजब का संयोग ये रहा कि आचार्य देवव्रत और रामनाथ कोविंद को एक ही दिन राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति मिली थी. खैर, रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति बने और मई 2018 में रिट्रीट शिमला में बतौर देश के संवैधानिक प्रमुख आए थे.

आशियाना में पी चाय, खुद चुकाया बिल- तब राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद ने अपने व्यवहार से शिमला की जनता का दिल जीत लिया था. रामनाथ कोविंद ने अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के आशियाना रेस्टोरेंट में चाय और स्नैक्स का आनंद लिया था. उस समय राष्ट्रपति ने अपने खानपान का 750 रुपए का बिल खुद की पॉकेट से चुकाया था. उन्होंने शिमला के एक बुक स्टोर से दो किताबें भी खरीदी थीं. शिमला के रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष फोटो भी खिंचवाई थी. उस दौरान शिमला में नागरिक अभिनंदन के लिए समारोह का आयोजन किया था. तब राष्ट्रपति ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए अपने काफिले की गाडिय़ों की संख्या 17 से कम कर चार कर दी थी। राष्ट्रपति की इस पहल का शिमला की जनता ने खूब स्वागत किया था.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
आशियाना रेस्टोरेंट में पूर्व राष्ट्रपति ने पी थी चाय, खुद चुकाया था बिल (फाइल फोटो).

प्रणब मुखर्जी को रिट्रीट के लॉन में टहलना पसंद था- रामनाथ कोविंद से पहले राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी भी हिमाचल दौरे पर आ चुके हैं और तब वो भी राष्ट्रपति निवास रिट्रीट में ठहरे थे. प्रणब मुखर्जी को रिट्रीट के लॉन में टहलना काफी पसंद था. उन्होंने खुद अपनी तस्वीरें ट्विटर हैंडल पर ट्वीट की थीं. प्रणब मुखर्जी साल 2015 और 2016 में शिमला आए थे.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
राष्ट्रपति निवास के बाहर टहलते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

अब आम लोगों को भी मिलेगी एंट्री- 23 अप्रैल से इस ऐतिहासिक इमारत में आम लोगों की एंट्री भी होगी. 173 साल पुरानी इस इमारत का रख-रखाव दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन सचिवालय द्वारा किया जाता है. क्योंकि ये राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन निवास है इसलिये यहां के लिए राष्ट्रपति भवन सचिवालय की इजाजत होती है. हिमाचल प्रदेश पुलिस के कंधों पर इस इमारत की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.

Ramnath Kovind did not get entry in the retreat
शिमला के रिज मैदान पर बच्ची से मिलते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

कभी एक राज्य के राज्यपाल को यहां एंट्री नहीं मिल पाई थी. लेकिन अब आम लोग और पर्यटक नाम मात्र की फीस देकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग करके इस ऐतिहासिक इमारत का दीदार करेंगे. आप visit.rashtrapatibhavan.gov.in पर ऑनलाइन बुंकिंग कर सकते हैं. भारतीयों को 50 रुपये जबकि विदेशी नागरिकों को 250 रुपये शुल्क अदा करना होगा. वहीं 8 साल से कम उम्र के बच्चों की एंट्री फ्री होगी और 30 जून 2023 तक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी मुफ्त में एंट्री मिलेगी.

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