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जानिए, कहां है ज्योतिष नगरी, जिसे भृगु संहिता ने दिलाई खास पहचान

कहते हैं भृगू संहिता (Bhrigu Sanhita) में किसी भी इंसान का आदि, मध्य और अंत सम्महित होता है. यानी उसके बीता हुए कल, आज और आने वाले कल की पूरी जानकारी होती है. ज्योतिषीय गणना (Jyotishiya Gandna) के आधार भृगु पत्र (Bhrigu Patra) निकाल कर भविष्यवाणी (Prediction According To Bhrigu Samhita) की जाती है. भीलवाड़ा का एक ऐसा ही गांव है कारोई, जिसे ज्योतिष नगरी कहा जाता है.

ज्योतिष नगरी
ज्योतिष नगरी
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Published : Sep 17, 2021, 11:03 PM IST

भीलवाड़ा : राजस्थान के भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग (Rajsamand National Highway) पर कारोई (Karoi Village Of Bhilwara) गांव स्थित है. यहां ज्योतिर्विदों की तादाद अच्छी खासी है और काफी संख्या में ज्योतिष केंद्र भी हैं.

पूरी दुनिया इस छोटे से गांव को ज्योतिष नगरी के तौर पर पहचानती है. हर आमो खास इस नगरी की शोभा बढ़ाता है. संतरी से लेकर मंत्री तक इस गांव की दर पर मत्था टेक चुके हैं. नक्षत्रों की गणना कर ताम्र पत्र के आधार पर सटीक भविष्यवाणी ही यहां कि पहचान है.

संतरी से मंत्री सब आते हैं यहां

नामी चेहरों में केंद्रीय मंत्री (Union Ministers) स्मृति ईरानी ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के भाई सोमभाई मोदी भी शामिल हैं. यहां तक कि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi Singh Patil) राज्यपाल से राष्ट्रपति तक का सफर तय करेंगी उसकी भविष्यवाणी भी यहीं से की गई थी.

कैसे होती है भविष्यवाणी?

मुनि भृगु (Bhrigu Samhita) की रचना के प्रति विश्वास ही है कि जो एक बार यहां आता है वो दोबारा जरूर आता है. दरअसल, भृगु पद्धति में मुख्य रूप से तीन प्रकार से जातक को भविष्यफल बताया जाता है. पहला, जातक के नाम और जन्मकुंडली के ग्रहों की ‌स्‍थ‌ित‌ि के आधार पर भृगु-पत्र निकाल कर.दूसरा, जातक के प्रश्न पूछने पर उसको एक अंक तालिका में से एक अंक का चयन करने को कह कर और तीसरा, जातक के हाथ की रेखाओं और जन्म कुंडली के ग्रहों की स्‍थ‌ित‌ि की गणना के आधार पर भृगु-पत्र निकाल कर. इस तीसरी विलक्षण पद्धति के संवाहक हैं पंडित नाथू लाल व्यास. जिनकी उम्र 100 पार है और अब इनकी थाती बेटे संभालकर आगे बढ़ा रहे हैं.

मुट्ठी में भविष्य

चार पीढ़ियों का सफर

इस गांव का व्यास परिवार पिछली चार पीढ़ियों से भृगु संहिता (Bhrigu Samhita) के सहारे भविष्य देखता और बताता आ रहा है. ओम प्रकाश व्यास बताते हैं कि शुरूआत उनके दादा जी से हुई और वर्तमान में उनके बच्चे भी ज्योतिष गणना (Jyotishya Gandna) के जरिए अपना और दूसरों का भविष्य संवारने में लगे हैं.

भृगु संहिता की महिमा
ज्योतिषी गोपाल व्यास, भृगु संहिता (Bhrigu Samhita) की महिमा के बारे में बताते हैं. कहते हैं यहां 5000 पुराने भृगु संहिता से ही भविष्य देखा और बताया जाता है. कहते हैं इस तरह 95 प्रतिशत भविष्यवाणी सटीक साबित होती हैं. यहां राजनेता, व्यापारी ,आमजन गरीब जो भी पहुंचता है उसका भविष्य गणना और ताम्र पत्र के माध्यम से बताया जाता है. ज्योतिषाचार्य गोपाल व्यास अपनी कुछ भविष्यवाणियों का भी जिक्र करते हैं. खासतौर पर राजनीतिक. बताते हैं मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री (Former PM Manmohan Singh) बनने की भविष्यवाणी हो, चाहें 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) बनने की भविष्यवाणी या फिर हाल ही में गहलोत सरकार में हलचल से लेकर सरकार के स्थिर रहने की भविष्यवाणी, सब कुछ पहले ही सटीक बता दिया था.

भीलवाड़ा : राजस्थान के भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग (Rajsamand National Highway) पर कारोई (Karoi Village Of Bhilwara) गांव स्थित है. यहां ज्योतिर्विदों की तादाद अच्छी खासी है और काफी संख्या में ज्योतिष केंद्र भी हैं.

पूरी दुनिया इस छोटे से गांव को ज्योतिष नगरी के तौर पर पहचानती है. हर आमो खास इस नगरी की शोभा बढ़ाता है. संतरी से लेकर मंत्री तक इस गांव की दर पर मत्था टेक चुके हैं. नक्षत्रों की गणना कर ताम्र पत्र के आधार पर सटीक भविष्यवाणी ही यहां कि पहचान है.

संतरी से मंत्री सब आते हैं यहां

नामी चेहरों में केंद्रीय मंत्री (Union Ministers) स्मृति ईरानी ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के भाई सोमभाई मोदी भी शामिल हैं. यहां तक कि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi Singh Patil) राज्यपाल से राष्ट्रपति तक का सफर तय करेंगी उसकी भविष्यवाणी भी यहीं से की गई थी.

कैसे होती है भविष्यवाणी?

मुनि भृगु (Bhrigu Samhita) की रचना के प्रति विश्वास ही है कि जो एक बार यहां आता है वो दोबारा जरूर आता है. दरअसल, भृगु पद्धति में मुख्य रूप से तीन प्रकार से जातक को भविष्यफल बताया जाता है. पहला, जातक के नाम और जन्मकुंडली के ग्रहों की ‌स्‍थ‌ित‌ि के आधार पर भृगु-पत्र निकाल कर.दूसरा, जातक के प्रश्न पूछने पर उसको एक अंक तालिका में से एक अंक का चयन करने को कह कर और तीसरा, जातक के हाथ की रेखाओं और जन्म कुंडली के ग्रहों की स्‍थ‌ित‌ि की गणना के आधार पर भृगु-पत्र निकाल कर. इस तीसरी विलक्षण पद्धति के संवाहक हैं पंडित नाथू लाल व्यास. जिनकी उम्र 100 पार है और अब इनकी थाती बेटे संभालकर आगे बढ़ा रहे हैं.

मुट्ठी में भविष्य

चार पीढ़ियों का सफर

इस गांव का व्यास परिवार पिछली चार पीढ़ियों से भृगु संहिता (Bhrigu Samhita) के सहारे भविष्य देखता और बताता आ रहा है. ओम प्रकाश व्यास बताते हैं कि शुरूआत उनके दादा जी से हुई और वर्तमान में उनके बच्चे भी ज्योतिष गणना (Jyotishya Gandna) के जरिए अपना और दूसरों का भविष्य संवारने में लगे हैं.

भृगु संहिता की महिमा
ज्योतिषी गोपाल व्यास, भृगु संहिता (Bhrigu Samhita) की महिमा के बारे में बताते हैं. कहते हैं यहां 5000 पुराने भृगु संहिता से ही भविष्य देखा और बताया जाता है. कहते हैं इस तरह 95 प्रतिशत भविष्यवाणी सटीक साबित होती हैं. यहां राजनेता, व्यापारी ,आमजन गरीब जो भी पहुंचता है उसका भविष्य गणना और ताम्र पत्र के माध्यम से बताया जाता है. ज्योतिषाचार्य गोपाल व्यास अपनी कुछ भविष्यवाणियों का भी जिक्र करते हैं. खासतौर पर राजनीतिक. बताते हैं मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री (Former PM Manmohan Singh) बनने की भविष्यवाणी हो, चाहें 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) बनने की भविष्यवाणी या फिर हाल ही में गहलोत सरकार में हलचल से लेकर सरकार के स्थिर रहने की भविष्यवाणी, सब कुछ पहले ही सटीक बता दिया था.

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