जयपुर. राजस्थान में चुनावी साल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर में कांग्रेस शासित गहलोत सरकार को निशाने पर लिया और प्रदेश सरकार की ओर से दी जा रही गारंटी पर सवाल उठाए. गुरुवार को पीएम मोदी के इन सवालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए पूछा कि जो गारंटी दी जा रही है उससे देश दिवालिया कैसे हो सकता है, प्रधानमंत्री बताएं ? गहलोत ने कहा कि बिना भारत सरकार के राज्य सरकार कर्ज नहीं ले सकती है और राज्य और देश के विकास के लिए कर्ज लेना कोई बुराई नहीं है. केंद्र की मोदी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में 1 लाख करोड़ का कर्ज लिया है, इन आंकड़ों को भी तो देखना चाहिए.
सोशल सिक्योरिटी रेवड़ियां नहीं : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रहे हैं, लोगों को सोशल सिक्योरिटी मिले इसको लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हम जो योजना ला रहे हैं और जो घोषणा कर रहे हैं उसको कुछ लोग रेवड़ियां बता रहे हैं. ये मेरे समझ से परे है कि किस आधार पर उन्हें ये योजनाएं रेवड़ियां लग रही हैं. सीएम ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की और से की गई घोषणओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के सीएम ने पता नहीं क्या क्या घोषणाएं कर दी. बता दें हमारी सरकार जो भी स्कीम बनती है वह परमानेंट बन रही है. चिरंजीवी योजना में 25 लाख का बीमा हमने दिया है जो स्थायी है. इसी तरह से राइट टू हेल्थ बिल हमने पास किया वो स्थायी कानून बन गया. ये समझ से परे है कि हम जो छूट दे रहे वह कोई इलेक्शन टाइम या पार्ट टाइम छूट नहीं है. ये लॉन्ग टर्म की योजना है, इससे लोगों को राहत मिलेगी. गहलोत ने कहा कि अगर यह इलेक्शन के टाइप की घोषणा होती तो इसे रेवड़ियां कहा जा सकता था. परंतु यह रेवड़ियां नहीं है आम जनता की सोशल सिक्योरटी है, जो देना सरकार की जिम्मेदारी है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान के प्रबंधन और काम की देश दुनिया में तारीफ हो रही है, लेकिन बीजेपी को केवल खामियां ही दिखती है.
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गारंटी से देश दिवालिया होगा कैसे ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के उस बयान पर तंज कसा. जिसमें उन्होंने गारंटी देने पर सवाल उठाए थे. गहलोत ने कहा कि सभी सरकारें कर्ज लेकर ही काम करती हैं. चाहे वो भारत सरकार हो या राज्य सरकार सभी कर्ज लेकर ही काम कर रही हैं. विकास कार्यों के लिए कर्ज लेना कोई बुरी बात नहीं है. राज्य सरकार भारत सरकार की बिना अनुमति के 1 लाख रुपए का कर्ज नहीं ले सकती है. जब उनकी अनुमति से कर्ज लिया गया है और वो कर्ज विकास कार्यो पर खर्च हुआ तो उसमें आपत्ति क्यों ? पीएम मोदी अजमेर आए पता नहीं क्या क्या कह कर चले गए. वो कह रहे हैं कि गारंटी से देश दिवालिया हो सकता है, लेकिन मेरे समझ से परे है कि गारंटी देने से कैसे दिवालिया हो सकता है. पीएम मोदी बताएं की गारंटी देने से देश कैसे दिवालिया हो सकता है, जरा समझाएं ? सीएम ने कहा कि 2014 में जब पीएम मोदी की सरकार आई थीं तब देश के ऊपर 55,000 करोड़ का कर्ज था. परंतु अब यह कर्ज बढ़कर 1,55,000 करोड़ का हो गया है. 9 साल में एक लाख रुपए का कर्ज लिया गया है क्या वो आंकड़े नहीं दिखाई दे रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि राजनीतिक चुनाव आते हैं तो इस प्रकार के भाषण होते हैं और होते रहेंगे. हम मानते हैं कि हमारा (राजस्थान सरकार) वित्तीय प्रबंधन शानदार है. उसी के आधार पर फैसले लिए जा रहे हैं और राजस्थान में चौमुखी विकास कर रहा है. गहलोत ने पुन: सोशल सिक्योरिटी की मांग को दोहराते हुए कहा कि पीएम मोदी से आग्रह है कि देश में सोशल सिक्योरिटी एक्ट बनाने के लिए संसद में बिल लेकर आएं.
53 सड़कों, आरओबी और पुलों के शिलान्यास तथा लोकार्पण : बता दें कि चीफ मिनिस्टर अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 3377.55 करोड़ रुपए की लागत से बने और बनने वाले 53 सड़कों, आरओबी और पुलों का शिलान्यास और लोकार्पण किया.
इन योजानाओं का हुआ लोकार्पण : अजमेर जिले में 13.93 करोड़ की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; अलवर जिले में 7.25 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; बांसवाड़ा जिले में 25.25 करोड़ की लागत से 3 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य ; बारां जिले में 9 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; भीलवाड़ा जिले में 12.40 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; बीकानेर जिले में 60 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; बूंदी जिले में 20 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; चित्तौड़गढ़ जिले में 9.90 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; हनुमानगढ़ जिले में 48 करोड़ की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; झुंझुनू जिले में 143.50 करोड़ की लागत से 7 सड़क विकास कार्य ; प्रतापगढ़ जिले में 34.25 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; राजसमंद जिले में 8.34 करोड़ की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; सवाई माधोपुर जिले में 32.20 करोड़ की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; सीकर जिले में 25.40 करोड़ की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; श्रीगंगानगर जिले में 32.05 करोड़ की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; उदयपुर जिले में 58.25 करोड़ की लागत से 5 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य का लोकार्पण हुआ है.
इनका हुआ शिलान्यास : अजमेर जिले में 458.34 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; बांसवाड़ा जिले में 253.37 करोड़ रुपए की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ; बारां जिले में 65.60 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य ; भरतपुर जिले में 6 करोड़ रुपए की लागत से 1 सड़क विकास कार्य ;बीकानेर जिले में 586.39 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; बूंदी जिले में 301.52 करोड़ रुपए की लागत से 4 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य; चूरू जिले में 554.12 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क विकास कार्य ; झालावाड़ जिले में 27.81 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य ; सवाई माधोपुर जिले में 163 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क विकास कार्य और सीकर जिले में 421.67 करोड़ रुपए की लागत से 2 सड़क विकास कार्य का शिलान्यास किया गया है