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राजस्थान सीएम ने गुलाबचंद कटारिया को बताया, 'मेंटली डिस्टर्ब'

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली (CM Ashok Gehlot In Delhi) में हैं. पार्टी आलाकमान के साथ उनकी मीटिंग की चौतरफा चर्चा है. जैसा कि कहा जा रहा है पार्टी के तमाम मुद्दों पर विमर्श किया जा रहा है. इस सबके बीच जब सीएम मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को दिमागी तौर पर डिस्टर्ब बता दिया. वहीं प्रशांत किशोर को ले लेकर किए गए सवाल को उन्होंने अपने अंदाज में डील किया.

Gehlot Calls kataria Mentally disturb
गहलोत कटारिया मेंटली डिस्टर्ब
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Published : Apr 20, 2022, 5:21 PM IST

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस (CM Ashok Gehlot In Delhi) की अहम बैठक में शामिल होने पहुंच गए हैं. इस दौरान दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को दिमागी तौर पर डिस्टर्ब बताया. ऐसा उन्होंने कटारिया के उस विवादित बयान को आधार बनाकर कहा जिसमें उन्होंने कहा था कि रावण ने माता सीता का हरण कर ऐसा कोई बड़ा पाप नहीं किया था.

मेंटली डिस्टर्ब कटारिया : इसके साथ ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर कुछ भी बोल देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले महाराणा प्रताप के बारे में वे गलत बोले और अब रावण का उदाहरण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष को सीता ही मिली क्या? मुझे लगता है वह मेंटली डिस्टर्ब हैं. गहलोत ने अपने अंदाज में मेंटली डिस्टर्ब होने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि कटारिया मेंटली डिस्टर्ब लगते हैं क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा. इस दौरान उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कोई न कोई कारण जरूर है कि वह भटक जाते हैं और जब बोलते हैं तो ऐसे शब्द ही काम में लेते हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

क्या हिंदू इसे बर्दाश्त करेगा : गहलोत ने इसके बाद भी कटारिया तीखे प्रहार किए. उन्होंने आगे कहा कि गुलाबचंद कटारिया भले ही आरएसएस के हों लेकिन बुजुर्ग नेता के तौर पर उनका सम्मान है. मैंने उन्हें कहा भी कि आप लिमिट के बाहर बिलो द बेल्ट ना बोलें. महाराणा प्रताप के बारे में जो कहा उसको क्या राजस्थान के लोग भूल सकते हैं. विशेष तौर पर राजपूत कम्युनिटी में नाराजगी है. अब रावण और सीता की बात हो गई, क्या हिंदू लोग इस बात को बर्दाश्त करेंगे ? गहलोत ने कहा कि ये हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बात करते हैं लेकिन इनका राष्ट्रवाद और हिंदुत्व चुनाव जीतने के लिए है, जबकि हमारा हिंदुत्व धार्मिक भावना का सम्मान रखने का. गहलोत ने कहा कि हम सब को गर्व है कि हम हिंदू हैं. गांधी जी ने भी कहा था मुझे गर्व है मैं हिंदू हूं लेकिन हर धर्म का सम्मान करना हमारा फर्ज बनता है. अगर सब धर्म वाले एक दूसरे के धर्म का सम्मान करने लगें तो कोई दिक्कत ही नहीं रहेगी.

यह भी पढ़ें- गांधी-पटेल-अंबेडकर को 'चुरा' रही भाजपा, अब संघ का पार्टी में विलय हो जाना चाहिए : गहलोत

प्रशांत किशोर पर गोलमोल जवाब : सीएम से प्रशांत किशोर को लेकर भी सवाल किया गया. हालांकि इसका उन्होंने सुस्पष्ट जवाब नहीं दिया. वे प्रशांत किशोर के इतिहास और उनके ब्रांड का जिक्र कर बात को टाल दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, प्रशांत किशोर का जहां तक सवाल है वो एक ब्रांड बन गए हैं. देश में 2014 में वह मोदी के साथ थे, फिर वो नीतीश के साथ गए, अभी पंजाब में हमारे साथ थे. वो प्रोफेशनल काम करते हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया इसलिए लोगों सबके लिए वो न्यूज़ है. एजेंसियों का काम लेना कोई पहली बार नहीं हो रहा है, ऐसी एजेंसियों की राय लेते रहते हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया तो वो चर्चा में आ गए. अगर उनका अनुभव काम आता है विपक्ष को एकजुट करने में और अगर मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने में अगर उनकी सहायता मिलती है तो अच्छी बात है.

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस (CM Ashok Gehlot In Delhi) की अहम बैठक में शामिल होने पहुंच गए हैं. इस दौरान दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को दिमागी तौर पर डिस्टर्ब बताया. ऐसा उन्होंने कटारिया के उस विवादित बयान को आधार बनाकर कहा जिसमें उन्होंने कहा था कि रावण ने माता सीता का हरण कर ऐसा कोई बड़ा पाप नहीं किया था.

मेंटली डिस्टर्ब कटारिया : इसके साथ ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर कुछ भी बोल देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले महाराणा प्रताप के बारे में वे गलत बोले और अब रावण का उदाहरण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष को सीता ही मिली क्या? मुझे लगता है वह मेंटली डिस्टर्ब हैं. गहलोत ने अपने अंदाज में मेंटली डिस्टर्ब होने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि कटारिया मेंटली डिस्टर्ब लगते हैं क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा. इस दौरान उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कोई न कोई कारण जरूर है कि वह भटक जाते हैं और जब बोलते हैं तो ऐसे शब्द ही काम में लेते हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

क्या हिंदू इसे बर्दाश्त करेगा : गहलोत ने इसके बाद भी कटारिया तीखे प्रहार किए. उन्होंने आगे कहा कि गुलाबचंद कटारिया भले ही आरएसएस के हों लेकिन बुजुर्ग नेता के तौर पर उनका सम्मान है. मैंने उन्हें कहा भी कि आप लिमिट के बाहर बिलो द बेल्ट ना बोलें. महाराणा प्रताप के बारे में जो कहा उसको क्या राजस्थान के लोग भूल सकते हैं. विशेष तौर पर राजपूत कम्युनिटी में नाराजगी है. अब रावण और सीता की बात हो गई, क्या हिंदू लोग इस बात को बर्दाश्त करेंगे ? गहलोत ने कहा कि ये हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बात करते हैं लेकिन इनका राष्ट्रवाद और हिंदुत्व चुनाव जीतने के लिए है, जबकि हमारा हिंदुत्व धार्मिक भावना का सम्मान रखने का. गहलोत ने कहा कि हम सब को गर्व है कि हम हिंदू हैं. गांधी जी ने भी कहा था मुझे गर्व है मैं हिंदू हूं लेकिन हर धर्म का सम्मान करना हमारा फर्ज बनता है. अगर सब धर्म वाले एक दूसरे के धर्म का सम्मान करने लगें तो कोई दिक्कत ही नहीं रहेगी.

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प्रशांत किशोर पर गोलमोल जवाब : सीएम से प्रशांत किशोर को लेकर भी सवाल किया गया. हालांकि इसका उन्होंने सुस्पष्ट जवाब नहीं दिया. वे प्रशांत किशोर के इतिहास और उनके ब्रांड का जिक्र कर बात को टाल दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, प्रशांत किशोर का जहां तक सवाल है वो एक ब्रांड बन गए हैं. देश में 2014 में वह मोदी के साथ थे, फिर वो नीतीश के साथ गए, अभी पंजाब में हमारे साथ थे. वो प्रोफेशनल काम करते हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया इसलिए लोगों सबके लिए वो न्यूज़ है. एजेंसियों का काम लेना कोई पहली बार नहीं हो रहा है, ऐसी एजेंसियों की राय लेते रहते हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया तो वो चर्चा में आ गए. अगर उनका अनुभव काम आता है विपक्ष को एकजुट करने में और अगर मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने में अगर उनकी सहायता मिलती है तो अच्छी बात है.

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