नई दिल्ली: आरएसएस के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सांस्थापक इंद्रेश कुमार ने लाउडस्पीकर विवाद पर टिप्पणी करते हुए इस पर राजनीति करने वाले नेताओं को लताड़ लगाई है. गुरुवार को ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि समस्या लाउडस्पीकर नहीं बल्कि इसके पीछे की वोट बैंक पॉलिटिक्स है. उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि इस वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलों की दलील से परहेज करें.
उन्होंने कहा कि भारत सभी मत पन्थों का सत्कार भी करता है और सम्मान भी करता है. आज से डेढ़ सौ साल पहले जब लाउडस्पीकर नहीं था तब भी शबद कीर्तन होते थे और अजान भी होती थी, प्रार्थना और हनुमान चालीसा का पाठ भी होती था लेकिन इसको लेकर कभी झगड़े नहीं होते थे. स्वाभाविक रूप से एक अनुशासन है कि अपने त्यौहार को मनाओ और दूसरे के त्योहार में दखल मत दो. दूसरा अनुशासन है कि जो व्यवस्था उपलब्ध है उसके भीतर ही अपने आयोजन करें न की सड़कों पर आकर आयोजन करें.
इसके साथ ही उन्होंने लाउडस्पीकर हटाने से संबंधित कार्यवाही के मामले में उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि नियम लागू होने के साथ ही गोरक्ष पीठ के सभी लाउडस्पीकर उतरवाए गए और उसके बाद उन्होंने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि पर भी नियम को लागू किया. परिणाम यह निकला कि बिना किसी हिंसा या तनाव के शांतिपूर्वक 55,000 लाउडस्पीकर बंद हो गए. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है और वहां यह शांतिपूर्ण रहा हालांकि कुछ लोगों ने गड़बड़ करने की कोशिश भी की तो उन्हें नियंत्रित कर लिया गया. इसलिए उन्हें लगता है कि अपने आप ही सब धर्मों के लोगों को अपने दिशानिर्देश तय करने चाहिए कि लाउडस्पीकर कितना और क्यों उपयोग करना है.
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इंद्रेश कुमार ने कहा कि अच्छा यह है कि लाउडस्पीकर की आवाज धार्मिक स्थल की परिधि से बाहर ना जाए. लोग प्रार्थना नमाज या पूजा पाठ के लिए सड़कों पर न उतरें. सड़कों पर कुछ भी करने से देश का मौलिक अनुशासन बिगड़ता है. इसलिए विपक्षी दलों को यह नसीहत है कि आप अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाएंगे और बाकियों को रोकेंगे यह अमानवीय भी है और और असंवैधानिक भी है.