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Farm Law Withdrawal : पीएम ने देशवासियों से क्षमा मांगी, कहा- कृषि कानून Repeal होंगे

कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) पर पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. पढ़िए पूरी खबर...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Nov 19, 2021, 9:04 AM IST

Updated : Nov 19, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) का एलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

राष्ट्र को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) का एलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

राष्ट्र को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

Last Updated : Nov 19, 2021, 5:13 PM IST
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