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Delhi Mumbai Expressway : वाहन चेकिंग न होने का गौ तस्कर उठा रहे फायदा, एक राज्य से दूसरे राज्य जाने में हुई आसानी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे इन दिनों गौ तस्करी का मुफीद जरिया बन गया है, जिसका तस्कर फायदा उठा (Cattle smuggling on Delhi Mumbai Expressway) रहे हैं.

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Published : Apr 24, 2023, 7:57 PM IST

Updated : Apr 24, 2023, 8:16 PM IST

Cattle smuggling on Delhi Mumbai Expressway
Cattle smuggling on Delhi Mumbai Expressway
पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा

अलवर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है, लेकिन ये कॉरिडोर अब आम लोगों के साथ ही तस्करों के लिए भी सुरक्षित व सुविधाजनक हो गया है. खैर, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गौ तस्कर खुलेआम इस एक्सप्रेस वे के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्यों को जा रहे हैं. वहीं, एक्सप्रेस वे पर वाहन चेकिंग व जांच न होने का फायदा उठा रहे हैं.

आम लोगों से ज्यादा तस्करों को हुआ फायदा : असल में देश की राजधानी दिल्ली को देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई से जोड़ने के लिए देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, दिल्ली से लालसोट दौसा तक एक्सप्रेस वे को शुरू कर दिया गया है. वहीं, इसके शुरू होने से हजारों लोगों को राहत मिली है. लेकिन सबसे ज्यादा फायदा गौ तस्करों को हुआ है, क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसलिए एक्सप्रेस वे पर वाहनों की चेकिंग व वाहनों की जांच के भी कोई इंतजाम नहीं है. यही वजह है कि इस एक्सप्रेस के जरिए गौ तस्कर आसानी से राजस्थान से हरियाणा पहुंच जाते हैं.

स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं : बीते एक माह के दौरान गौ रक्षकों ने 10 से ज्यादा हरियाणा के वाहनों को पकड़ कर राजस्थान पुलिस को सौंप हैं तो वहीं प्रतिदिन 30 से 40 वाहनों में गौ तस्करी, शराब तस्करी व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी होती है. असल में वाहनों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं होने व पुलिस की गश्ती नहीं होने से तस्कर इसका फायदा उठाते हैं और खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. अलवर के पिनान, रामगढ़, बड़ौदामेव व दौसा, बांदीकुई समेत विभिन्न जगहों से तस्कर एक्सप्रेस वे पर चढ़ रह हैं और हरियाणा में पलवल, बल्लबगढ़ सहित अन्य सड़क मार्गों पर आसानी से उतर जाते हैं.

इसे भी पढ़ें - Special : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को चुनौती देगी भारतीय रेल, 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें

अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एनएचएआई के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई है. जिसमें एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं. एनएचएआई के अधिकारियों से एक्सप्रेस वे पर गश्त के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है तो वहीं, पुलिस के लिए एक्सप्रेस वे पर खाली जगह पुलिस चौकी स्थापित करने व एक्सप्रेस वे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की एक्सेस देने की भी बात कही गई है. ताकि पुलिस वाहनों की जांच पड़ताल कर सके.

हादसे के दौरान मिल सकेगी त्वरित मदद : पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि अभी एक्सप्रेस वे पर गैस की कोई व्यवस्था नहीं है. एनएचएआई के अधिकारियों से कष्ट के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. वहां मिलने के बाद एक्सप्रेस वे पर पुलिस की गश्त बेहतर हो सकेगी. इससे हादसे के दौरान घायलों को तुरंत मदद भी मुहैया कराई जा सकेगी.

गौ रक्षक बने मददगार : गौ रक्षक रमेश मीणा ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर प्रतिदिन 30 से 40 वाहनों में तस्कर गौ तस्करी करते हैं. अब तक कई वाहन गौरक्षक पकड़कर हरियाणा व राजस्थान पुलिस को दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि गौ तस्कर खुलेआम फायरिंग करते हैं. ऐसे में गौ रक्षकों को खासी परेशानी होती है.

पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा

अलवर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है, लेकिन ये कॉरिडोर अब आम लोगों के साथ ही तस्करों के लिए भी सुरक्षित व सुविधाजनक हो गया है. खैर, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गौ तस्कर खुलेआम इस एक्सप्रेस वे के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्यों को जा रहे हैं. वहीं, एक्सप्रेस वे पर वाहन चेकिंग व जांच न होने का फायदा उठा रहे हैं.

आम लोगों से ज्यादा तस्करों को हुआ फायदा : असल में देश की राजधानी दिल्ली को देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई से जोड़ने के लिए देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, दिल्ली से लालसोट दौसा तक एक्सप्रेस वे को शुरू कर दिया गया है. वहीं, इसके शुरू होने से हजारों लोगों को राहत मिली है. लेकिन सबसे ज्यादा फायदा गौ तस्करों को हुआ है, क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसलिए एक्सप्रेस वे पर वाहनों की चेकिंग व वाहनों की जांच के भी कोई इंतजाम नहीं है. यही वजह है कि इस एक्सप्रेस के जरिए गौ तस्कर आसानी से राजस्थान से हरियाणा पहुंच जाते हैं.

स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं : बीते एक माह के दौरान गौ रक्षकों ने 10 से ज्यादा हरियाणा के वाहनों को पकड़ कर राजस्थान पुलिस को सौंप हैं तो वहीं प्रतिदिन 30 से 40 वाहनों में गौ तस्करी, शराब तस्करी व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी होती है. असल में वाहनों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं होने व पुलिस की गश्ती नहीं होने से तस्कर इसका फायदा उठाते हैं और खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. अलवर के पिनान, रामगढ़, बड़ौदामेव व दौसा, बांदीकुई समेत विभिन्न जगहों से तस्कर एक्सप्रेस वे पर चढ़ रह हैं और हरियाणा में पलवल, बल्लबगढ़ सहित अन्य सड़क मार्गों पर आसानी से उतर जाते हैं.

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अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एनएचएआई के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई है. जिसमें एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं. एनएचएआई के अधिकारियों से एक्सप्रेस वे पर गश्त के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है तो वहीं, पुलिस के लिए एक्सप्रेस वे पर खाली जगह पुलिस चौकी स्थापित करने व एक्सप्रेस वे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की एक्सेस देने की भी बात कही गई है. ताकि पुलिस वाहनों की जांच पड़ताल कर सके.

हादसे के दौरान मिल सकेगी त्वरित मदद : पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि अभी एक्सप्रेस वे पर गैस की कोई व्यवस्था नहीं है. एनएचएआई के अधिकारियों से कष्ट के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. वहां मिलने के बाद एक्सप्रेस वे पर पुलिस की गश्त बेहतर हो सकेगी. इससे हादसे के दौरान घायलों को तुरंत मदद भी मुहैया कराई जा सकेगी.

गौ रक्षक बने मददगार : गौ रक्षक रमेश मीणा ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर प्रतिदिन 30 से 40 वाहनों में तस्कर गौ तस्करी करते हैं. अब तक कई वाहन गौरक्षक पकड़कर हरियाणा व राजस्थान पुलिस को दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि गौ तस्कर खुलेआम फायरिंग करते हैं. ऐसे में गौ रक्षकों को खासी परेशानी होती है.

Last Updated : Apr 24, 2023, 8:16 PM IST
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