कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court ) में मंगलवार को एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर केंद्र सरकार को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से हटाने (Removal of Bengal Governor) का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि धनखड़ भाजपा के मुखपत्र के रूप में काम कर रहे हैं.
पेशे से वकील याचिकाकर्ता राम प्रसाद सरकार ने याचिका में यह भी कहा है कि धनखड़ राज्य के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं और अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियों से तृणमूल सरकार की छवि बिगाड़ रहे हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल राज्य मंत्रिपरिषद को दरकिनार कर रहे हैं और ‘अधिकारियों को सीधे निर्देश दे रहे हैं, जो संविधान का उल्लंघन है.’
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि केंद्र सरकार धनखड़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकित वह उसके राजनीतिक हितों को बढ़ावा दे रहे हैं. जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद ग्रहण करने के बाद से ही धनखड़ का राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कई मुद्दों पर टकराव हो चुका है.
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इससे पहले एक समीक्षा बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal chief minister Mamata Banerjee) और राज्यपाल जगदीप धनखड़ (The governor Jagdeep Dhankar) के बीच जारी खींचतान ने तब एक नया मोड़ ले लिया था जब मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर राज्य के आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) को प्रभावित करने का आरोप लगाया. इतना ही नहीं एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के पुलिस अधीक्षक, अमरनाथ के को समीक्षा बैठक में इस मामले पर मुख्यमंत्री के संदेह का सामना करना पड़ा था.
बैठक के दौरान अचानक मुख्यमंत्री ने पूछा था कि एसपी कहां छुपे हुए हैं? और जब अमरनाथ खड़े हुए तो मुख्यमंत्री ने उनसे पहला सवाल किया था कि राज्यपाल ने आपको बुलाया है या नहीं?मुख्यमंत्री ने पूछा मुझे आपके जिले के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं. मैंने तुम्हें कई बार सावधान किया है, लेकिन तुमने कुछ नहीं किया. जिले में कुछ राजनीतिक नेता हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे हैं. क्या राज्यपाल आपको बुला रहे हैं? क्या वह आपको ऐसा करने का निर्देश दे रहे हैं या नहीं? अगर वह कहते हैं कि आप उसकी बात का पालन नहीं करते हैं. आप राज्य सरकार को रिपोर्ट करें. आप अपना फैसला खुद लेंगे और समझदारी से काम लेंगे. यदि आप कोई राजनीतिक दबाव महसूस करते हैं तो मुझे बताएं.
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इसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा, क्या चिंताजनक परिदृश्य है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में पूर्व मेदिनीपुर के एसपी की खिंचाई करते हुए उनसे पूछती हैं कि क्या राज्यपाल ने आपको फोन किया था, यह गंभीर मुद्दा है, जिस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है.
राज्यपाल, जिन्होंने अपने ट्वीट में राज्य के आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन को भी टैग किया, ने कहा कि मीडिया सहित सबके सामने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का अपमान करना एक बहुत ही चिंताजनक परिदृश्य है, जो पुलिस की नैतिक रीढ़ को तोड़ देगा.
पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच तीखी जुबानी जंग चल रही है. बहस तब और अधिक छिड़ गई थी, जब 25 जनवरी को धनखड़ ने राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी की खुलकर आलोचना की थी.
धनखड़ ने कहा था, विधानसभा अध्यक्ष सोचते हैं कि उनके पास राज्यपाल के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार है. पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष खुद को कानून से ऊपर समझते हैं. मैं इस तरह के अविवेकपूर्ण, असंवैधानिक कार्यों को सहन नहीं करुंगा. राज्यपाल पिछली दो घटनाओं का जिक्र कर रहे थे जब विधानसभा में उनके भाषण को ब्लैक आउट कर दिया गया था.
बनर्जी और नौकरशाही पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा था, पिछले दो वर्षों से मुख्यमंत्री ने मांगी गई किसी भी जानकारी का जवाब नहीं दिया है. नौकरशाही को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. नौकरशाही राजनीतिक रूप से प्रतिबद्ध है. क्या उन्हें किसी व्यक्ति के फरमान का पालन करना चाहिए?
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मुख्यमंत्री ने बाद में राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया. यही नहीं, उन्होंने राज्यपाल के घर से पेगासस चलाने का भी आरोप लगाया. बनर्जी ने कहा, वह फोन टैप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की तुलना घोड़े से भी की थी और कहा था कि उन्हें एक चुनी हुई सरकार को परेशान करने के लिए दिल्ली से भेजा गया है.
बनर्जी ने कहा था, मैं इसके लिए पहले से ही माफी मांगती हूं. वह (जगदीप धनखड़) हर दिन कुछ न कुछ ट्वीट करके मुझे या मेरे अधिकारियों को गाली देते हैं. वह असंवैधानिक और अनैतिक बातें कहते हैं. इसलिए मैंने उन्हें अपने ट्विटर अकाउंट पर ब्लॉक कर दिया है. मैं हर दिन चिढ़ रही थी.