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तकनीकी समस्याओं में उलझी 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम : विशेषज्ञ

एक ओर जहां सरकार 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' से हो रहे सीधे लाभ की बात कहती है, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना तकनीकी समस्याओं में उलझ कर रह गई है.

NC Saxena
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Published : Oct 12, 2021, 8:28 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 9:51 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय खाद्य सचिव तथा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फूड कमिश्नर एनसी सक्सेना ने कहा कि केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना तकनीकी समस्याओं में उलझ कर रह गई है. जिसके चलते प्रवासी आबादी को इस योजना का लाभ जितना मिलना चाहिए था वह फिलहाल नहीं मिल पा रहा है.

एनसी सक्सेना से बातचीत

उन्होंने कहा कि आधार मशीन की कमी के कारण राशन कार्ड से आधार लिंक नहीं हो पाता है. राशन वितरण के लिए ई-पोस (E-POS) मशीन का इस्तेमाल होता है. उसमें जो सिम कार्ड लगी रहती है उसमें इंटरनेट ठीक से नहीं चल पाता है. इंटरनेट की समस्या बने रहने के चलते दिक्कत होती है. राशन कार्ड और आधार कार्ड में कई बार अंतर रहता है. दोनों में कोई डिफरेंस नहीं होना चाहिए. कई सारे सरकारी राशन दुकानों में ई-पोस मशीन ही नहीं है.

पूर्व केंद्रीय खाद्य सचिव एनसी सक्सेना ने कहा, ई-पोस मशीनों में सॉफ्टवेयर अपडेट भी नहीं रहता है जिसके चलते कार्ड धारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकारी राशन दुकानदारों के पास लाभार्थियों का प्रॉपर रिकॉर्ड भी नहीं रहता है. तकनीकी समस्याएं जब तक दूर नहीं होंगी तथा इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत जब तक नहीं होगा तब तक इस तरह की योजनाएं सफल नहीं हो पायेंगी.

बता दें कि केंद्र सरकार एक तरफ इस योजना को अपनी महत्वकांक्षी योजना बताकर अपनी ही पीठ थपथपा रही है लेकिन विशेषज्ञ इस योजना पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं.

पढ़ें :- केजरीवाल सरकार की राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर फिर लगा ब्रेक

केंद्र सरकार के अनुसार यह योजना 34 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो चुकी है लेकिन असम और छत्तीसगढ़ में अब तक लागू नहीं हो पाई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है.

आंकड़ों के अनुसार इस योजना के देश भर में 75 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हो चुके हैं. अगस्त 2019 में इस योजना की शुरुआत हुई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार तब से अब तक 40 करोड़ से ज्यादा पोटेबिलिटी लेनदेन किए गए हैं.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थी वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम के जरिए किसी भी राज्य में रहकर एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकान से सस्ते दाम पर ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम व्यवस्था बायोमेट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इससे राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख एवं हाथ के अंगूठे से होती है.

नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय खाद्य सचिव तथा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फूड कमिश्नर एनसी सक्सेना ने कहा कि केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना तकनीकी समस्याओं में उलझ कर रह गई है. जिसके चलते प्रवासी आबादी को इस योजना का लाभ जितना मिलना चाहिए था वह फिलहाल नहीं मिल पा रहा है.

एनसी सक्सेना से बातचीत

उन्होंने कहा कि आधार मशीन की कमी के कारण राशन कार्ड से आधार लिंक नहीं हो पाता है. राशन वितरण के लिए ई-पोस (E-POS) मशीन का इस्तेमाल होता है. उसमें जो सिम कार्ड लगी रहती है उसमें इंटरनेट ठीक से नहीं चल पाता है. इंटरनेट की समस्या बने रहने के चलते दिक्कत होती है. राशन कार्ड और आधार कार्ड में कई बार अंतर रहता है. दोनों में कोई डिफरेंस नहीं होना चाहिए. कई सारे सरकारी राशन दुकानों में ई-पोस मशीन ही नहीं है.

पूर्व केंद्रीय खाद्य सचिव एनसी सक्सेना ने कहा, ई-पोस मशीनों में सॉफ्टवेयर अपडेट भी नहीं रहता है जिसके चलते कार्ड धारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकारी राशन दुकानदारों के पास लाभार्थियों का प्रॉपर रिकॉर्ड भी नहीं रहता है. तकनीकी समस्याएं जब तक दूर नहीं होंगी तथा इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत जब तक नहीं होगा तब तक इस तरह की योजनाएं सफल नहीं हो पायेंगी.

बता दें कि केंद्र सरकार एक तरफ इस योजना को अपनी महत्वकांक्षी योजना बताकर अपनी ही पीठ थपथपा रही है लेकिन विशेषज्ञ इस योजना पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं.

पढ़ें :- केजरीवाल सरकार की राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर फिर लगा ब्रेक

केंद्र सरकार के अनुसार यह योजना 34 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो चुकी है लेकिन असम और छत्तीसगढ़ में अब तक लागू नहीं हो पाई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है.

आंकड़ों के अनुसार इस योजना के देश भर में 75 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हो चुके हैं. अगस्त 2019 में इस योजना की शुरुआत हुई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार तब से अब तक 40 करोड़ से ज्यादा पोटेबिलिटी लेनदेन किए गए हैं.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थी वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम के जरिए किसी भी राज्य में रहकर एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकान से सस्ते दाम पर ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम व्यवस्था बायोमेट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इससे राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख एवं हाथ के अंगूठे से होती है.

Last Updated : Oct 12, 2021, 9:51 PM IST
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