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पब्लिक बैंकिंग सेक्टर को खत्म करने की कोशिश कर रही मोदी सरकार : कांग्रेस - कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद बैंकों में गैर निष्पादित परिसंपति (एनपीए) संप्रग सरकार के मुकाबले चार गुना बढ़ गई हैं तथा बैंकिंग क्षेत्र से 5.35 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है.

Congress Gaurav Vallabh
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
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Published : Jan 25, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Jan 26, 2022, 3:36 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की खराब स्थिति के लिए मोदी सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उनके मूल्य को कम करने के लिए उन्हें नष्ट करने की कोशिश कर रही है, ताकि वे इन बैंकों को निजी क्षेत्र को सौंप सकें. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी कुछ आंकड़े साझा किए, जिससे पता चलता है कि मोदी शासन के पिछले सात वर्षों में एनपीए और बट्टे खाते (loan write offs) कई गुना बढ़ गए हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरबीआई से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से बैंक धोखाधड़ी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 5 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि एनडीए के सात साल और छह महीने के कार्यकाल के दौरान, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या और अन्य द्वारा 5.35 ट्रिलियन रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी की गई है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए सरकार का जिम्मेदार है जो अपने कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचा रही है. वल्लभ ने दावा किया, 'संप्रग सरकार में साल 2007 से 2014 के बीच जो एनपीए था, उसमें गत साढ़े सात साल में चार गुना की वृद्धि हो चुकी है. मोदी सरकार बट्टे खाते में 25 गुना ज्यादा पैसा डाल चुकी है.' उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि बैंकिंग क्षेत्र को इस स्थिति से निकालने की योजना क्या है.

यह भी पढ़ें- UP Assembly elections 2022: ओबीसी वोट बैंक बचाने को भाजपा का नया दांव

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'मैंने बैंकिंग में रुझान और प्रगति पर आरबीआई की रिपोर्ट से इन आंकड़ों को संकलित किया है और मीडिया के सामने एक व्यापक आंकड़ा रखा है कि कैसे यूपीए शासन की तुलना में मोदी सरकार के अब तक के साढ़े सात साल के कार्यकाल में सकल एनपीए में चार गुना वृद्धि हुई.

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की खराब स्थिति के लिए मोदी सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उनके मूल्य को कम करने के लिए उन्हें नष्ट करने की कोशिश कर रही है, ताकि वे इन बैंकों को निजी क्षेत्र को सौंप सकें. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी कुछ आंकड़े साझा किए, जिससे पता चलता है कि मोदी शासन के पिछले सात वर्षों में एनपीए और बट्टे खाते (loan write offs) कई गुना बढ़ गए हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरबीआई से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से बैंक धोखाधड़ी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 5 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि एनडीए के सात साल और छह महीने के कार्यकाल के दौरान, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या और अन्य द्वारा 5.35 ट्रिलियन रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी की गई है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए सरकार का जिम्मेदार है जो अपने कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचा रही है. वल्लभ ने दावा किया, 'संप्रग सरकार में साल 2007 से 2014 के बीच जो एनपीए था, उसमें गत साढ़े सात साल में चार गुना की वृद्धि हो चुकी है. मोदी सरकार बट्टे खाते में 25 गुना ज्यादा पैसा डाल चुकी है.' उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि बैंकिंग क्षेत्र को इस स्थिति से निकालने की योजना क्या है.

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'मैंने बैंकिंग में रुझान और प्रगति पर आरबीआई की रिपोर्ट से इन आंकड़ों को संकलित किया है और मीडिया के सामने एक व्यापक आंकड़ा रखा है कि कैसे यूपीए शासन की तुलना में मोदी सरकार के अब तक के साढ़े सात साल के कार्यकाल में सकल एनपीए में चार गुना वृद्धि हुई.

Last Updated : Jan 26, 2022, 3:36 PM IST
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