डीग (भरतपुर). मीरा कुंतल से आरव बने शारीरिक शिक्षक अपनी स्टूडेंट कल्पना के साथ परिणय सूत्र में (PT teacher Changed gender in Bharatpur) बंध गए. 4 नवंबर को कल्पना और आरव ने परिवार की सहमति से शादी की है. राजस्थान की मीरा नेशनल लेवल चैंपियन रह चुकी हैं. वहीं कल्पना भी कबड्डी की होनहार खिलाड़ी हैं.
कोच बनकर सिखाए थे कबड्डी के गुर : डीग के राजकीय माध्यमिक विद्यालय नगला मोती में शारीरिक शिक्षक के रूप में आरव (पहले मीरा) ने स्कूल की छात्राओं को कबड्डी के गुर सिखाए थे. इनमें कल्पना भी शामिल थी. कल्पना ने 10वीं में पढ़ाई के दौरान कबड्डी कोच मीरा कुंतल (अब आरव) के निर्देशन में पहली बार राज्य स्तर पर कबड्डी में परचम लहराया. कल्पना ने कक्षा 11वीं और 12वीं में भी स्टेट लेवल पर अपनी प्रतिभा दिखाई. ग्रेजुएशन के दौरान भी कल्पना ने 2021 में नेशनल लेवल में दमखम दिखाया. कल्पना अब जनवरी 2023 में इंटरनेशनल प्रो-कबड्डी में भाग लेने दुबई जाएंगी.
आरव भी नेशनल प्लेयर : शारीरिक शिक्षक मीरा कुंतल भी उत्कृष्ट खिलाड़ी (Meera became Aarav in Bharatpur) रही हैं. मीरा क्रिकेट में नेशनल लेवल पर 3 एवं हॉकी में 4 बार खेल चुकी हैं. मीरा से आरव बनने के बाद अब वे फिर से विद्यार्थियों को कबड्डी और वालीबॉल की कोचिंग दे रहे हैं. जेंडर चेंज कराने से पहले से ही कोच आरव और उनकी खिलाड़ी कल्पना के बीच प्रेम पनप गया था. जेंडर चेंज की प्रक्रिया के दौरान इन तीन वर्ष में कल्पना ने उसका पूरा ख्याल रखा. इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा और 4 नवंबर को कल्पना और आरव परिणय सूत्र में बंध गए.
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तीन बहनों को मिला भाई : मीरा कुंतल जेंडर चेंज कराने के बाद अब आरव बन (Meera changed gender for Love) गई हैं. आरव के पिता वीरी सिंह ने बताया कि मीरा पैदा तो लड़की के रूप में हुई थी मगर उसके हाव-भाव लड़कों जैसे थे. चिकित्सकों की राय में उसे डिस्फोरिया था. इसके बाद मीरा ने जेंडर चेंज कराने का फैसला किया. इसमें हम सबने उसका पूरा साथ दिया. उन्होंने बताया कि मीरा उनकी चार बेटियों में सबसे छोटी थी. आरव को अब उसकी बहनें भाई मानती हैं और राखी बांधती हैं. भांजे भी उसे मामा कहकर बुलाते हैं.
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मीरा से आरव बनने की कहानी : डीग निवासी मीरा की शारीरिक बनावट भले ही लड़की जैसी थी लेकिन उसका मन हमेशा लड़कों की जिंदगी जीने की चाहत रखता था. मीरा का लालन-पालन भी लड़कों की तरह ही हुआ. बचपन से ही मीरा लड़कों के साथ खेलती, लड़कों जैसे कपड़े पहनती थी. आरव ने बताया कि बचपन से ही उसका मन लड़कों की तरह था. 12वीं कक्षा में आते-आते यह तय कर लिया था कि जिंदगी लड़के की तरह ही जिएंगी. एक बार जब एक मनोचिकित्सक से बात की तो पता चला कि ये एक तरह की बीमारी होती है, जिसे जेंडर डिस्फोरिया कहा जाता है. इसके बाद दिल्ली के एक हॉस्पिटल में 25 दिसंबर 2019 से 2022 तक जेंडर चेंज की सर्जरी चली.
2019 में सर्जरी शुरू की : आरव ने बताया कि दोस्तों से, इंटरनेट से यह जानकारी मिली (PT teacher Changed gender and married student) कि जेंडर चेंज कराया जा सकता है. इसके बाद वर्ष 2019 में मीरा ने माता-पिता को समझाया. परिजनों ने मीरा का पूरा साथ दिया और दिल्ली में जेंडर चेंज की सर्जरी शुरू करा दी. इसके बाद फरवरी 2022 में फाइनल सर्जरी के बाद मीरा पूरी तरह आरव बन गई. सर्जरी के दौरान कल्पना और उसके परिवार ने आरव का पूरा खयाल रखा.