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हिंदू कारीगर ने बढ़ाई मस्जिद की खूबसूरती, नक्काशी से लगाए चार चांद - हिंदू कारीगर लकड़ी नक्काशी

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला स्थित पाक्षीकेरे में बद्रिया जुम्मा मस्जिद का इंटीरियर डिजाइन हाल ही में हुआ है, जिसमें एक हजार वर्ग फीट में फैली लकड़ी की मूर्ति तराशी गई है. हिंदू मूर्तिकार ने मस्जिद के भीतर की नक्काशी को कुछ तरह से पेश किया है, जो काफी आकर्षित है.

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Published : Apr 19, 2022, 9:25 PM IST

मंगलौर : देश में एक तरफ जहां दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश हो रही हैं, वहीं कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मस्जिद की खूबसूरती को तराशने के लिए हिंदू कारीगर की मदद ली गई है. यह मस्जिद मंगलौर के पक्षिकेरे में स्थित है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी की गई और इसे करने वाला उडुपी जिले के कौपू निवासी हरीश आचार्य हैं.

पाक्षीकेरे में बद्रिया जुम्मा मस्जिद का इंटीरियर डिजाइन हाल ही में हुआ है, जिसमें एक हजार वर्ग फीट में फैली लकड़ी की मूर्ति तराशी गई है. हिंदू मूर्तिकार ने मस्जिद के भीतर की नक्काशी को कुछ तरह से पेश किया है, जो काफी आकर्षित है. हरीश आचार्य ने न केवल इस मस्जिद के जीर्णोद्धार में काम किया है, बल्कि कौपू के पास मजूर में मस्जिद में भी लकड़ी नक्काशी की है. उन्हें 25 मंदिरों में लकड़ी की मूर्तियां तराशने का अनुभव है.

हिंदू कारीगर ने बढ़ाई मस्जिद की खूबसूरती
हिंदू कारीगर ने बढ़ाई मस्जिद की खूबसूरती

उन्होंने मजूर में मस्जिद के लिए सबसे पहले इंडो-इस्लामिक शैली में लकड़ी की नक्काशी की. इसके बाद पक्षिकेरे जुम्मा मस्जिद में अपने अनोखे हुनर की झलक दिखायी है. इस बारे में हरीश आचार्य बताते हैं कि उन्हें सारी प्लानिंग तैयार करने और मस्जिद की खूबसूरती को नए अंदाज में तराशने के लिए कहा गया था. इसलिए उन्होंने इसे इंडो-इस्लामिक स्टाइल में तराशा है. यहां के मस्जिद प्रबंधन से जुड़े लोगों ने उनके काम में बहुत सहयोग किया है.

जुम्मा मस्जिद अध्यक्ष हाजी के. ई. मुहम्मद ने बताया कि यह जुम्मा मस्जिद 40 साल पुरानी है. पहले यह एक छोटी सी इमारत थी. अब इसका विकास कार्य हो चुका है. तीन साल पहले कमेटी से बात कर मस्जिद के अंदरूनी हिस्से में लकड़ी की नक्काशी करने का फैसला लिया गया था. हमें जब मजूर मस्जिद में लकड़ी की नक्काशी के काम के बारे में पता चला, तब हमने अपनी मस्जिद में भी ऐसी ही नक्काशी कराने का फैसला किया. इसके बाद हमने हरीश आचार्य से संपर्क किया और उनसे मदद ली गई.

मंगलौर : देश में एक तरफ जहां दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश हो रही हैं, वहीं कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मस्जिद की खूबसूरती को तराशने के लिए हिंदू कारीगर की मदद ली गई है. यह मस्जिद मंगलौर के पक्षिकेरे में स्थित है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी की गई और इसे करने वाला उडुपी जिले के कौपू निवासी हरीश आचार्य हैं.

पाक्षीकेरे में बद्रिया जुम्मा मस्जिद का इंटीरियर डिजाइन हाल ही में हुआ है, जिसमें एक हजार वर्ग फीट में फैली लकड़ी की मूर्ति तराशी गई है. हिंदू मूर्तिकार ने मस्जिद के भीतर की नक्काशी को कुछ तरह से पेश किया है, जो काफी आकर्षित है. हरीश आचार्य ने न केवल इस मस्जिद के जीर्णोद्धार में काम किया है, बल्कि कौपू के पास मजूर में मस्जिद में भी लकड़ी नक्काशी की है. उन्हें 25 मंदिरों में लकड़ी की मूर्तियां तराशने का अनुभव है.

हिंदू कारीगर ने बढ़ाई मस्जिद की खूबसूरती
हिंदू कारीगर ने बढ़ाई मस्जिद की खूबसूरती

उन्होंने मजूर में मस्जिद के लिए सबसे पहले इंडो-इस्लामिक शैली में लकड़ी की नक्काशी की. इसके बाद पक्षिकेरे जुम्मा मस्जिद में अपने अनोखे हुनर की झलक दिखायी है. इस बारे में हरीश आचार्य बताते हैं कि उन्हें सारी प्लानिंग तैयार करने और मस्जिद की खूबसूरती को नए अंदाज में तराशने के लिए कहा गया था. इसलिए उन्होंने इसे इंडो-इस्लामिक स्टाइल में तराशा है. यहां के मस्जिद प्रबंधन से जुड़े लोगों ने उनके काम में बहुत सहयोग किया है.

जुम्मा मस्जिद अध्यक्ष हाजी के. ई. मुहम्मद ने बताया कि यह जुम्मा मस्जिद 40 साल पुरानी है. पहले यह एक छोटी सी इमारत थी. अब इसका विकास कार्य हो चुका है. तीन साल पहले कमेटी से बात कर मस्जिद के अंदरूनी हिस्से में लकड़ी की नक्काशी करने का फैसला लिया गया था. हमें जब मजूर मस्जिद में लकड़ी की नक्काशी के काम के बारे में पता चला, तब हमने अपनी मस्जिद में भी ऐसी ही नक्काशी कराने का फैसला किया. इसके बाद हमने हरीश आचार्य से संपर्क किया और उनसे मदद ली गई.

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