अजमेर. गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई की अजमेर अधिवक्ता बीना सुकरिया ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में निष्पक्ष जांच कर असल अपराधी को गिरफ्तार करने की मांग राजस्थान सीएम से की (Lawrence Bishnoi advocate appeal to CM Gehlot) है. सुकरिया ने कहा कि फेसबुक पर पोस्ट के आधार पर किसी को अपराधी नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कहा कि लॉरेन्स को सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में झूठा फंसाया जा रहा है. वहीं मर्डर केस में पुलिस रिमांड लेकर उसके साथ अन्याय कर रही है.
पंजाब के प्रसिद्ध गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले (Sidhu Moose Wala murder case) में अजमेर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की अधिवक्ता बीना सुकरिया ने सीएम अशोक गहलोत के नाम कलक्टर अंशदीप को ज्ञापन दिया. सुकरिया का आरोप है कि लॉरेंस के साथ अन्याय हो रहा है. उसे मुसेवाला मर्डर केस में फंसाया जा रहा है. जबकि वह तिहाड़ जेल में था. वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता. ऐसे में लॉरेंस कैसे मूसेवाला की हत्या की साजिश कर सकता है?. सुकरिया ने कहा कि लॉरेंस राजस्थान का मूल निवासी है. ऐसे में राजस्थान सीएम से मूसेवाला मर्डर केस में निष्पक्ष जांच की मांग उठाने एवं असल अपराधी को गिरफ्तार करने की मांग की है. बातचीत में सुकरिया ने कहा कि लॉरेंस की वह अधिवक्ता हैं. उन्होंने बताया कि वह यह ज्ञापन लॉरेंस के लिए दे रही हैं. मूसेवाला केस में उसे रिमांड में यातनाएं दी जा रही हैं.
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लॉरेंस विश्नोई तिहाड़ जेल से कैसे रच सकता है हत्या की साजिश: सुकरिया का कहना है कि तिहाड़ जेल में अभियुक्तों को फोन यूज करने की इजाजत नहीं है. वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसी जेल में सुरक्षा है. ऐसे में वह मर्डर केस की साजिश कैसे कर सकता है. उसे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लॉरेन्स विश्नोई राजस्थान का निवासी है. इसलिए सीएम से विनती की गई है कि उसके साथ अन्याय नहीं हो. मुसेवाला मर्डर केस में असल अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए.
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फेसबुक पर पोस्ट तो कोई भी डाल सकता है: लॉरेन्स की फेसबुक आईडी से की गई पोस्ट के बारे में सुकरिया ने कहा कि फेसबुक पर आईडी बनाकर कोई भी पोस्ट कर सकता है. इससे कोई व्यक्ति अपराधी नहीं हो जाता. उन्होंने बताया कि लॉरेन्स से इस संदर्भ में कोई बात नहीं हुई है. वह तिहाड़ जेल में है. मैं उसकी अधिवक्ता हूं, इसलिए मुझे लगा कि उसके साथ बहुत अन्याय हो रहा है. फेसबुक पर पोस्ट के जरिये किसी को अपराधी साबित नहीं किया जा सकता है.