कोटा. राजस्थान के कोटा शहर के महावीर नगर एक्सटेंशन निवासी इंजीनियर सुजीत स्वामी ने दो रुपए के लिए रेलवे से सालों तक संघर्ष किया. 5 साल के बाद (Sujit Swami of Kota RTI on IRCTC) उन्हें 2 रुपए रेलवे ने वापस लौटा दिए. इसके लिए उन्होंने कई आरटीआई लगाए. साथ ही लोक अदालत से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को शिकायत की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर भी कई बार पीएम मोदी, रेल मंत्री और अधिकारियों से गुहार लगाई थी. मामला ऑनलाइन टिकट और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) से संबंधित है.
सुजीत स्वामी ने अप्रैल 2017 में 1 जुलाई 2017 को कोटा से नई दिल्ली की यात्रा करने के लिए थर्ड एसी का टिकट गोल्डन टेंपल मेल में करवाया था. जिसका किराया 765 रुपए था. ये टिकट वेटिंग का था, कंफर्म नहीं होने पर ऑटोमेटिक कैंसिल हो गया. ऐसे में इसका रिफंड उन्हें आईआरसीटीसी के जरिए 665 रुपए ही मिला. आरटीआई एक्टिविस्ट स्वामी का कहना है कि कैंसिलेशन का चार्ज 65 रुपए की जगह 100 लिया गया. आईआरसीटी से संपर्क करने पर जवाब मिला कि रेलवे ने सर्विस टैक्स लगाया था, जिसके कारण 35 रुपए ज्यादा लिए गए हैं.
स्वामी का कहना है कि उन्होंने सर्विस टैक्स के मामले पर भी आरटीआई लगाई, जिसे रेलवे की ओर से खत्म कर दिया गया था. ऐसे में उन्होंने पैसे वापस रिफंड करने की मांग की. इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर रेल मंत्री, प्रधानमंत्री और अधिकारियों को भी लिखा. लोक अदालत में भी रेलवे के खिलाफ केस कर दिया. जिसका नौकरी रेलवे अधिकारियों और आईआरसीटीसी को भेजा गया. इन सब के बाद में उन्हें रेलवे ने 2019 में मई महीने में 33 रुपए का रिफंड कर दिया. हालांकि सुजीत स्वामी का कहना है कि उन्हें 35 रुपए मिलने थे. दो रुपए के लिए स्वामी ने दोबारा संघर्ष शुरू कर दिया.
इसके बाद रेलवे ने उन्हें 27 मई को जानकारी ईमेल के जरिए मांगी और 30 मई को दो रुपए ट्रांसफर कर दिए. सुजीत स्वामी ने दावा किया है कि ये सर्विस टैक्स का पैसा करीब दो लाख 98 हजार लोगों से वसूला गया है. जिनका करीब 2 करोड़ 43 लाख रुपए बन रहा है. इन्हें भी रेलवे आईआरसीटीसी के कार्मिकों ने उन्हें फोन पर वापस करने की बात कही है. इस संबंध में उनके पास कोई आधिकारिक आदेश या लेटर नहीं है. स्वामी ने बताया कि इसके लिए भी उन्होंने आरटीआई लगाई हुई है.