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जज्बे को सलाम : दो शिक्षिकाओं ने बेघर लोगों के लिए बनाए 150 घर

केरल की दो शिक्षिकाओं ने डोनेशन के जरिए छह साल में 150 घर बना कर बेघर लोगों को दिए. इस मानवीय कार्य के लिए इनकी खूब सराहना हो रही है.

जज्बे को सलाम
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Published : Sep 19, 2021, 2:07 PM IST

कोच्चि : केरल में कोच्चि की रहने वाली दो शिक्षिकाओं ने सराहनीय कार्य किया है. थोप्पुमपडी के एक स्कूल की दो शिक्षिकाओं ने डोनेशन के जरिए पैसा जुटा कर बेघर लोगों के लिए 150 घर बनाए हैं. इनके नाम सिस्टर लिस्सी चक्कलक्कल (Sister Lissy Chakkalakkal) और लिली पॉल (Lilly Paul) हैं.

दोनों शिक्षिकाओं ने वर्ष 2014 में आयोजित स्कूल के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान हाउस चैलेंज प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया था. उन्होंने छह साल की अवधि में बेघरों के लिए 150 घर बना डाले.

इन मकानों की कीमत 6 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक है. अच्छी डिजाइन के साथ घरों को तैयार किया गया और टाइलिंग के बाद सौंपा गया.

इस पहल से स्कूल के करीब 80 छात्रों के परिवारों को घर मिला है. महिलाओं, बच्चों, विधवाओं और बीमार सदस्यों वाले बेघर परिवारों को प्राथमिकता दी गई. सरकार से समर्थन के बावजूद पैसे की व्यवस्था करने में मुश्किल होने पर लोगों ने भी मदद की पेशकश की.

सिस्टर लिस्सी ने बताया कि उन्होंने अपने उन छात्रों को आश्रय प्रदान करने के लिए हाउस चैलेंज प्रोजेक्ट शुरू किया, जिनके परिवारों के पास जमीन तो थी, लेकिन उनके पास उचित घर नहीं था. बाद में, हमने देखा कि कई परिवारों के पास जमीन नहीं है, इसलिए हमने लोगों से जमीन दान करने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि हमारा सपना सहयोग और साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देकर एक समाज को बेघरों से मुक्त करना है.

यह भी पढ़ें- केरल का 2026 तक 15,000 स्टार्टअप का लक्ष्य : विजयन

कोच्चि : केरल में कोच्चि की रहने वाली दो शिक्षिकाओं ने सराहनीय कार्य किया है. थोप्पुमपडी के एक स्कूल की दो शिक्षिकाओं ने डोनेशन के जरिए पैसा जुटा कर बेघर लोगों के लिए 150 घर बनाए हैं. इनके नाम सिस्टर लिस्सी चक्कलक्कल (Sister Lissy Chakkalakkal) और लिली पॉल (Lilly Paul) हैं.

दोनों शिक्षिकाओं ने वर्ष 2014 में आयोजित स्कूल के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान हाउस चैलेंज प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया था. उन्होंने छह साल की अवधि में बेघरों के लिए 150 घर बना डाले.

इन मकानों की कीमत 6 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक है. अच्छी डिजाइन के साथ घरों को तैयार किया गया और टाइलिंग के बाद सौंपा गया.

इस पहल से स्कूल के करीब 80 छात्रों के परिवारों को घर मिला है. महिलाओं, बच्चों, विधवाओं और बीमार सदस्यों वाले बेघर परिवारों को प्राथमिकता दी गई. सरकार से समर्थन के बावजूद पैसे की व्यवस्था करने में मुश्किल होने पर लोगों ने भी मदद की पेशकश की.

सिस्टर लिस्सी ने बताया कि उन्होंने अपने उन छात्रों को आश्रय प्रदान करने के लिए हाउस चैलेंज प्रोजेक्ट शुरू किया, जिनके परिवारों के पास जमीन तो थी, लेकिन उनके पास उचित घर नहीं था. बाद में, हमने देखा कि कई परिवारों के पास जमीन नहीं है, इसलिए हमने लोगों से जमीन दान करने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि हमारा सपना सहयोग और साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देकर एक समाज को बेघरों से मुक्त करना है.

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