जोधपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल यूनिट ने बुधवार को जोधपुर में बड़ी कार्रवाई (Jodhpur ACB Action) करते हुए एक पटवारी को 25 लाख 21 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई एसीबी के एडिशनल एसपी डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित के निर्देशन में की गई. संभवत: राजस्थान में पहली बार इतनी बड़ी रिश्वत के साथ पटवारी पकड़ा गया है. शहर के मंगरा पुंजला इलाके के पटवारी बीरबल राम विश्नोई ने एक जमीन के रूपांतरण से जुड़ी प्रक्रिया के लिए यह राशि मांगी थी.
एडिशनल एसपी दुर्ग सिंह ने बतााय कि पटवारी ने डिमांड की थी की या तो जमीन दे या रुपए. डिमांड के अनुसार परिवादी के पास राशि नहीं थी तो ऐसे में एसीबी ने 25 लाख रुपए के डमी नोट जुटाए और 21 हजार के असली नोट पटवारी को देने के लिए परिवादी को दिए. बुधवार सुबह जैसे ही पटवारी ने यह राशि परिवादी से प्राप्त की, इस दौरान नजदीकी मौजूद एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया. मामले की कार्रवाई माता का थान थाने में की जा रही है.
आठ करोड़ की जमीन में मांगी हिस्सेदारी- दुर्ग सिंह ने बताया कि परिवादी मनोज ग्वाला ने भदवासिया में 2 बीघा से ज्यादा एक साल पहले खरीदी थी. तब से पटवारी की नजर थी. पटवारी ने जमीन खरीदने के बाद मनोज से कहा कि वह इस जमीन की रजिस्ट्री करवा ले और उसके बाद का जो भी कार्रवाई होगी वह पूरी करवा देगा. इसके एवज में म्यूटेशन के लिए 50 हजार रुपए पहले ले लिए. कुछ समय बाद पटवारी को लगा कि मनोज जमीन आगे बेच रहा तो उसे कुछ नहीं मिलेगा. जमीन की कीमत आठ करोड़ रुपए है. इसके बाद उसने दबाव बनाना शुरू कर दिया और कागजी कार्रवाई को रोक दिया.
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उन्होंने परिवादी से कहा कि इस पूरे काम के लिए वह उसे 2 बीघा जमीन में से कुछ हिस्सा उसे दे. खुद सरकारी कर्मचारी है इसलिए किसी और के नाम जमीन का टुकड़ा करने का दबाव बनाया. इस पर परिवादी ने जमीन देने से मना कर दिया और कहा कि इसके एवज में नगद ले लो और एसीबी में इसकी शिकायत कर दी. एसीबी ने जब सत्यापन किया तो पटवारी ने अपना हिसाब बना कर कहा कि इस पूरे काम के एवज में उसके 25 लाख 80 हजार रुपए बनते हैं. 50 हजार पहले आ चुके हैं. अब वह 25 लाख और बाकी के रुपए उसे दे दे. इस पर आज सुबह राम सागर चौराहा के पास पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
घर से ढाई लाख बरामद, पूर्व सैनिक है पटवारी- कार्रवाई के बाद ACB की टीम ने पटवारी के घर की तलाशी ले रही है, जिसमें ढाई लाख रुपए नगद बरामद हुए हैं. इसके अलावा कई दस्तावेज जमीनों से जुड़े मिले हैं जिनकी पड़ताल चल रही है. यह भी सामने आया है कि पटवारी पहले नेवी में था नौकरी से रिटायरमेंट के बाद 2012 में पटवारी बना. पटवारी को सड़क पर पकड़ा था तो उसने भागने की भी कोशिश की लेकिन मुस्तैद टीम ने उसे दबोच लिया. फिलहाल, इस मामले में किसी अन्य अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता सामने नहीं आई है.