झुंझुनू. जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में घायल जवान हवलदार सतपाल सिंह भी शहीद हो गए हैं (Rajouri Terror Attack). उधमपुर अस्पताल में आज सुबह हवलदार सतपाल ने आखिरी सांस ली. वो 10 दिनों से वेंटीलेटर पर ही थे. हवलदार सतपाल सिंह, बुहाना के समीप जैतपुर गांव के ही रहने वाले थे. हमले में मालीगांव झुंझुनूं के राजेंद्र प्रसाद भांबू पहले ही शहीद हो गए थे. शेष दो घायल जवानों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है. जेतपुरा गांव के हवलदार सतपाल सिंह (Martyr Satpal) के सिर और कमर में गोली लगी थी.
उन्हें उधमपुर आर्मी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. सतपाल सिंह वर्ष 2002 में सेना में भर्ती हुए थे. इनके बड़े भाई राजेश भी राजरिफ में कार्यरत हैं, वही छोटा भाई कुलदीप बुहाना में एडवोकेट है. हवलदार सतपाल सिंह 3 जुलाई को ही डेढ़ माह की छुट्टी पूरी कर वापस अपनी ड्यूटी पर लौटे थे. इनकी पत्नी विंतोष देवी ग्रहणी है, वही एक 13 साल का बेटा शांतु व 15 साल की बेटी प्रीत है, जो पिलानी में रहकर पढ़ाई करते हैं. सतपाल सिंह के पिता अतर सिंह भी सेना में कार्यरत थे. सतपाल सिंह के शहीद होने की सूचना गांव में पहुंचने पर गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है.
बताया जा रहा है कि शहीद सतपाल का पार्थिव शरीर सोमवार शाम तक उनके गांव पहुंचेगा. उधमपुर अस्पताल में आज हवलदार सतपाल ने अंतिम सांस ली. इनसे पहले मालीगांव झुंझुनू के राजेंद्र प्रसाद भांबू भी इसी हमले में शहीद हो गए थे. 10 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के परगल में भारतीय सेना की पोस्ट पर हुए आतंकियों के हमले में वो घायल हुए थे. सतपाल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. 3 जुलाई को ही आखिरी बार सतपाल अपने गांव आए थे. 10-11 अगस्त की मध्य रात्रि को ये हमला हुआ था.
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क्या हुआ था?: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में तड़के दो आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर आत्मघाती हमला किया था. जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे. चार घंटे तक चली गोलीबारी के बाद दोनों आतंकवादी मारे गए थे. मारे गए आतंकियों के पास से हैंड ग्रेनेड व अन्य हथियार बरामद हुए थे. व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने बताया कि दो एके 47, 9 मैगजीन, 300 राउंड, 5 ग्रेनेड, अन्य प्रशासनिक स्टोर बरामद हुए हैं. वहीं, शहीद जवानों की पहचान सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार और राइफलमैन लक्ष्मणन डी. के रूप में हुई थी.