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Russia-Ukraine War: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र, नागरिक- लगा रहे मदद की गुहार

यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं (indian stranded in ukraine). इनमें अधिकतर छात्र हैं. महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. झारखंड राज्य के भी कई लोग वहां फंसे हुए हैं.

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Published : Feb 25, 2022, 8:20 AM IST

Updated : Feb 25, 2022, 12:42 PM IST

नई दिल्ली /झारखंड/कानपुर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों तथा सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की (russia ukraine war). यूक्रेन सरकार के मुताबिक, रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं। यूक्रेन ने रूस पर 'पूर्ण युद्ध' छेड़ने का भी आरोप लगाया. यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के साथ ही पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी भी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे. बहरहाल, यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है। सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है. इस सिलसिले में दूतावास की ओर से आज भी एक परामर्श जारी किया गया. भारत के कई राज्यों के लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं और वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

कानपुर की बेटी यूक्रेन में फंसी, लगा रही मदद की गुहार

कानपुर की बेटी युक्रेन में फंसी

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में कानपुर शहर की बेटी जेन्सी फंस गई है. कानपुर में गुमटी नम्बर 5 निवासी जेन्सी सिंह यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. वह एमबीबीएस में चौथे वर्ष की छात्रा हैं. अचानक यूक्रेन की स्थितियां बदली और जेन्सी वहां फंस गईं. खैर, जिस तरह के हालात यूक्रेन में हैं, उन्हें देखकर जेन्सी के घरवाले बहुत परेशान हैं. जेन्सी के भाई भरत ने बताया कि बहन से बात हुई. वहां सभी को मेट्रो स्टेशन के नीचे रखा गया है. हालांकि दशा अच्छी नहीं है और सभी बहुत घबराए हुए हैं.

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यूक्रेन में फंसे हिमाचल के राहुल ने बयां किए ताजा हालात, परिजनों से की ये अपील

यूक्रेन में हिमाचल प्रदेश के छात्र भी फंसे हुए हैं. वहां के हालात को देखते हुए वहां पढ़ रहे छात्रों को लेकर अभिभावक चिंतित हैं. वह विभिन्न माध्यमों से संपर्क कर (Rahul of Himachal) अपने बच्‍चों की (Indians student in Ukraine) जानकारी ले रहे हैं. वहीं, ईटीवी भारत ने यूक्रेन में फंसे हिमाचल के छात्र राहुल जो वहां (Himachal student in Ukraine) पर तीन सालों से रह रहे हैं, उनसे बात की और ताजा हालातों के बारे में विस्तारपूर्वक जाना...

वीडियो

कुल्लू में फंसे छात्रों ने लगाई मदद की गुहार

रूस और यूक्रेन के बीच बिगड़ते हालातों को देखते हुए अब वहां पढ़ाई के लिए गए छात्रों ने भी भारत सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से बाहर निकाला जाए. जिला कुल्लू के जरड़ भुट्टी के वर्कशॉप से भी एक छात्रा एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए बीते माह ही यूक्रेन पहुंची थी. अब उसने वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिजनों को भी यूक्रेन में चल रहे हालात के बारे में जानकारी दी है. वहीं, उसने भारत सरकार से भी आग्रह किया है कि छात्रों को जल्द से जल्द यूक्रेन से निकाला जाए. वर्कशॉप की रहने वाली चैरी मान्या यूक्रेन के पॉलटावा सिटी की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. 20 वर्षीय चैरी मान्या डेढ़ माह पहले पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई हुई है. चैरी के पिता नीरज सैनी ने बताया कि चैरी से मोबाईल से संपर्क हो रहा है और फिलहाल वो यूक्रेन के पॉलटावा सिटी की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी सकुशल है.उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और भारत सरकार से चैरी को देश वापिस लाने के लिए पत्राचार किया है. अब यूक्रेन और रूस के विवाद के बाद हालत खराब हो रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार चैरी के साथ अन्य देशवासियों को जल्द वापिस लाने के लिए प्रबंध करे.

उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि यूक्रेन में फंसी एमबीबीएस की छात्रा चैरी के परिजनों ने एप्लीकेशन दी है और इसको लेकर सरकार के समक्ष पत्राचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं और अगर कोई यूक्रेन में फंसे लोगों के बारे में जानकारी मिलती है उसको तुंरत संज्ञान में लाया जाए.

झारखंड के लोग यूक्रेन में फंसे

झारखंड के लोग यूक्रेन में फंसे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्रालय से झारखंड समेत देशभर से यूक्रेन गये लोगों की मदद करने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर विदेश राज्यमंत्री डॉ एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची को टैग करते हुए लिखा है कि झारखंड के आदित्य राज सहित अन्य लोग जो पढ़ाई या काम करने यूक्रेन गये थे उनकी मदद की जाए.

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ट्वीट

इसे भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन की जंग के बीच पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक, भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाना प्राथमिकता

गोड्डा के एक व्यक्ति विश्वनाथ दास ने ट्वीट कर सरकार से अपने बेटे आदित्य राज की सकुशल वापसी की गुहार लगाई. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर पहल की है. इधर यूक्रेन में फंसे झारखंड के लोग काफी संख्या में है. जिसमें महगामा क्षेत्र से 5 बच्चे शामिल हैं, जिनको लाने के लिए महगामा विधायक दीपिका पांडे ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात कर बच्चों को सुरक्षित लाने की मुख्यमंत्री से की अपील की. दीपिका पांडे ने कहा कि झारखंड के कई लोग यूक्रेन में हैं, जिन्हें चिंहित कर सरकार को जल्द से जल्द घर वापसी कराना चाहिए.

दुमका के कई छात्र फंसे

दुमका के कई छात्र फंसे

यूक्रेन पर रूस के हमले से उन छात्रों को परेशानी हो गई हैं, जो पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए हैं. इसमें झारखंड के संथालपरगना के भी कुछ छात्र शामिल हैं. दुमका के डंगालपाड़ा इलाके का आदित्य कुमार और गोड्डा जिले के शिवम कुमार, गौरव और अनीश ने वीडियो भेज कर मदद करने की गुहार लगाई है. आदित्य यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं. दुमका के आदित्य विनितसिया राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता हैं, जो विन्त्सिया सिटी यूक्रेन में है. आदित्य पिछले 2 वर्षों से पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने वीडियो में कहा है कि हमलोगों ने 28 फरवरी को भारत लौटने के लिए फ्लाइट का टिकट लिया था. लेकिन अभी स्थिति बिगड़ गई है. हमारे मित्र गुरुवार को रवाना होने के लिए निकले थे. उन्हें एयरपोर्ट से वापस कर दिया गया हैं.

इन छात्रों ने कहा है कि गुरुवार की सुबह एंबेसी की ओर से सूचना दी गई कि एक सप्ताह का भोजन का इंतजाम कर लें. लेकिन यहां जो सुपर मार्केट है. उसमें काफी भीड़ हो चुकी है. हमारे पास रुपए निकालने के लिए एटीएम है. लेकिन वहां नगद रुपए मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए हमारे पास कोई इंतजाम नहीं है. इस स्थिति में भारतीय दूतावास हमारी मदद करें.

रांची के अजय कुमार परिवार के साथ युक्रेन में फंसे

रांची के हरमू इलाके के रहने वाले अजय कुमार यूक्रेन में फंसे हुए हैं. अजय कुमार अपने पत्नी और बच्चों के साथ यूक्रेन में एक सुरक्षित जगह पर पनाह लिए हुए हैं. यूक्रेन में 20 हजार भारतीय रह रहे हैं. इसमें नौकरी करने वालों के साथ साथ छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं, जो युद्ध की शुरुआत होते ही फंस गए हैं. रांची के रहने वाले एक परिवार भी यूक्रेन में फंसा हुआ है. हरमू हाउसिंग कॉलोनी के रहने वाले अजय कुमार का यूक्रेन में बिजनेस है. अजय कुमार के भाई संजय कुमार ने फोन पर बातचीत की है.

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अजय ने फोन पर बताया कि युद्ध की आशंका को देखते हुए 26 फरवरी को अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के साथ वापस भारत आने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही युद्ध की शुरुआत हो गयी हैं. संजय ने बताया कि यूक्रेन से आज सुबह ही फोन आया है और कहा कि पूरे परिवार के साथ सुरक्षित है. परिवार के सदस्यों के साथ अंडरग्राउंड बेसमेंट में शरण लिया है. फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन युद्ध की भयावहता और लंबे समय तक युद्ध जारी रहने से मुश्किल बढ़ सकती है. संजय कुमार ने बताया कि अजय पिछले 20 सालों से यूक्रेन में रह कर अपना बिजनेस कर रहा है. उसके दो बच्चे वहीं स्कूल में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि युद्ध की शुरुआत नहीं हुई होती तो 26 फरवरी को सुरक्षित वापस लौट आते. अब भारत सरकार कुछ पहल करें, ताकि यूक्रेन में फंसे भारतीय वापस लौट सके.

लोहरदगा का छात्र यूक्रेन में फंसा

यूक्रेन के हालात ठीक नहीं हैं. रूस के हमले के बाद वहां पर आम जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ है. ऐसे में भारत के उन युवाओं के लिए चिंता बढ़ गई है जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए हैं. ऐसे ही युवाओं में से एक लोहरदगा का रहने वाला संदीप कुमार भी है. संदीप के माता-पिता को उसकी चिंता सता रही है. हालांकि, संदीप भरोसा दिला रहा है कि यहां सब कुछ ठीक है. संदीप के परिजन फिलहाल लोहरदगा में नहीं है. लेकिन उन्होंने फोन पर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपनी चिंता जताई है.

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लोहरदगा का छात्र यूक्रेन में फंसा

एमडी की डिग्री के लिए यूक्रेन गया संदीप: लोहरदगा के भुवेल चौधरी का पुत्र संदीप कुमार यूक्रेन में कोलटावा मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ वर्ष का छात्र है. वह वहां पर मेडिकल की पढ़ाई में एमडी की डिग्री हासिल करने के लिए पढ़ाई कर रहा है. वर्तमान हालात को लेकर संदीप के माता-पिता काफी चिंतित हैं. संदीप के पिता कहते हैं कि उनके बेटे से उनकी बात हुई, वह कह रहा है कि वहां सब कुछ ठीक है और 5 मार्च को भारत लौटेगा. हालांकि, सैन्य हालातों के बीच माता-पिता की चिंता बढ़ चुकी है. माता-पिता चाहते हैं कि उनका पुत्र सुरक्षित रूप से भारत लौट आए. इसके लिए वे भारत सरकार से मदद की अपील भी कर रहे हैं.

पढ़ें : पुतिन आक्रमणकारी हैं, उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को चुना: बाइडेन
यूक्रेन के हालात को लेकर विश्व में चिंता के भाव नज़र आ रहे हैं. उन लोगों के लिए भी चिंता की स्थिति है, जिनके बच्चे पढ़ाई और दूसरे काम से यूक्रेन में फंसे हुए हैं. झारखंड के भी कई छात्र वहां फंसे (Students of Jharkhand Trapped in Ukraine) हुए हैं. लोहरदगा के अलावा दुमका के भी कुछ छात्र वहां फंसे हैं, जिन्होंने वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है.

यूक्रेन में फंसे झुंझुनू के छात्र, मां और दादा ने केंद्र सरकार से की ये अपील

झुंझुनू : यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू होने के बाद अनेकों देशों के लिए मुसीबत खड़ी(Russia Ukraine Crisis) हो गई है. वहीं राजस्थान के झुंझुनू जिले के भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. झुंझुनू मुख्यालय के बाकरा फाटक के पास रहने वाले कामरेड फूलचंद ढेवा के पोते और उनकी दोयती भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. फूलचंद ढेवा ने बताया कि उनका पोता अर्जुन ढेवा 4 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहा है तो वहीं उनकी दोयती प्रकृति भालोठीया भी इसी साल यूक्रेन में एमबीबीएस करने के लिए गई थी.

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अभी युद्ध छिड़ गया जिसकी वजह से परिवार वालों की चिंता बढ़ती जा रही है. हालांकि दोनों छात्र यूक्रेन (Rajasthan Students on Ukraine Situation) में भारतीय दूतावास में मौजूद हैं. मगर परिजनों ने जल्द से जल्द अपने बच्चों को भारत बुलवाने के लिए सरकार से और झुंझुनू सांसद से मांग की है. परिजनों ने बताया कि केंद्र सरकार को जो व्यवस्था पहले करनी चाहिए थी वह सरकार ने नहीं की ऐन वक्त पर प्लेन भेजें और वह भी खाली हाथ वापस आ गए.

पढ़ें : Russia Ukraine War : यूक्रेन से कोटा लौटे 6 छात्र, कहा- हमारे आने के बाद बंद हो गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें

इससे परिजनों की चिंता और बढ़ गई है. फिलहाल परिजन अपने बच्चों से फोन पर बात करके उनके हालात जान रहे हैं और केंद्र सरकार से बच्चों को जल्द वापस बुलाने की अपील कर रहे हैं.

कैबिनेट में भी हुई चर्चाः यूक्रेन में झारखंड के भी कई लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में इसपर चर्चा हुई. श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार गंभीर है और खुद मुख्यमंत्री इसकी मॉनेटरिंग कर रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव गुरुवार को युद्ध में बदल गया. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया, जिसके बाद पूरी दुनिया में हलचल मच गयी है. पुतिन ने युद्ध का एलान करते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले और वापस जाए. इस बयान के बाद मिसाइलों, बमों और एयरस्ट्राइक की खबरों से माहौल गर्म हो गया. युद्ध के इस माहौल में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं.

मध्य प्रदेश के परिजन अपने बच्चों को लेकर चिंतित

श्योपुर/जबलपुर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव युद्ध में परिवर्तित होता जा रहा है. रूस द्वारा यूक्रेन में किए गए मिसाइल और बम हमलों के बाद यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिताएं बढ़ गई हैं. मध्यप्रदेश के जबलपुर और श्योपुर के छात्र भी यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. इन छात्रों के परिजन खासे परेशान हैं, और सरकार से बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं.

यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है श्योपुर का युवक
श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर का बेटा गोविंद राठौर दो साल से यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. यह उसकी पढ़ाई का आखिरी साल है. वह पढ़ाई पूरी कर पाता इससे पहले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. जिसके बाद उसके परिजन पुत्र की सलामती को लेकर चिंतित हैं और वह भगवान से गुहार लगा रहे हैं कि, उनका बेटा जल्द सुरक्षित देश लौट आए.

कर्नाटक के 287 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, लाने पर हो रहा विचार : सीएम बोम्मई

कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के 287 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत सरकार भूमि मार्गों से छात्रों को निकालने पर विचार कर रही है.

यूक्रेन में फंसी बेटी के लिए मां ने मांगी मदद, तो सीएम हेल्पलाइन से मिला ऐसा जवाब, जानकर रह जाएंगे दंग

जबलपुर में परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
जबलपुर के त्रिमूर्ति नगर, विजय नगर और शांति नगर की 3 छात्राएं रिया पाठक, ईशिता ठाकुर और सुवि गुप्ता यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. ये सभी भी यूक्रेन में फंसी हुई हैं और स्वदेश आने के लिए बेताब हैं. छात्राओं के परिजनों ने सांसद राकेश सिंह और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. छात्राओं के परिजन लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने भी तीनों छात्राओं को आश्वस्त किया है कि वह उन्हें सही सलामत यूक्रेन से भारत लेकर आयेगी.

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सांसद ने मदद का दिया आश्वासन
यूक्रेन में फंसी छात्राओं के लिए जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन सिंह से इस संबंध में बातचीत की है. उन्होंने बताया कि तीनों छात्राएं सही सलामत हैं और उन्हें यूक्रेन से भारत लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं सांसद ने कहा कि तीनों छात्राओं से वह फोन के माध्यम से संपर्क में बने हुए हैं.

अहमदनगर: यूक्रेन में फंसे 18 अहमदनगर के छात्र, सुरक्षित और माता-पिता के संपर्क में......

अहमदनगर: अहमदनगर जिले के अठारह छात्र यूक्रेन के विभिन्न कॉलेज परिसरों में फंसे हुए हैं और उन्होंने यूक्रेन में भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है कि जितनी जल्दी हो सके उन्हें भारत भेजा जाए. ये सभी छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों से शिक्षा के लिए गए हैं. अहमदनगर से 26 छात्र डॉक्टर एजुकेशन कंसल्टेंसी के सीओ डॉ महेंद्र झावरे पाटिल के परामर्श से यूक्रेन में शिक्षा के लिए गए हैं. डॉ. झावारे ने कहा कि इन सभी छात्रों से संपर्क किया गया है और सभी छात्र सुरक्षित हैं. अहमदनगर जिले के छात्र यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डा. झावारे से संपर्क किया और सभी छात्रों की सूची मांगी. इस संगठन के माध्यम से नगर जिले से 18 और बाहर से कुछ अन्य हैं. 26 छात्रों की सूची है और जिला प्रशासन छात्रों और उनके परिवारों से संपर्क करने का काम कर रहा है. डॉ. झावरे ने बताया कि पुणे, नासिक और राज्य के अन्य जिलों के कुछ छात्र फंस गए हैं और राज्य के लगभग 40 छात्र हैं.

अहमदनगर के बच्चे युक्रेन में फंसे(वीडियो)

अलीगढ़ के कई छात्र यूक्रेन में फंसे

अलीगढ़ जिले के तकरीबन 3 दर्जन छात्र यूक्रेन में रूस के हमले के बाद बनी स्थिति के बीच वहां फंसे हुए हैं. वहीं, उनके अभिभावकों का कहना है अगर रात तक बच्चों को लाने के लिए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो शुक्रवार को अभिभावकों का एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर संपर्क करेगा.

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नई दिल्ली /झारखंड/कानपुर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों तथा सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की (russia ukraine war). यूक्रेन सरकार के मुताबिक, रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं। यूक्रेन ने रूस पर 'पूर्ण युद्ध' छेड़ने का भी आरोप लगाया. यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के साथ ही पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी भी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे. बहरहाल, यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है। सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है. इस सिलसिले में दूतावास की ओर से आज भी एक परामर्श जारी किया गया. भारत के कई राज्यों के लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं और वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

कानपुर की बेटी यूक्रेन में फंसी, लगा रही मदद की गुहार

कानपुर की बेटी युक्रेन में फंसी

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में कानपुर शहर की बेटी जेन्सी फंस गई है. कानपुर में गुमटी नम्बर 5 निवासी जेन्सी सिंह यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. वह एमबीबीएस में चौथे वर्ष की छात्रा हैं. अचानक यूक्रेन की स्थितियां बदली और जेन्सी वहां फंस गईं. खैर, जिस तरह के हालात यूक्रेन में हैं, उन्हें देखकर जेन्सी के घरवाले बहुत परेशान हैं. जेन्सी के भाई भरत ने बताया कि बहन से बात हुई. वहां सभी को मेट्रो स्टेशन के नीचे रखा गया है. हालांकि दशा अच्छी नहीं है और सभी बहुत घबराए हुए हैं.

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यूक्रेन में फंसे हिमाचल के राहुल ने बयां किए ताजा हालात, परिजनों से की ये अपील

यूक्रेन में हिमाचल प्रदेश के छात्र भी फंसे हुए हैं. वहां के हालात को देखते हुए वहां पढ़ रहे छात्रों को लेकर अभिभावक चिंतित हैं. वह विभिन्न माध्यमों से संपर्क कर (Rahul of Himachal) अपने बच्‍चों की (Indians student in Ukraine) जानकारी ले रहे हैं. वहीं, ईटीवी भारत ने यूक्रेन में फंसे हिमाचल के छात्र राहुल जो वहां (Himachal student in Ukraine) पर तीन सालों से रह रहे हैं, उनसे बात की और ताजा हालातों के बारे में विस्तारपूर्वक जाना...

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कुल्लू में फंसे छात्रों ने लगाई मदद की गुहार

रूस और यूक्रेन के बीच बिगड़ते हालातों को देखते हुए अब वहां पढ़ाई के लिए गए छात्रों ने भी भारत सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से बाहर निकाला जाए. जिला कुल्लू के जरड़ भुट्टी के वर्कशॉप से भी एक छात्रा एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए बीते माह ही यूक्रेन पहुंची थी. अब उसने वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिजनों को भी यूक्रेन में चल रहे हालात के बारे में जानकारी दी है. वहीं, उसने भारत सरकार से भी आग्रह किया है कि छात्रों को जल्द से जल्द यूक्रेन से निकाला जाए. वर्कशॉप की रहने वाली चैरी मान्या यूक्रेन के पॉलटावा सिटी की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. 20 वर्षीय चैरी मान्या डेढ़ माह पहले पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई हुई है. चैरी के पिता नीरज सैनी ने बताया कि चैरी से मोबाईल से संपर्क हो रहा है और फिलहाल वो यूक्रेन के पॉलटावा सिटी की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी सकुशल है.उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और भारत सरकार से चैरी को देश वापिस लाने के लिए पत्राचार किया है. अब यूक्रेन और रूस के विवाद के बाद हालत खराब हो रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार चैरी के साथ अन्य देशवासियों को जल्द वापिस लाने के लिए प्रबंध करे.

उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि यूक्रेन में फंसी एमबीबीएस की छात्रा चैरी के परिजनों ने एप्लीकेशन दी है और इसको लेकर सरकार के समक्ष पत्राचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं और अगर कोई यूक्रेन में फंसे लोगों के बारे में जानकारी मिलती है उसको तुंरत संज्ञान में लाया जाए.

झारखंड के लोग यूक्रेन में फंसे

झारखंड के लोग यूक्रेन में फंसे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्रालय से झारखंड समेत देशभर से यूक्रेन गये लोगों की मदद करने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर विदेश राज्यमंत्री डॉ एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची को टैग करते हुए लिखा है कि झारखंड के आदित्य राज सहित अन्य लोग जो पढ़ाई या काम करने यूक्रेन गये थे उनकी मदद की जाए.

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गोड्डा के एक व्यक्ति विश्वनाथ दास ने ट्वीट कर सरकार से अपने बेटे आदित्य राज की सकुशल वापसी की गुहार लगाई. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर पहल की है. इधर यूक्रेन में फंसे झारखंड के लोग काफी संख्या में है. जिसमें महगामा क्षेत्र से 5 बच्चे शामिल हैं, जिनको लाने के लिए महगामा विधायक दीपिका पांडे ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात कर बच्चों को सुरक्षित लाने की मुख्यमंत्री से की अपील की. दीपिका पांडे ने कहा कि झारखंड के कई लोग यूक्रेन में हैं, जिन्हें चिंहित कर सरकार को जल्द से जल्द घर वापसी कराना चाहिए.

दुमका के कई छात्र फंसे

दुमका के कई छात्र फंसे

यूक्रेन पर रूस के हमले से उन छात्रों को परेशानी हो गई हैं, जो पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए हैं. इसमें झारखंड के संथालपरगना के भी कुछ छात्र शामिल हैं. दुमका के डंगालपाड़ा इलाके का आदित्य कुमार और गोड्डा जिले के शिवम कुमार, गौरव और अनीश ने वीडियो भेज कर मदद करने की गुहार लगाई है. आदित्य यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं. दुमका के आदित्य विनितसिया राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता हैं, जो विन्त्सिया सिटी यूक्रेन में है. आदित्य पिछले 2 वर्षों से पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने वीडियो में कहा है कि हमलोगों ने 28 फरवरी को भारत लौटने के लिए फ्लाइट का टिकट लिया था. लेकिन अभी स्थिति बिगड़ गई है. हमारे मित्र गुरुवार को रवाना होने के लिए निकले थे. उन्हें एयरपोर्ट से वापस कर दिया गया हैं.

इन छात्रों ने कहा है कि गुरुवार की सुबह एंबेसी की ओर से सूचना दी गई कि एक सप्ताह का भोजन का इंतजाम कर लें. लेकिन यहां जो सुपर मार्केट है. उसमें काफी भीड़ हो चुकी है. हमारे पास रुपए निकालने के लिए एटीएम है. लेकिन वहां नगद रुपए मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए हमारे पास कोई इंतजाम नहीं है. इस स्थिति में भारतीय दूतावास हमारी मदद करें.

रांची के अजय कुमार परिवार के साथ युक्रेन में फंसे

रांची के हरमू इलाके के रहने वाले अजय कुमार यूक्रेन में फंसे हुए हैं. अजय कुमार अपने पत्नी और बच्चों के साथ यूक्रेन में एक सुरक्षित जगह पर पनाह लिए हुए हैं. यूक्रेन में 20 हजार भारतीय रह रहे हैं. इसमें नौकरी करने वालों के साथ साथ छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं, जो युद्ध की शुरुआत होते ही फंस गए हैं. रांची के रहने वाले एक परिवार भी यूक्रेन में फंसा हुआ है. हरमू हाउसिंग कॉलोनी के रहने वाले अजय कुमार का यूक्रेन में बिजनेस है. अजय कुमार के भाई संजय कुमार ने फोन पर बातचीत की है.

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अजय ने फोन पर बताया कि युद्ध की आशंका को देखते हुए 26 फरवरी को अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के साथ वापस भारत आने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही युद्ध की शुरुआत हो गयी हैं. संजय ने बताया कि यूक्रेन से आज सुबह ही फोन आया है और कहा कि पूरे परिवार के साथ सुरक्षित है. परिवार के सदस्यों के साथ अंडरग्राउंड बेसमेंट में शरण लिया है. फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन युद्ध की भयावहता और लंबे समय तक युद्ध जारी रहने से मुश्किल बढ़ सकती है. संजय कुमार ने बताया कि अजय पिछले 20 सालों से यूक्रेन में रह कर अपना बिजनेस कर रहा है. उसके दो बच्चे वहीं स्कूल में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि युद्ध की शुरुआत नहीं हुई होती तो 26 फरवरी को सुरक्षित वापस लौट आते. अब भारत सरकार कुछ पहल करें, ताकि यूक्रेन में फंसे भारतीय वापस लौट सके.

लोहरदगा का छात्र यूक्रेन में फंसा

यूक्रेन के हालात ठीक नहीं हैं. रूस के हमले के बाद वहां पर आम जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ है. ऐसे में भारत के उन युवाओं के लिए चिंता बढ़ गई है जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए हैं. ऐसे ही युवाओं में से एक लोहरदगा का रहने वाला संदीप कुमार भी है. संदीप के माता-पिता को उसकी चिंता सता रही है. हालांकि, संदीप भरोसा दिला रहा है कि यहां सब कुछ ठीक है. संदीप के परिजन फिलहाल लोहरदगा में नहीं है. लेकिन उन्होंने फोन पर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपनी चिंता जताई है.

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लोहरदगा का छात्र यूक्रेन में फंसा

एमडी की डिग्री के लिए यूक्रेन गया संदीप: लोहरदगा के भुवेल चौधरी का पुत्र संदीप कुमार यूक्रेन में कोलटावा मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ वर्ष का छात्र है. वह वहां पर मेडिकल की पढ़ाई में एमडी की डिग्री हासिल करने के लिए पढ़ाई कर रहा है. वर्तमान हालात को लेकर संदीप के माता-पिता काफी चिंतित हैं. संदीप के पिता कहते हैं कि उनके बेटे से उनकी बात हुई, वह कह रहा है कि वहां सब कुछ ठीक है और 5 मार्च को भारत लौटेगा. हालांकि, सैन्य हालातों के बीच माता-पिता की चिंता बढ़ चुकी है. माता-पिता चाहते हैं कि उनका पुत्र सुरक्षित रूप से भारत लौट आए. इसके लिए वे भारत सरकार से मदद की अपील भी कर रहे हैं.

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यूक्रेन के हालात को लेकर विश्व में चिंता के भाव नज़र आ रहे हैं. उन लोगों के लिए भी चिंता की स्थिति है, जिनके बच्चे पढ़ाई और दूसरे काम से यूक्रेन में फंसे हुए हैं. झारखंड के भी कई छात्र वहां फंसे (Students of Jharkhand Trapped in Ukraine) हुए हैं. लोहरदगा के अलावा दुमका के भी कुछ छात्र वहां फंसे हैं, जिन्होंने वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है.

यूक्रेन में फंसे झुंझुनू के छात्र, मां और दादा ने केंद्र सरकार से की ये अपील

झुंझुनू : यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू होने के बाद अनेकों देशों के लिए मुसीबत खड़ी(Russia Ukraine Crisis) हो गई है. वहीं राजस्थान के झुंझुनू जिले के भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. झुंझुनू मुख्यालय के बाकरा फाटक के पास रहने वाले कामरेड फूलचंद ढेवा के पोते और उनकी दोयती भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. फूलचंद ढेवा ने बताया कि उनका पोता अर्जुन ढेवा 4 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहा है तो वहीं उनकी दोयती प्रकृति भालोठीया भी इसी साल यूक्रेन में एमबीबीएस करने के लिए गई थी.

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अभी युद्ध छिड़ गया जिसकी वजह से परिवार वालों की चिंता बढ़ती जा रही है. हालांकि दोनों छात्र यूक्रेन (Rajasthan Students on Ukraine Situation) में भारतीय दूतावास में मौजूद हैं. मगर परिजनों ने जल्द से जल्द अपने बच्चों को भारत बुलवाने के लिए सरकार से और झुंझुनू सांसद से मांग की है. परिजनों ने बताया कि केंद्र सरकार को जो व्यवस्था पहले करनी चाहिए थी वह सरकार ने नहीं की ऐन वक्त पर प्लेन भेजें और वह भी खाली हाथ वापस आ गए.

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इससे परिजनों की चिंता और बढ़ गई है. फिलहाल परिजन अपने बच्चों से फोन पर बात करके उनके हालात जान रहे हैं और केंद्र सरकार से बच्चों को जल्द वापस बुलाने की अपील कर रहे हैं.

कैबिनेट में भी हुई चर्चाः यूक्रेन में झारखंड के भी कई लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में इसपर चर्चा हुई. श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार गंभीर है और खुद मुख्यमंत्री इसकी मॉनेटरिंग कर रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव गुरुवार को युद्ध में बदल गया. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया, जिसके बाद पूरी दुनिया में हलचल मच गयी है. पुतिन ने युद्ध का एलान करते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले और वापस जाए. इस बयान के बाद मिसाइलों, बमों और एयरस्ट्राइक की खबरों से माहौल गर्म हो गया. युद्ध के इस माहौल में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं.

मध्य प्रदेश के परिजन अपने बच्चों को लेकर चिंतित

श्योपुर/जबलपुर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव युद्ध में परिवर्तित होता जा रहा है. रूस द्वारा यूक्रेन में किए गए मिसाइल और बम हमलों के बाद यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिताएं बढ़ गई हैं. मध्यप्रदेश के जबलपुर और श्योपुर के छात्र भी यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. इन छात्रों के परिजन खासे परेशान हैं, और सरकार से बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं.

यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है श्योपुर का युवक
श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर का बेटा गोविंद राठौर दो साल से यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. यह उसकी पढ़ाई का आखिरी साल है. वह पढ़ाई पूरी कर पाता इससे पहले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. जिसके बाद उसके परिजन पुत्र की सलामती को लेकर चिंतित हैं और वह भगवान से गुहार लगा रहे हैं कि, उनका बेटा जल्द सुरक्षित देश लौट आए.

कर्नाटक के 287 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, लाने पर हो रहा विचार : सीएम बोम्मई

कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के 287 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत सरकार भूमि मार्गों से छात्रों को निकालने पर विचार कर रही है.

यूक्रेन में फंसी बेटी के लिए मां ने मांगी मदद, तो सीएम हेल्पलाइन से मिला ऐसा जवाब, जानकर रह जाएंगे दंग

जबलपुर में परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
जबलपुर के त्रिमूर्ति नगर, विजय नगर और शांति नगर की 3 छात्राएं रिया पाठक, ईशिता ठाकुर और सुवि गुप्ता यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. ये सभी भी यूक्रेन में फंसी हुई हैं और स्वदेश आने के लिए बेताब हैं. छात्राओं के परिजनों ने सांसद राकेश सिंह और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. छात्राओं के परिजन लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने भी तीनों छात्राओं को आश्वस्त किया है कि वह उन्हें सही सलामत यूक्रेन से भारत लेकर आयेगी.

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सांसद ने मदद का दिया आश्वासन
यूक्रेन में फंसी छात्राओं के लिए जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन सिंह से इस संबंध में बातचीत की है. उन्होंने बताया कि तीनों छात्राएं सही सलामत हैं और उन्हें यूक्रेन से भारत लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं सांसद ने कहा कि तीनों छात्राओं से वह फोन के माध्यम से संपर्क में बने हुए हैं.

अहमदनगर: यूक्रेन में फंसे 18 अहमदनगर के छात्र, सुरक्षित और माता-पिता के संपर्क में......

अहमदनगर: अहमदनगर जिले के अठारह छात्र यूक्रेन के विभिन्न कॉलेज परिसरों में फंसे हुए हैं और उन्होंने यूक्रेन में भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है कि जितनी जल्दी हो सके उन्हें भारत भेजा जाए. ये सभी छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों से शिक्षा के लिए गए हैं. अहमदनगर से 26 छात्र डॉक्टर एजुकेशन कंसल्टेंसी के सीओ डॉ महेंद्र झावरे पाटिल के परामर्श से यूक्रेन में शिक्षा के लिए गए हैं. डॉ. झावारे ने कहा कि इन सभी छात्रों से संपर्क किया गया है और सभी छात्र सुरक्षित हैं. अहमदनगर जिले के छात्र यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डा. झावारे से संपर्क किया और सभी छात्रों की सूची मांगी. इस संगठन के माध्यम से नगर जिले से 18 और बाहर से कुछ अन्य हैं. 26 छात्रों की सूची है और जिला प्रशासन छात्रों और उनके परिवारों से संपर्क करने का काम कर रहा है. डॉ. झावरे ने बताया कि पुणे, नासिक और राज्य के अन्य जिलों के कुछ छात्र फंस गए हैं और राज्य के लगभग 40 छात्र हैं.

अहमदनगर के बच्चे युक्रेन में फंसे(वीडियो)

अलीगढ़ के कई छात्र यूक्रेन में फंसे

अलीगढ़ जिले के तकरीबन 3 दर्जन छात्र यूक्रेन में रूस के हमले के बाद बनी स्थिति के बीच वहां फंसे हुए हैं. वहीं, उनके अभिभावकों का कहना है अगर रात तक बच्चों को लाने के लिए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो शुक्रवार को अभिभावकों का एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर संपर्क करेगा.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 12:42 PM IST
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