चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने पंजीकरण महानिरीक्षक (Inspector General of Registration ) को निर्देश दिया है कि वह अपने अधीनस्थों को तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों (Tamil Nadu Societies Registration Act ) के तहत निरीक्षण करने का निर्देश दें और पंजीकरण की वास्तविकता, रेक्रीएशन क्लबों और सोसाइटियों में की जाने वाली गतिविधियों को सत्यापित करें और उचित पहल करें. साथ ही कोर्ट ने उन्हें अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपेक्षित प्रक्रियाओं का पालन करके कार्रवाई करने को भी कहा है.
कोर्ट ने इसके लिए 12 सप्ताह का समय दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि आवश्यक हो, तो इन सभी रेक्रीएशन क्लबों और सोसाइटियों के संबंध में पंजीकरण को सत्यापित करने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया जाए.न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम (Justice S M Subramaniam) ने एक क्लब से एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया.
बता दें कि क्लब के खिलाफ अवैध गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पुलिस ने कई शिकायतें की थीं. न्यायाधीश ने याचिका को खारिज (judge rejected the plea) कर दिया और पुलिस को इसकी जांच के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया.
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न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे किसी भी क्लब और सोसायटियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने पर क्षेत्राधिकार वाले पुलिस अधिकारी सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए प्राथमिकी की प्रति उक्त सोसायटी के क्षेत्राधिकारी जिला रजिस्ट्रार (jurisdictional district registrar) को संप्रेषित करेंगे.