नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शरद यादव से सरकारी बंगला खाली करने की केंद्र की याचिका पर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई की जल्द तारीख की मांग करने वाली केंद्र की याचिका को भी स्वीकार कर लिया और रजिस्ट्री को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा कि शरद यादव और जद (यू) के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह द्वारा 13 मार्च तक जवाब, यदि कोई हो, दायर किया जाएगा. इसने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को कार्यवाही के लिए एक पक्ष के रूप में भी शामिल किया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद कि केंद्र सरकार का इस मामले में सीधा हित है क्योंकि वह संसद सदस्य के रूप में अयोग्य होने के बाद भी सरकारी आवास पर हैं. अदालत यादव द्वारा लंबित याचिका में मंत्रालय द्वारा दायर आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने 2017 में राज्यसभा से अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी.
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एएसजी ने कहा कि चूंकि अब मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया है इसलिए सरकार को नव नियुक्त केंद्रीय मंत्रियों को आवंटित करने के लिए आवास की आवश्यकता है. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अयोग्य व्यक्ति सरकारी आवास में रह रहा है. उन्हें किस उद्देश्य से अयोग्य ठहराया गया था? जब एएसजी ने कहा कि यादव की अयोग्यता पर कोई रोक नहीं है और वह अब संसद सदस्य नहीं हैं तो पीठ ने कहा कि अभी भी उनके पास सरकारी आवास है. एएसजी ने अदालत को सूचित किया कि एक न्यायिक आदेश था जिसके द्वारा यादव को दिल्ली में अपना आधिकारिक निवास बनाए रखने की अनुमति दी गई थी.