कानपुर : जिले में रविवार को कानपुर कपड़ा कमेटी के 100 साल पूरे होने पर समिति की ओर से शताब्दी वर्ष महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कराया गया. कार्यक्रम मोतीझील स्थित लाजपत भवन सभागार में हुआ. इसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हुए. इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में कानपुर की पहचान औद्योगिक नगरी के तौर पर है. सालों पहले यहां कपड़े की मिलें चलती थीं. यहां के बने उत्पादों का डंका विदेशों तक बजता था. इसी वजह से कानपुर को पूरब का मैनचेस्टर भी कहा जाता था. बाद में मिलें बंद हो गईं. अगर इन मिलों का संचालन फिर से शुरू हो जाए तो कानपुर का पुराना स्वरूप लौट आएगा.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कपड़ा मिलों के संचालन को लेकर उन्होंने अपने स्तर से देश के तमाम विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों से संवाद किया है. जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने कानपुर कपड़ा कमेटी के पूर्व पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इस दौरान कानपुर कपड़ा कमेटी की ओर से तैयार की गई स्मारिका का विमोचन भी किया गया.
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी लिया हिस्सा : कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कानपुर के कपड़ा कारोबारियों के हुनर से ही देश के साथ-साथ विदेशों में यहां के उत्पादों की अपनी एक अलग पहचान बनी. कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पांडेय, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, जेके समूह से डा.निधिपति सिंहानिया, विश्वनाथ गुप्ता, दीपक गुप्ता, काशी प्रसाद शर्मा, श्रीकृष्ण गुप्ता, रूमित सिंह सागरी समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. यूक्रेन से भारतीय छात्रों के स्वदेश लाने के मामले में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी अहम भूमिका निभाई.
कृतिका मिश्रा से की मुलाकात : पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को सर्किट हाउस में संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में हिंदी माध्यम से आल इंडिया टॉप करने वाली कानपुर के पीरोड निवासी कृतिका मिश्रा से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का अधिक से अधिक विस्तार करने की जरूरत है. कहा कि जिला प्रशासन से लेकर न्यायालय तक हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाना चाहिए.
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