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BDA कर्मचारियों पर ऑनलाइन प्लॉट बिक्री में धोखाधड़ी करने का आरोप, केस दर्ज

बैंगलोर विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के खिलाफ ऑनलाइन प्लॉट बिक्री में धोखाधड़ी ( fraud in online plot sale) करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का है.

Bangalore Development Authority fraud
बैंगलूरू विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 26, 2022, 10:45 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में बैंगलोर विकास प्राधिकरण (BDA) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला (fraud in online plot sale) सामने आया है. जानकारी के अनुसार, यहां आवासीय भूखंडों की ऑनलाइन नीलामी में धांधली और बीडीए लेआउट में संपत्ति के पंजीकरण से संबंधित धोखाधड़ी के संबंध में प्राधिकरण कर्मचारियों और दलालों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज की गई है. जानकारी के अनुसार, ये सभी एफआईआर 20 से 24 जनवरी के बीच बीडीए के विशेष कार्य बल और सतर्कता विंग द्वारा दर्ज कराई गई है.

बीडीए के सूत्रों ने कहा कि कई इलाकों में भूखंड की नीलामी की जानी थी. इसके साथ ही निवेशकों को विश्वास दिलाया गया कि eproc.karnataka.gov.in पोर्टल ऑनलाइन बोली लगाने के लिए सुरक्षित है, लेकिन बाद में पता चला कि बीडीए के कर्मचारियों ने फर्जी संपत्ति खरीदारों के साथ मिलकर बैंक चालान के जरिए फर्जी भुगतान दिखाया. इसके बाद साइट को ब्लॉक करके जाली दस्तावेज बनाए गए और भूखंड नकली खरीदारों को बेच दिए गए.

दर्ज की गई एफआईआर में ज्यादातर बीडीए के कर्मचारी हैं. इस मामले पर एक सूत्र ने बताया कि यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का है. वहीं दूसरी ओर बीडीए अध्यक्ष और भाजपा विधायक एसआर विश्वनाथ ने कहा कि दलालों और कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल में सेंध लगाने और धोखाधड़ी करने के मामले की सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है.

यह भी पढ़ें- भ्रष्टाचार मुक्त दावे और पाकिस्तान के मुद्दे पर आप नेता संजय सिंह ने CM योगी को घेरा

बेंगलुरु : कर्नाटक में बैंगलोर विकास प्राधिकरण (BDA) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला (fraud in online plot sale) सामने आया है. जानकारी के अनुसार, यहां आवासीय भूखंडों की ऑनलाइन नीलामी में धांधली और बीडीए लेआउट में संपत्ति के पंजीकरण से संबंधित धोखाधड़ी के संबंध में प्राधिकरण कर्मचारियों और दलालों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज की गई है. जानकारी के अनुसार, ये सभी एफआईआर 20 से 24 जनवरी के बीच बीडीए के विशेष कार्य बल और सतर्कता विंग द्वारा दर्ज कराई गई है.

बीडीए के सूत्रों ने कहा कि कई इलाकों में भूखंड की नीलामी की जानी थी. इसके साथ ही निवेशकों को विश्वास दिलाया गया कि eproc.karnataka.gov.in पोर्टल ऑनलाइन बोली लगाने के लिए सुरक्षित है, लेकिन बाद में पता चला कि बीडीए के कर्मचारियों ने फर्जी संपत्ति खरीदारों के साथ मिलकर बैंक चालान के जरिए फर्जी भुगतान दिखाया. इसके बाद साइट को ब्लॉक करके जाली दस्तावेज बनाए गए और भूखंड नकली खरीदारों को बेच दिए गए.

दर्ज की गई एफआईआर में ज्यादातर बीडीए के कर्मचारी हैं. इस मामले पर एक सूत्र ने बताया कि यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का है. वहीं दूसरी ओर बीडीए अध्यक्ष और भाजपा विधायक एसआर विश्वनाथ ने कहा कि दलालों और कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल में सेंध लगाने और धोखाधड़ी करने के मामले की सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है.

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