नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 2022 में वाणिज्यिक उड़ान के लिए 1,081 पायलटों को लाइसेंस जारी किए हैं. यह बीते एक दशक में किसी एक साल में जारी सबसे अधिक लाइसेंस हैं. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली. रिकॉर्ड संख्या में ‘कमर्शियल पायलेट लाइसेंस या सीपीएल’ ऐसे वक्त जारी किए गए जब देश का नागर विमानन क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी के बाद अब तेज गति से पुनरुद्धार कर रहा है और घरेलू हवाई यातायात महामारी-पूर्व स्तर को छूने की दिशा में है.
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि छह दिसंबर, 2022 तक 1,081 सीपीएल जारी किए गए हैं और अनुमान है कि साल के अंत तक यह संख्या 1,100 को पार कर जाएगी. आंकड़ों के मुताबिक, यह संख्या 2011 के बाद से सर्वाधिक है. 2014 में 896 सीपीएल जारी किए गए थे जबकि 2021 में यह संख्या 862 थी. 2015 में 394 सीपीएल, 2016 में 537, 2017 में 552 और 2018 में यह संख्या 640 थी.
आंकड़े बताते हैं कि 2019 में जारी सीपीएल की संख्या 744 और 2020 में 578 थी. सीपीएल के लिए आवदेन कम से कम 200 घंटे की उड़ान समेत अन्य शर्तों के पूरा होने की स्थिति में किया जा सकता है. डीजीसीए तीन प्रकार के लाइसेंस जारी करता है जिनमें हैं: सीपीएल, एयर ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (एटीपीएल) और प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल). डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष छह दिसंबर तक 657 एटीपीएल जारी किए गए हैं.
(पीटीआई-भाषा)