लखनऊ: यूपी एटीएस ने मई 2017 में मोहम्मद आफताब को अयोध्या से जासूसी के मामले में गिरफ्तार (Arrested for spying from Ayodhya) किया था. आफताब अयोध्या और लखनऊ में सेना के मूवमेंट (Army Movement in Lucknow) की जानकारी देता था.
जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अफसर आफताब पर मेहरबान थे. आफताब पाकिस्तानी मेहरबान अली के संपर्क में था. जासूसी के आरोप में ही मेहरबान अली को वापस पाकिस्तान भेजा गया था. हवाला के जरिए उसको पाकिस्तान से पेमेंट हुई थी. आफताब किस ट्रेन से कौन सी रेजीमेंट कब कहां जा रही है, इस संबंध में पाकिस्तान के हैंडलर को सूचनाएं भेज रहा था. जासूसी के लिए एक महीने की ट्रेनिंग लेने आफताब कराची भी गया था.
यूपी एटीएस की स्पेशल कोर्ट (UP ATS Special Court) ने अब अयोध्या के रहने वाले आफताब को पांच साल तीन माह की सजा सुनाई है. सेना की जासूसी करते हुए साल 2017 में एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया था. दूतावास के जरिए लगातार वो पाकिस्तान को खुफिया सूचनाएं उपलब्ध कराता था. अब पांच साल से ज्यादा की सजा के साथ ही अलग-अलग अपराध के लिए अभी सजाएं तय की गई हैं.
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धारा 420 आईपीसी 120 बी आईपीसी के लिए पांच साल का सश्रम कारावास, धारा 468 आईपीसी 120 बी आईपीसी के लिए पांच साल का सश्रम कारावास धारा 3/4 शासकीय गोपनीयता अधिनियम 120 बी आईपीसी के लिए पांच साल तीन माह का सश्रम कारावास, धारा 5/4 शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 120 बी आईपीसी के लिए तीन साल का सश्रम कारावास धारा 9/4 शासकीय गोपनीयता अधिनियम 120 बी आईपीसी के लिए पांच साल तीन माह का सश्रम कारावास, धारा 17 विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 120 बी आईपीसी के लिए पांच साल का सश्रम कारावास, धारा 18 विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 120 बी आईपीसी के तहत पांच साल तीन माह का कारावास और 4800 के जुर्माने से दंडित किया गया है.
गौरतलब है कि सेना की जासूसी के मामले में लगातार भारत में रहकर पाकिस्तान से संपर्क रखने वाले जासूसों पर एटीएस लगातार कड़ी नजर रख रही है. एटीएस की सक्रियता की वजह से ही आफताब गिरफ्त में आया था और अब उसे सजा मिली है.
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