उदयपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ प्रतिमा का लोकार्पण किया. इससे पहले वह दिल्ली से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से सड़क मार्ग से राजनाथ सिंह जर्नादन राय नागर राजस्थन विद्यापीठ पहुंचे. विश्वविद्यालय में रक्षा मंत्री को कैडेट्स की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
राजनाथ सिंह का मेवाड़ी परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया. इसके बाद वे विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के लिए निकल गए. समारोह में राजनाथ सिंह 32 छात्रों को पीएचडी की उपाधि और 14 स्वर्ण पदक प्रदान करेंगे. दीक्षांत समारोह में कर्नाटक भाजपा उपाध्यक्ष डॉ. तेजस्विनी अनंत कुमार को अपने फाउंडेशन के जरिए भारतीय समाज, संस्कृति की उन्नति के लिए विशिष्ट कार्य करने के लिए जनार्दन राय नागर संस्कृति रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके तहत उन्हें रजत पत्र, प्रतीक चिन्ह, उपरणा, पगड़ी, प्रशस्ति पत्र और 1 लाख रुपए नकद राशि दी जाएगी.
महाराणा प्रताप की प्रतिम का लोकार्पण : राजनाथ सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में दो करोड़ रुपयों की लागत से तैयार पवेलियन, क्रिकेट स्टेडियम और प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ प्रतिमा का लोकार्पण किया. प्रतिमा के चारों तरफ रंग बिरंगी लाईटों के साथ फव्वारे लगाए गए हैं. कोलकाता के कारीगरों ने एक महीने में मूर्ति तैयार की है. मूर्ति के चारों तरफ प्रताप के इतिहास को दर्शाया गया है, जिससे युवा उन्हें पढ़ कर प्रेरणा ले सकें. पूर्व में सूर्य को लगाया गया है.
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर दिया बयान...
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि देश लगातार उन्नति और प्रगति की ओर बढ़ रहा है. इसका कारण है कि इस वक्त भारत 5वीं बड़ी अर्थरव्यथा बन गया है. बीते 7-8 सालों में देश की अर्थव्यवस्था 10-11 नंबर से 5वें नबंर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि 2027 तक भारत दुनिया में टॉप 3 में होगा. आज भारत अगर कोई बात कहता है तो दुनिया उसे बड़ी गंभीरता से सुनता है.
सबसे तेजी से ग्रोथ हो रहा...
दुनिया के लोग भारत में अपने सपने देख रहे हैं. पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, लेकिन अब हमारी बात कान खोलकर हर कोई सुनता है. देश के विकास में सबसे ज्यादा भूमिका नौजवानों की है. हम टॉप 5 में हैं. बिजनेस सेटअप में जो काम किया जाना चाइए वो हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश मैं 65% हनुमान जैसे तेजस्वी युवा हैं.
महापुरुषों को किया याद...
उन्होंने मेवाड़ की तारीफ करते हुए कहा कि पन्नाधाय की भक्ति महाराणा प्रताप का स्वाभिमान और भामाशाह की संपत्ति स्वभाविक रूप से राजस्थान आने पर हमारे ध्यान में आती है. उन्होंने कहा कि इन महान पुरुषों की कथाएं राजस्थान की हवाओं में हमेशा बहती रहती है. उन्होंने कहा कि कितना भी समय बीत गया हो लेकिन आज भी विश्वविद्यालय में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगती हैं जो बताती हैं कि इन महापुरुषों का प्रताप हमेशा विद्यमान रहेगा.
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कई उदाहरण और कहानियों के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने का भी काम किया. उन्होंने कहा कि बड़े कठिन परिश्रम और मेहनत से आप लोग यहां तक पहुंचे हैं.लेकिन इसके बावजूद कुछ खबरें सुनने को मिलती हैं जिससे मन बड़ा दुखी होता है. कोटा सुसाइड की खबरें पढ़ता हूं तो विचलित हो जाता हूं. उन्होंने कहा कि सब युवाओं के कुछ सपने होते हैं. कोई लक्ष्य आपसे बड़ा कैसे हो सकता है. इंजीनयर या डॉक्टर बनना ही सब कुछ नहीं होता है. बच्चों का आत्महत्या करने जैसे कदम उठाना समाज का फेल्योर है. उन्होंने कहा कि बच्चों का मूल्यांकन नंबर के आधार पर होता है जबकि उन्हें उनके हौसलों पर छोड़ना चाहिए.
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अलकायदा को लेकर कही ये बड़ी बात...
दीक्षांत समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने बड़े ही आध्यात्मिक और कहानियों के माध्यम से अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि इंफोसिस और अलकायदा दोनों का अपना मिशन होता है. एक की भूमिका समाज के लिए कल्याणकारी जबकि दूसरे की भूमिका विनाशकारी है. इसलिए मनुष्य की भूमिका महत्वपूर्ण है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रसिद्ध लेखक थॉमस फ्रीडमैन का अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार में इन्फोसिस वर्सेज अलकायदा नाम से एक लेख छपा था. लोग अचंभित थे कि इन दोनों की तुलना करने की क्यों आवश्यकता है. इन्फोसिस में काम करने वाले पढ़े-लिखे नौजवान होते हैं और अलकायदा में भी कोई अनपढ़ नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे नौजवान ही होते हैं.लेकिन दोनों का अपना मकसद होता है.
अटल बिहारी वाजपेई की कविता भी सुनाएं...
इस दौरान मौजूद युवाओं को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का करते छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता है.उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर ईर्ष्या और जलन की भावना देखने को मिलती है. लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में तो यह बहुत ज्यादा देखने को मिलता है.राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने मेरे जीवन में किसी से ईर्ष्या और जलन नहीं रखी है.उन्होंने कहा कि कभी भी मैंने किसी आदमी का पैर खींचने की कोशिश नहीं की ऐसा आप सभी युवा भी कभी मत करना.