सीतामढ़ी: हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा की आग गुरुग्राम तक पहुंच गई. सोमवार दोपहर करीब 12 बजे गुरुग्राम के सेक्टर 57 में स्थित मस्जिद में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी. उन्मादी भीड़ ने मस्जिद में मौजूद दो इमाम पर हमला कर दिया. इस दौरान चाकूबाजी में इमाम हाफिज साद (19) की मौत हो गई. मृतक इमाम सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड के पंडौल बुजुर्ग पंचायत के मनियाडीह गांव वार्ड नंबर 8 के निवासी थे. उनकी मौत की खबर मिलने के बाद गांव और परिवार के लोगों ने न्याग की मांग की है.
गुरुग्राम की मस्जिद में सीतामढ़ी के इमाम की हत्या : मृतक इमाम हाफिज साद के पिता मोहम्मद मुशताक उर्फ लड्डू ने उनके घर में कमाने वाला इमाम हाफिज ही था, जिसके कंधे पर पूरी घर की जिम्मेवारी थी. वो अपने भाई के साथ कल आने वाला था. हम उन्हें लेने मुजफ्फरपुर स्टेशन पर जाने वाले थे, लेकिन आज हमें उस एंबुलेंस का इंतजार हैं, जो उसके शव को लाएगी.
"मेरे दामाद को वहां से फोन आया कि उसकी हत्या कर दी गई है. वो लोग बोले की आज आ जाओ. मेरा बच्चा ही मेरा सहारा है. एक तारीख का टिकट बना हुआ था. रिटर्न का भी टिकट बना हुआ था. लेकिन इससे पहले ही हादसा हो गया. आखिरी बार परसो फोन किया था." - मोहम्मद मुशताक उर्फ लड्डू, मृतक के पिता
पिता को बेटे के खिलाफ साजिश की आशंका : इमाम हाफिज साद के पिता ने हरियाणा सरकार से आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने बेटे के खिलाफ साजिश की आशंका भी जताई. मोहम्मद मुशताक ने कहा कि वहां पहले से पुलिस थी तो इस तरह की घटना कैसे हुई और घटना में 100 से 200 लोग शामिल थे तो 10 लोगों की ही गिरफ्तारी क्यों कि गई है?.
'वहां के हालात खराब है.. कुछ दिन बाद घर लौटना' : वहीं, इमाम साद के बड़े भाई शादाब अनवर गुरुग्राम में ही रहते हैं. शादाब आजीविका के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं. शादाब ने बताया कि सोमवार को 11:30 बजे मेरे भाई से मेरी बात हुई थी. मंगलवार को सीतामढ़ी के लिए ट्रेन पकड़ने वाले थे. मैंने उनसे कहा था कि वहां के हालात खराब है. कुछ दिन बाद लौटना. उन्होंने कहा कि यहां सब ठीक है. सुबह से पुलिस तैनात है. उनके मुताबिक, पुलिस की कई गाड़ियां वहां मौजूद थी. फिर मस्जिद में भीड़ कैसे घुसी?
''मेरी 11:30 बजे बात हुई और घटना 12:30 बजे हुई. 1:30 बजे मेरे पास फोन आता है कि आप हॉस्पिटल आ जाइये, आपके भाई पर हमला हुआ है. वो घायल है, उन्हें ICU में रखा गया है. लेकिन ऐसा नहीं था उनकी तो मस्जिद में ही मौत हो चुकी थी. पुलिस का कहना है कि 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन वहां तो 250-300 लोगों की भीड़ थी.'' - शादाब, मृतक के भाई
'साद ने मस्जिद छोड़कर जाने से किया था इनकार' : वहीं, नायब इमाम हाफिज साद के मामा ने बताया कि उसके बड़े भाई शादाब ने उन्हें फोन कर बताया था कि कल सीतामढ़ी के लिए दोनों भाई ट्रेन पकड़ने वाले है, लेकिन साद अभी मस्जिद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. मस्जिद के मुख्य इमाम वहां नहीं है. वो बाहर गए है. इसलिए मुख्य इमाम के आने तक साद को रुकना पड़ेगा.
उपद्रवियों ने मस्जिद में घुसकर ली जान: इधर, हाफिज साद की मां सनोबर खातून भी अपने बेटे की मौत के गम में बदहवास है. हाफिज अभी अविवाहित था. जानकारी के मुताबिक मृतक दिसंबर 2022 से गुरुग्राम मस्जिद में इमाम था. बुधवार को मृतक हाफिज साद का शव उसके पैतृक गांव नानपुर पहुंचा. शव पहुंचते ही गांव में चीख-पुकार मच गयी. हाफिज के शव को इसके बाद सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. साद की हत्या की खबर से पूरे गांव में मातम का माहौल कायम है. वहीं स्थानीय लोगों ने सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया है. साथ ही इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है. वहीं गुरुग्राम पुलिस ने इस घटना में कार्रवाई की बात कही है.
"जो देश में हो रहा है. मॉब लिंचिंग के नाम पर हो या धर्म के नाम पर हो, पूरे पंचायत में शोक की लहर हैं. हमलोग पूरे परिवार के साथ हैं. बच्चे के साथ जो घटना घटी है. उससे दुखी हैं. हमलोग ये मांग करते हैं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. फांसी की सजा भी उन लोगों के लिए कम होगी." - स्थानीय, मनियाडीह गांव