नयी दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ निर्वाचन आयोग के ‘अनौपचारिक संवाद’ को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार निर्वाचन आयोग के साथ अपने मातहत के तौर पर व्यवहार कर रही है.
पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala ) ने यह दावा भी किया कि सरकार देश की संस्थाओं को नष्ट करने के मामले में बहुत ही नीचे गिर चुकी है. दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शुक्रवार को लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया था. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की स्वायत्तता को लेकर सवाल खड़े किए थे, हालांकि लखीमपुर खीरी मामले पर हंगामे की वजह से निचले सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई.
तिवारी ने कहा कि वह सोमवार को फिर से इस विषय पर कार्यस्थगन का नोटिस देंगे. कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि चीजें बेनकाब हो गई हैं और जो बातें पहले कहीं जाती थीं, वो तथ्य हैं.
उन्होंने आरोप लगाया, 'स्वतंत्र भारत में कभी नहीं सुना गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त को तलब किया गया हो. निर्वाचन आयोग के साथ अपने मातहत के तौर पर व्यवहार करने से साफ है कि मोदी सरकार हर संस्था को नष्ट करने के मामले में काफी नीचे गिर चुकी है.'
पढ़ेंः भारत दुनिया के टॉप 25 रक्षा निर्यातकों में शामिल, जल्द बनेगा दुनिया का नंबर वन- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्तों- राजीव कुमार तथा अनूप चंद्र पांडे ने प्रमुख चुनाव सुधारों को लेकर निर्वाचन आयोग एवं कानून मंत्रालय के बीच परस्पर समझ बनाने के लिए हाल में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ एक 'अनौपचारिक संवाद' किया था. आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने में औचित्य का कोई सवाल नहीं उठता है.
उन्होंने बताया कि आयोग चुनाव कानूनों में सुधारों और संबद्ध मुद्दों पर जोर देता रहा है तथा नवंबर में डिजिटल माध्यम से हुई बातचीत कानून मंत्रालय एवं निर्वाचन आयोग के बीच विभिन्न बिंदुओं पर परस्पर समझ बनाने के लिए की गई.
(पीटीआई-भाषा)