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ओडिशा में पशु बलि के बाद बच्चों ने पिया उसका खून, सनसनी - animal sacrifice in Odisha

स्थानीय लोगों ने बच्चों को कुत्ते के पिल्ले की बलि देते और उनका खून पीते भी देखा. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में उन्हें रेबीज का टीका लगाया गया, जिसके बाद बच्चों की हालत अभी स्थिर बतायी जा रही है. बच्चों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से उनके इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है.

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Published : Mar 3, 2022, 7:47 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 10:05 PM IST

बलांगीर: ओडिशा में पशु बलि (animal sacrifice in Odisha) देने के बाद बच्चों द्वारा खून पीने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. हालांकि, इस मामले में बच्चों के इलाज के बाद वे अब स्वस्थ हैं. लेकिन इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. यह घटना बलांगीर जिले की है, जहां बच्चों ने पशु बलि दिया और फिर उसका खून भी पिया.

जानकारी के मुताबिक, बलांगीर जिले का प्रमुख पर्व सुलिया जात्रा का आयोजन किया गया था. इस मेले में बुढ़े से लेकर बच्चे तक शामिल होते हैं और पशुओं की बलि देने के लिए आगे आते हैं. पंडारापिता गांव के पांच बच्चों ने भी ये देखा और उन्होंने खेल-खेल में पशु बलि देने का तय किया. स्थानीय लोगों ने बच्चों को कुत्ते के पिल्ले की बलि देते और उनका खून पीते भी देखा. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में उन्हें रेबीज का टीका लगाया गया, जिसके बाद बच्चों की हालत अभी स्थिर बतायी जा रही है. बच्चों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से उनके इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है.

बता दें कि बलांगीर जिले का महापर्व सुलिया जात्रा में पशु बलि दी जाती है और उसे देवता को चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इससे देवता खुश होते हैं और खेतीबारी अच्छी होती है. सुलिया देवता को मानने वाले आदिवासी परिवार खासतौर पर इसे मनाते हैं. सुलिया जात्रा में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ से भी कंध आदिवासी समुदाय व उनकी उपजातियों के लोग आते हैं. इस मेले में आदिवासी समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं और नाचते-गाते सुलिया देवता के मंदिर के पास पहुंचते हैं.

बलांगीर: ओडिशा में पशु बलि (animal sacrifice in Odisha) देने के बाद बच्चों द्वारा खून पीने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. हालांकि, इस मामले में बच्चों के इलाज के बाद वे अब स्वस्थ हैं. लेकिन इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. यह घटना बलांगीर जिले की है, जहां बच्चों ने पशु बलि दिया और फिर उसका खून भी पिया.

जानकारी के मुताबिक, बलांगीर जिले का प्रमुख पर्व सुलिया जात्रा का आयोजन किया गया था. इस मेले में बुढ़े से लेकर बच्चे तक शामिल होते हैं और पशुओं की बलि देने के लिए आगे आते हैं. पंडारापिता गांव के पांच बच्चों ने भी ये देखा और उन्होंने खेल-खेल में पशु बलि देने का तय किया. स्थानीय लोगों ने बच्चों को कुत्ते के पिल्ले की बलि देते और उनका खून पीते भी देखा. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में उन्हें रेबीज का टीका लगाया गया, जिसके बाद बच्चों की हालत अभी स्थिर बतायी जा रही है. बच्चों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से उनके इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है.

बता दें कि बलांगीर जिले का महापर्व सुलिया जात्रा में पशु बलि दी जाती है और उसे देवता को चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इससे देवता खुश होते हैं और खेतीबारी अच्छी होती है. सुलिया देवता को मानने वाले आदिवासी परिवार खासतौर पर इसे मनाते हैं. सुलिया जात्रा में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ से भी कंध आदिवासी समुदाय व उनकी उपजातियों के लोग आते हैं. इस मेले में आदिवासी समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं और नाचते-गाते सुलिया देवता के मंदिर के पास पहुंचते हैं.

Last Updated : Mar 3, 2022, 10:05 PM IST
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