नई दिल्ली: देश में कोरोना और ब्लैक फंगस (Black Fungus) के फिर से बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से चिंता जाहिर की गई है. इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस और कोरोना से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को लेकर अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई बैठक में चिंता व्यक्त की गई कि इस साल अप्रैल-मई के महीने में ब्लैक फंगस के कारण 4457 मौतें हुईं. बैठक के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को कोविड संभावित क्षेत्रों पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के सुझाव दिए हैं. स्वास्थ्य सचिव ने 10 प्रतिशत से ज्यादा कोविड पॉजिटिव रेट वाले क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही.
केंद्र ने 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 166 केंद्रीय टीमों को तैनात किया है ताकि उन्हें कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद मिल सके. महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी की समस्या से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को तेजी से ट्रैक करने के लिए, 18,000 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर राज्यों को आवंटित किए हैं.
पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान, लोकसभा 26 जुलाई तक स्थगित
दूसरी लहर से लेनी चाहिए सबक
वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी के अध्यक्ष डॉ तामोरिश कोले ने बताया कि म्यूकोर्मिकोसिस दूसरी लहर के दौरान चिंता का कारण बन गया और अप्रैल से लेकर अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में म्यूकोर्मिकोसिस के कुल 46,344 मामले सामने आए.
इनमें से 19,832 का इलाज चल रहा है और 4457 की मौत हो चुकी है. कहा कि फंगल महामारी आम तौर पर आपदाओं और महामारियों के बाद ही होती है जब बड़ी संख्या में रोगी होते हैं, विशेष रूप से प्रतिरक्षित रोगी. दूसरी लहर से सबक लेते हुए हमें तीसरी लहर से बचाव की तैयारी करनी चाहिए.
दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल जनवरी से देश में कोरोना से 414482 मौतें हुईं, जिसमें महाराष्ट्र 127097 लोगों की मौत के साथ सबसे आगे रहा, जिसके बाद कर्नाटक में 36197 और तमिलनाडु में 33752 मौतें हुईं. वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, देश ने मार्च-जून के बीच पिछले चार महीनों में 69,709 मौतों को दर्ज करते हुए महाराष्ट्र में अधिकतम लोगों की मौत हुई. इसी अवधि के दौरान कर्नाटक में 22603 मौतें और तमिलनाडु ने 20013 तीसरी सबसे अधिक मृत्यु दर्ज की.