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Year Old Case Solved in Brain Mapping Test: ब्रेन मैपिंग से युवक की हत्या की गुत्थी सुलझी, खुला हत्या करने का राज

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Published : Jan 26, 2023, 4:14 PM IST

कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्रेन मैपिंग के जरिए एक युवक की हत्या के राज से पर्दाफाश हो गया. इस मामले में आरोपी वकील और उसके सहयोगी ने हत्या किए जाने की बात स्वीकार कर ली है.

Brain mapping solved the murder of a young man
ब्रेन मैपिंग से युवक की हत्या की गुत्थी सुलझी

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्रेन मैपिंग से एक युवक की हत्या की गुत्थी का खुलासा हो जाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि 19 मई 2022 में एक युवक रहस्यमय ढंग से लापता हो गया. पुलिस ने उसकी तलाश की लेकिन वह नहीं मिला. जांच में पता चला कि एक वकील और उसके सहयोगी ने उसका यौन शोषण किया. हालांकि उसके बाद लड़के का क्या हुआ, यह पता नहीं चल सका. न तो पलिस पता लगा पाई न ही आरोपियों ने बताया कि लड़का रहस्यमयी ढंग से कहां चला गया. आखिरकार पुलिस ने इस मामले में ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग (बीईओएस) टेस्ट का यूज किया. ब्रेन मैपिंग हुई और केस ने एक नया मोड़ ले लिया है. पॉलीग्राफ टेस्ट से पुष्टि हुई कि दोनों ने ही सबूत मिटाने के लिए लड़के की हत्या की थी. इसके बाद पुलिस ने 45 साल के शंकरगौड़ा जीपी और कनकपुरा निवासी अरुणा एन (24) को गिरफ्तार किया.

पुलिस के अनुसार बेंगलुरु का रहने वाला किशोर 19 मई की रात करीब 11 बजे अपने घर से निकला था. उसने मां को बताया कि वह कनकपुरा शहर में पुराने कार्यालय से फाइलों को नए स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए शंकरेगौड़ा के कार्यालय जा रहा है. हालांकि वह घर नहीं लौटा. उसकी मां ने 24 मई को कनकपुरा टाउन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शंकरगौड़ा और उसकी सहयोगी अरुणा समलैंगिक थे और उन्होंने किशोरी का यौन शोषण किया और फिर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों ने अपने अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. पुलिस को उनके मोबाइल फोन की जांच के बाद यौन उत्पीड़न के सबूत मिले. यौन उत्पीड़न के दौरान की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए गए. पुलिस ने दोनों को अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया.

उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया. आरोपी ने यह नहीं बताया कि दुष्कर्म के बाद किशोर के साथ क्या हुआ. उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया और एक अदालत ने 17 नवंबर, 2022 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इस बीच, पुलिस ने दोनों के वैज्ञानिक परीक्षण, विशेष रूप से ब्रेन-मैपिंग टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अदालत से अनुमति मांगी. 8 दिसंबर, 2022 को अदालत ने पुलिस के अनुरोध को विभिन्न शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया, जिसमें संदिग्धों को इसके लिए अपनी सहमति देनी होगी. कर्नाटक फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने नवंबर में बीईओएस परीक्षण शुरू किया. ब्रेन मैपिंग टेस्ट में सामने आया है कि युवक को गोली देकर असामान्य यौन क्रिया की गई और फिर हत्या कर झील में फेंक दी गई. इसके मुताबिक पुलिस आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है.

ये भी पढ़ें - Bomb Attack Threat In Ahmedabad: गणतंत्र दिवस पर अहमदाबाद पुलिस को मिला बम धमाके की धमकी का पत्र, हाई अलर्ट जारी

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्रेन मैपिंग से एक युवक की हत्या की गुत्थी का खुलासा हो जाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि 19 मई 2022 में एक युवक रहस्यमय ढंग से लापता हो गया. पुलिस ने उसकी तलाश की लेकिन वह नहीं मिला. जांच में पता चला कि एक वकील और उसके सहयोगी ने उसका यौन शोषण किया. हालांकि उसके बाद लड़के का क्या हुआ, यह पता नहीं चल सका. न तो पलिस पता लगा पाई न ही आरोपियों ने बताया कि लड़का रहस्यमयी ढंग से कहां चला गया. आखिरकार पुलिस ने इस मामले में ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग (बीईओएस) टेस्ट का यूज किया. ब्रेन मैपिंग हुई और केस ने एक नया मोड़ ले लिया है. पॉलीग्राफ टेस्ट से पुष्टि हुई कि दोनों ने ही सबूत मिटाने के लिए लड़के की हत्या की थी. इसके बाद पुलिस ने 45 साल के शंकरगौड़ा जीपी और कनकपुरा निवासी अरुणा एन (24) को गिरफ्तार किया.

पुलिस के अनुसार बेंगलुरु का रहने वाला किशोर 19 मई की रात करीब 11 बजे अपने घर से निकला था. उसने मां को बताया कि वह कनकपुरा शहर में पुराने कार्यालय से फाइलों को नए स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए शंकरेगौड़ा के कार्यालय जा रहा है. हालांकि वह घर नहीं लौटा. उसकी मां ने 24 मई को कनकपुरा टाउन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शंकरगौड़ा और उसकी सहयोगी अरुणा समलैंगिक थे और उन्होंने किशोरी का यौन शोषण किया और फिर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों ने अपने अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. पुलिस को उनके मोबाइल फोन की जांच के बाद यौन उत्पीड़न के सबूत मिले. यौन उत्पीड़न के दौरान की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए गए. पुलिस ने दोनों को अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया.

उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया. आरोपी ने यह नहीं बताया कि दुष्कर्म के बाद किशोर के साथ क्या हुआ. उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया और एक अदालत ने 17 नवंबर, 2022 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इस बीच, पुलिस ने दोनों के वैज्ञानिक परीक्षण, विशेष रूप से ब्रेन-मैपिंग टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अदालत से अनुमति मांगी. 8 दिसंबर, 2022 को अदालत ने पुलिस के अनुरोध को विभिन्न शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया, जिसमें संदिग्धों को इसके लिए अपनी सहमति देनी होगी. कर्नाटक फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने नवंबर में बीईओएस परीक्षण शुरू किया. ब्रेन मैपिंग टेस्ट में सामने आया है कि युवक को गोली देकर असामान्य यौन क्रिया की गई और फिर हत्या कर झील में फेंक दी गई. इसके मुताबिक पुलिस आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है.

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